पेट सफा चूर्ण के फायदे उपयोग सेवन विधि

पेट सफा चूर्ण के फायदे उपयोग सेवन विधि Pet Saffa Churn Ke Fayde Kabj Acidity ko door Karne Ke Liye

पेट सफा चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यह 16 जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है, जो मल त्याग को नियमित करने, पाचन तंत्र को मजबूत करने और अपच को दूर करने में मदद करता है। पेट सफा आयुर्वेदिक ग्रेन्यूल्स का उपयोग कब्ज, गैस, और एसिडिटी जैसी पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है जो पेट स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। ये जड़ी-बूटियाँ पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करती हैं और पेट को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। पेट सफा चूर्ण एक 100% आयुर्वेदिक उत्पाद है जो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से समृद्ध है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। पेट सफा चूर्एण एक सुरक्षित और प्रभावी उत्पाद है जो कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।
 
पेट सफा चूर्ण के फायदे उपयोग सेवन विधि Pet Saffa Churn Ke Fayde Kabj Acidity Door Kare
 
कुछ मुख्य घटक इस आयुर्वेदिक ग्रेन्यूल्स में शामिल होते हैं, जैसे कि सोनामुखी, काला नमक, हरीतकी, सेंधा नमक, और अन्य जड़ी-बूटियाँ, जो पेट की सफाई को बनाए रखने और मल त्याग को नियमित करने में मदद कर सकती हैं। यह ग्रेन्यूल्स अच्छी तरह से डिज़ाइन किए जाते हैं ताकि आपके पेट स्वस्थ रहे और आपको कब्ज, गैस, और एसिडिटी की समस्याओं से राहत मिले।

पेट सफा चूर्ण के फायदे Benefits of Pet Saffa Churna in Hindi

आपके द्वारा दी गई जानकारी सही है। पेट सफा चूर्ण एक आयुर्वेदिक उत्पाद है जिसका उपयोग पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह कब्ज, बवासीर, गैस, मरोड़, अम्लता, और अन्य पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

कब्ज दूर करने में पेट सफा के फायदे Benefits of cleaning stomach in relieving constipation

पेट सफा चूर्ण का मुख्य फायदा कब्ज को दूर करने के लिए माना जाता है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि आपको कब से जल्द से जल्द राहत दिलाते हैं।

गैस की समस्या को करे दूर

पेट सफा चूर्ण में अजवाइन, सौंफ, जीरा, और निशोथ जैसे तत्व पाए जाते हैं जो गैस को दूर करने में मदद करते हैं। ये तत्व गैस को बनाने वाले बैक्टीरिया को कम करने में मदद करते हैं और गैस की जलन को कम करते हैं। पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने से, गैस की समस्या से होने वाली सिरदर्द, पेट दर्द, और अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है। पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने से पहले, अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं या कोई स्वास्थ्य समस्या है।

पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने के लिए, आप एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास पानी या दूध में मिलाकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं। आप इसे दिन में एक बार या दो बार ले सकते हैं। पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने के बाद, आपको कुछ घंटों के भीतर गैस की समस्या से राहत मिल सकती है।

पेट सफा चूर्ण आंतों की सफाई करने में भी बहुत फायदेमंद

पेट सफा चूर्ण आंतों की सफाई करने में बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आंतों को साफ करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करते हैं। पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने से, आंतों में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। इससे मल त्याग नियमित हो सकता है और मल नरम और आसानी से शरीर से बाहर निकलता है. पेट सफा चूर्ण एक प्राकृतिक उत्पाद है, इसलिए इसका उपयोग करने से कोई लत नहीं लगती। यह सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है। पेट सफा चूर्ण में मौजूद औषधियां पेट के पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं, जिससे भोजन को पचाने में आसानी होती है।

पेट सफा चूर्ण के अन्य फायदे/लाभ Pet Safa Churna Benefits in Hindi

  • कब्ज से राहत - पेट सफा चूर्ण में मौजूद रेचक तत्व मल त्याग को आसान बनाते हैं। इससे कब्ज से राहत मिलती है।
  • विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना - पेट सफा चूर्ण में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व आंतों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत करना - पेट सफा चूर्ण में मौजूद औषधियां पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं और भोजन को पचाने में मदद करती हैं।
  • अन्य जटिलताओं को रोकना - कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकती हैं, जैसे कि बवासीर, अम्लता, और पेट दर्द। पेट सफा चूर्ण इन जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।

