मेरे नैना छमा छम बरसे लिरिक्स Mere Naina Chhama Chham Lyrics
मेरे नैना छमा छम बरसे लिरिक्स Mere Naina Chhama Chham Lyrics
मेरे नैना छमा छम बरसे,दरश हित तरसे,
तू आजा प्यारे साँवरिया।
ऋतु राज ने ली अंगड़ाई,
कली कली मुसकाई,
बीत चला कुसमित कुसमाकर,
कसक कलेजे ढाई,
अजहुँ न आये रसिया प्रीतम,
मनहर छेल कन्हाई,
आहू मैं तो तेरे रूप की प्यासी,
मोल लाइ दासी,
तू आजा प्यारे साँवरिया।
उड़त गुलाल रंग पिचकारी,
फागुन के दिन आये,
केसर कीच मची गलियन में,
होरी सब को भाये,
नाच रहे ब्रज ग्वाल गोपियां,
गीत प्रीत के गाय,
मुझ पगली के बिछड़े प्रीतम,
हाय कौन मिलाए,
मैं पल पल पंथ निहारू,
अपन को वारु,
तू आजा प्यारे साँवरिया।
उमड़ घुमड़ नभ छाये बदरुआ,
चातक पी पी बोले,
बिरहन कोकिल कूक कूक कर,
भेद प्रीत के खोले,
कोन सुने पगले पंछी की,
सिसकत इत उत डोले,
कहा छुप गए प्यार बढ़ाकर,
मेरे साजन भोले,
मेरा जियरा भर भर आये,
चैन ना पाये,
तू आजा प्यारे साँवरिया।
मेरे नैना छमा छम बरसे,
दरश हित तरसे,
तू आजा प्यारे साँवरिया।
मेरे नैना छमा छम बरसे दरस बिन तरसे | Sadhvi Purnima Ji Krishna Bhajan | Radha Shyam Bhajan
राधा और कृष्ण: हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति का प्रतीक
राधा और कृष्ण हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति के सबसे लोकप्रिय प्रतीक हैं। वे गोकुल में रहने वाले दो युवा थे, और उनकी प्रेम कहानी सदियों से लोगों को प्रेरित करती रही है।
राधा एक गोपी थीं, जो कृष्ण की बाल्यकाल की मित्र और प्रेमिका थीं। वह एक सुंदर और दयालु लड़की थीं, और कृष्ण उनके प्रति अत्यधिक आकर्षित थे। कृष्ण भी एक सुंदर और आकर्षक लड़के थे, और वह राधा के प्रति भी गहरी भावनाएं रखते थे।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी कई हिंदू ग्रंथों में वर्णित है, जिनमें भागवत पुराण और गीता शामिल हैं। इन ग्रंथों के अनुसार, राधा और कृष्ण एक-दूसरे के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। वे एक-दूसरे के साथ खेलते थे, गाते थे, और हंसते थे। वे एक-दूसरे के लिए हमेशा मौजूद थे, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी एक आदर्श प्रेम और भक्ति की कहानी है। यह हमें सिखाता है कि प्रेम बिना शर्त और सर्वव्यापी होना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति के महत्व का प्रतीक है। यह हमें यह भी सिखाता है कि प्रेम और भक्ति सभी के लिए उपलब्ध है, चाहे उनकी सामाजिक स्थिति या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है। यह हमें बताती है कि प्रेम और भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा अर्थ है।
राधा और कृष्ण हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति के सबसे लोकप्रिय प्रतीक हैं। वे गोकुल में रहने वाले दो युवा थे, और उनकी प्रेम कहानी सदियों से लोगों को प्रेरित करती रही है।
राधा एक गोपी थीं, जो कृष्ण की बाल्यकाल की मित्र और प्रेमिका थीं। वह एक सुंदर और दयालु लड़की थीं, और कृष्ण उनके प्रति अत्यधिक आकर्षित थे। कृष्ण भी एक सुंदर और आकर्षक लड़के थे, और वह राधा के प्रति भी गहरी भावनाएं रखते थे।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी कई हिंदू ग्रंथों में वर्णित है, जिनमें भागवत पुराण और गीता शामिल हैं। इन ग्रंथों के अनुसार, राधा और कृष्ण एक-दूसरे के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। वे एक-दूसरे के साथ खेलते थे, गाते थे, और हंसते थे। वे एक-दूसरे के लिए हमेशा मौजूद थे, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी एक आदर्श प्रेम और भक्ति की कहानी है। यह हमें सिखाता है कि प्रेम बिना शर्त और सर्वव्यापी होना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह हिंदू धर्म में प्रेम और भक्ति के महत्व का प्रतीक है। यह हमें यह भी सिखाता है कि प्रेम और भक्ति सभी के लिए उपलब्ध है, चाहे उनकी सामाजिक स्थिति या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है। यह हमें बताती है कि प्रेम और भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा अर्थ है।