बड़ी देर भई नंदलाला भजन लिरिक्स Badi Der Bhayi Nandlala Lyrics : Krishna Bhajan
बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृज बाला,
ग्वाल बाल एक एक से पूछे,
ग्वाल बाल एक एक से पूछे,
कहाँ हैं मुरली वाला रे,
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृज बाला।
कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में,
तुझ बिन कलियाँ चुनने को,
तरस रहे हैं यमुना के तट,
धुन मुरली की सुनने को,
अब तो दरस दिखा दे नटखट,
क्यों दुविधा में डाला रे,
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृज बाला।
संकट में हैं आज वो धरती,
जिस पर तुने जनम लिया,
पूरा करदे आज वचन वो,
गीता में जो तुने दिया,
कोई नहीं हैं तुझ बिन मोहन,
भारत का रखवाला रे,
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृज बाला।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृज बाला,
ग्वाल बाल एक एक से पूछे,
ग्वाल बाल एक एक से पूछे,
कहाँ हैं मुरली वाला रे,
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृज बाला।
Badi Der Bhayi Nandlala ~ बड़ी देर भई नंदलाला ~ Krishna New Bhajan ~ Bankey Bihari Bhajan
भगवान श्रीकृष्ण को नंदलाला इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका लालन-पालन नंद बाबा और यशोदा ने किया था। नंद बाबा गोकुल के एक गोपाल थे, और यशोदा उनकी पत्नी थीं। जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो उन्हें गोकुल में नंद बाबा के घर छोड़ दिया गया था ताकि कांस का वध कर सकें। नंद बाबा और यशोदा ने कृष्ण को अपने पुत्र के रूप में पाला-पोसा।
नंदलाला का अर्थ है "नंद का लाला" या "नंद का पुत्र"। भगवान कृष्ण को नंदलाला कहकर उनका यह सम्मान दिया जाता है कि उन्होंने अपने बचपन में नंद बाबा और यशोदा की सेवा की थी। उन्होंने नंद बाबा और यशोदा को अपने माता-पिता के रूप में स्वीकार किया और उनके साथ प्रेमपूर्वक रहते थे।
भगवान कृष्ण की नंदलाला वाली लीलाएं बहुत प्रसिद्ध हैं। वे गोकुल में गोप बालों के साथ खेलते थे, उन्हें माखन चोरी करते थे, और कालिया नाग का वध करते थे। इन लीलाओं ने उन्हें एक लोकप्रिय देवता बना दिया है।
भगवान कृष्ण नंदलाला के रूप में हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। हमें उनके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।
नंदलाला का अर्थ है "नंद का लाला" या "नंद का पुत्र"। भगवान कृष्ण को नंदलाला कहकर उनका यह सम्मान दिया जाता है कि उन्होंने अपने बचपन में नंद बाबा और यशोदा की सेवा की थी। उन्होंने नंद बाबा और यशोदा को अपने माता-पिता के रूप में स्वीकार किया और उनके साथ प्रेमपूर्वक रहते थे।
भगवान कृष्ण की नंदलाला वाली लीलाएं बहुत प्रसिद्ध हैं। वे गोकुल में गोप बालों के साथ खेलते थे, उन्हें माखन चोरी करते थे, और कालिया नाग का वध करते थे। इन लीलाओं ने उन्हें एक लोकप्रिय देवता बना दिया है।
भगवान कृष्ण नंदलाला के रूप में हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। हमें उनके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।