पेट सफा चूर्ण के नुकसान / दुष्प्रभाव pet saffa churna side effects in hindi

पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने से कोई नुकसान या साइड इफेक्ट नहीं होता है, जब तक कि इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर सीमित या निर्धारित खुराक में किया जाए। पेट सफा चूर्ण में मौजूद रेचक तत्व मल त्याग को आसान बनाते हैं। यदि अधिक मात्रा में लिया जाए, तो ये तत्व बहुत अधिक मल त्याग को प्रेरित कर सकते हैं, जिससे दस्त हो सकता है। पेट सफा चूर्ण को लगातार अधिक मात्रा में लेने पर, बार-बार शौचालय जाने की आवश्यकता हो सकती है। इससे कुपोषण का भी खतरा हो सकता है, क्योंकि अधिकांश भोजन अवशोषण से पहले बाहर निकल जाता है।

पेट सफा चूर्ण का उपयोग करने से पहले, इन सावधानियों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
  1. गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए इसकी सलाह नहीं दी जाती है।
  2. यदि आपको दस्त है, तो आप इसको लेने से बचे।
  3. पेट में दर्द, आंतो में कोई बाधा है तो आपको डॉक्टर की सलाह पर इसे लेना चाहिए।
  4. यदि आप कब्ज से पीड़ित नहीं हैं तो केवल एक छोटी चुटकी का सेवन करें।
  5. हाई ब्लड प्रेशर (BP) वालों को इसको लेने से बचना चाहिए।
  6. डॉक्टर की सलाह बिना इसे लंबे समय तक न लें।

FAQ About Pet Saffa Churna in Hindi

Q: क्या पेट सफा चूर्ण को नॉर्मल पानी के साथ ले सकते हैं?

A: हाँ, आप पेट सफा चूर्ण को नॉर्मल पानी के साथ ले सकते हैं। लेकिन यह बेहतर होगा कि आप इसे गुनगुने पानी के साथ लें। गुनगुना पानी चूर्ण को पचाने में मदद करेगा और दस्त को रोकने में भी मदद करेगा।

Q: क्या पेट सफा चूर्ण को प्रेगनेंसी के दौरान ले सकते है?

A: नहीं, पेट सफा चूर्ण को प्रेगनेंसी के दौरान नहीं लेना चाहिए। पेट सफा चूर्ण में मौजूद रेचक तत्व गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

Q: क्या हम रोज पेट सफा चूर्ण ले सकते हैं?

A: हाँ, आप रोज पेट सफा चूर्ण ले सकते हैं। पेट सफा चूर्ण के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। इन चूर्ण का प्रतिदिन सेवन करने में कोई समस्या नहीं है।

Q: क्या कब्ज में छोटे बच्चे को पेट सफा चूर्ण देना चाहिए?

A: नहीं, छोटे बच्चे को पेट सफा चूर्ण नहीं देना चाहिए। पेट सफा चूर्ण में मौजूद रेचक तत्व छोटे बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
 
Q: क्या पेट सफा ( pet saffa ) दैनिक उपयोग के लिए सुरक्षित है?

हाँ, पेट सफा दैनिक उपयोग के लिए सुरक्षित है। यह एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसमें कोई हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। हालांकि, यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया अपने डॉक्टर या आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लें।
 

Q: क्या पेट सफा ( pet saffa ) का कोई दुष्प्रभाव है?

पेट सफा का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं है। हालांकि, कुछ लोगों को पेट दर्द, दस्त, या पेट फूलना जैसी हल्की समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपको कोई दुष्प्रभाव दिखाई देता है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।

Q: पेट सफा किसके लिए प्रयोग किया जाता है?

पेट सफा का उपयोग कब्ज, पेट फूलना, और अन्य पाचन समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह मल त्याग को नियमित करने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

Q: पेट साफा दवा का उपयोग कैसे करते हैं?

पेट साफा का उपयोग करने के लिए, एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं और इसे सोने से पहले लें। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया अपने डॉक्टर या आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लें।

पेट सफा चूर्ण खाने का तरीका (पेट सफा चूर्ण लेने का तरीका ) How to Take Pet Safa Churna

  • एक चम्मच पेट सफा चूर्ण एक गिलास गुनगुने पानी के साथ मिलाएं।
  • इसे अच्छी तरह से मिला लें ताकि कोई गांठ न रहे।
  • सोने से पहले इस मिश्रण को पी लें।

पेट सफ़ा चूर्ण से सावधानियाँ Precautions of Pet saffa Churna in Hindi

  • गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए इसकी सलाह नहीं दी जाती है।
  • यदि आपको दस्त है, तो आप इसको लेने से बचे।
  • पेट में दर्द, आंतो में कोई बाधा है तो आपको डॉक्टर की सलाह पर इसे लेना चाहिए।
  • यदि आप कब्ज से पीड़ित नहीं हैं तो केवल एक छोटी चुटकी का सेवन करें।
  • हाई ब्लड प्रेशर (BP) वालों को इसको लेने से बचना चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह बिना इसे लंबे समय तक न लें।

पेट सफा चूर्ण के घटक/अवयव Ingredients of Pet Safa Churna

पेट सफा ग्रेन्यूल्स के मुख्य अवयवों का परिचय और आयुर्वेद में कब्ज अपच दूर करने के लिए उनका महत्व इस प्रकार है:

सोनामुखी (कोलोसीन्थस स्कोलिमस, Coloxyl)

सोनामुखी (कोलोसीन्थस स्कोलिमस) एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेद में कब्ज को दूर करने के लिए किया जाता है। इसे सोमनासा या सोनामुखी के नाम से भी जाना जाता है। सोनामुखी में एल्कलॉइड्स होते हैं जो आंतों के गति को बढ़ाते हैं और मल को नरम करते हैं। यह एक शक्तिशाली रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। आयुर्वेद में, सोनामुखी को कब्ज के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यह कब्ज के कारण होने वाली अन्य समस्याओं, जैसे कि दर्द और सूजन को भी कम करने में मदद कर सकता है।सोनामुखी एक शक्तिशाली रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। इसमें एल्कलॉइड्स होते हैं जो आंतों के गति को बढ़ाते हैं और मल को नरम करते हैं।

अजवाइन (फीन्यूग्राक ऑलियम, Fennel अजमोदा )

अजवाइन (फीन्यूग्राक ऑलियम) एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिसमें गैस, अपच और कब्ज को दूर करना शामिल है। इसे अजमोदा के नाम से भी जाना जाता है। अजवाइन में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं और गैस और सूजन को कम करते हैं। यह एक प्राकृतिक कार्मिनेटिव भी है, जिसका अर्थ है कि यह गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। आयुर्वेद में, अजवाइन को पाचन तंत्र के लिए एक टॉनिक माना जाता है। यह कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है और आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है। अजवाइन एक पाचक औषधि है जो गैस और अपच को दूर करने में मदद करती है। इसमें फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।

सरजिक्षार (राइजोमा फिकस रिलिजिओसा Ficus religiosa, सर्जिक्षार)

सरजिक्षार एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग कब्ज, अपच और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसे Ficus religiosa के नाम से भी जाना जाता है। सरजिक्षार में एल्कलॉइड्स, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं और कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। यह पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है, आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है, और मल को नरम करता है। आयुर्वेद में, सरजिक्षार को पाचन तंत्र के लिए एक टॉनिक माना जाता है। यह कब्ज, अपच और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह भूख में सुधार करता है, पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है, और आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है। सरजिक्षार एक पाचक औषधि है जो कब्ज को दूर करने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है। इसमें फाइबर और एल्कलॉइड्स होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं।

काला नमक (सैलियम एन्टिकाम्ब्रम, Black Salt)

काला नमक एक प्राकृतिक रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। इसमें सल्फर होता है जो आंतों के गति को बढ़ाता है। काला नमक (सैलियम एन्टिकाम्ब्रम) एक प्राकृतिक नमक है जो हिमालय की तलहटी में पाया जाता है। इसे "हिमालयी काला नमक" या "हिंदू काला नमक" के नाम से भी जाना जाता है।

काला नमक में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और आयरन शामिल हैं। यह विटामिन बी 12 और आयोडीन का भी एक अच्छा स्रोत है। आयुर्वेद में, काला नमक को एक औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में माना जाता है। इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
  • पाचन में सुधार करने के लिए
  • गैस और अपच को दूर करने के लिए
  • कब्ज को दूर करने के लिए
  • शरीर को डिटॉक्स करने के लिए
  • सूजन को कम करने के लिए
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए
यहां काला नमक के कुछ आयुर्वेदिक उपयोग दिया गया है:
  • पाचन में सुधार करने के लिए: काला नमक पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है और आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है। यह मल त्याग को आसान बनाता है और कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
  • गैस और अपच को दूर करने के लिए: काला नमक गैस को बाहर निकालने में मदद करता है और अपच को दूर करता है। यह पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है और आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है।
  • कब्ज को दूर करने के लिए: काला नमक मल त्याग को आसान बनाता है और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन रस के उत्पादन को बढ़ाता है और आंतों के संकुचन को उत्तेजित करता है।
  • शरीर को डिटॉक्स करने के लिए: काला नमक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है।
  • सूजन को कम करने के लिए: काला नमक सूजन को कम करने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए: काला नमक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक हाइपोटेंसिव है।

सेंधा नमक (साल्ट पीटर, Saltpeter)

सेंधा नमक एक पाचक औषधि है जो अपच को दूर करने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है। इसमें पोटेशियम नाइट्रेट होता है जो पाचन को बढ़ावा देता है। सेंधा नमक (साल्ट पीटर, Saltpeter) एक प्राकृतिक नमक है जो हिमालय की तलहटी में पाया जाता है। इसे "हिमालयी सेंधा नमक" या "हिंदू सेंधा नमक" के नाम से भी जाना जाता है। सेंधा नमक में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और आयरन शामिल हैं। यह विटामिन बी 12 और आयोडीन का भी एक अच्छा स्रोत है।

हरीतकी (एमारैंथस ट्राइविरिएटस Haritaki)

हरीतकी एक पाचक औषधि है जो कब्ज, गैस और एसिडिटी को दूर करने में मदद करती है। इसमें टैनिन्स और फाइबर होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं। हरीतकी एक पाचक औषधि है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह कब्ज, गैस और एसिडिटी को दूर करने में मदद करती है। इसमें टैनिन्स और फाइबर होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं। हरीतकी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। इसे "त्रिफला" के नाम से भी जाना जाता है, जो तीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है: हरीतकी, आंवला और बहेड़ा। हरीतकी में एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं। यह पाचन में सुधार करने, कब्ज को दूर करने, गैस और एसिडिटी को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, त्वचा को स्वस्थ रखने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।

हरीतकी एक सुरक्षित और प्रभावी जड़ी-बूटी है। हालांकि, कुछ लोगों को हरीतकी से एलर्जी हो सकती है। यदि आप हरीतकी का उपयोग करने में रुचि रखते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।

सौंफ (फेनकुलम वेटिकम Fennel)

सौंफ एक पाचक औषधि है जो गैस और अपच को दूर करने में मदद करती है। इसमें फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। सौंफ एक पाचक औषधि है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह गैस और अपच को दूर करने में मदद करती है। इसमें फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। सौंफ एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। इसका उपयोग भोजन के बाद गैस और अपच को दूर करने के लिए किया जाता है। सौंफ में एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं। यह पाचन में सुधार करने, कब्ज को दूर करने, गैस और एसिडिटी को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, त्वचा को स्वस्थ रखने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।

निशोथ (एरिस्टोलोचिया इंडिका)

निशोथ एक पाचक औषधि है जो कब्ज और अपच को दूर करने में मदद करती है। इसमें टैनिन्स होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं।

अरंडी का तेल (रिसिनस कम्युनिस Castor Oil)

अरंडी का तेल एक शक्तिशाली रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। इसमें रिसिनोलेइक एसिड होता है जो आंतों के गति को बढ़ाता है। अरंडी का तेल एक शक्तिशाली रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। यह रिसिनोलेइक एसिड होता है जो आंतों के गति को बढ़ाता है। अरंडी का तेल कब्ज के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है। आयुर्वेद में, अरंडी का तेल का उपयोग कई औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह कब्ज को दूर करने, बालों को स्वस्थ रखने, त्वचा को स्वस्थ रखने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

अरंडी का तेल एक प्रभावी रेचक है जो मल त्याग को आसान बनाता है। इसे आमतौर पर एक चम्मच अरंडी का तेल दिन में एक बार लिया जाता है। अरंडी का तेल बालों को पोषण देने और उनको मजबूत बनाने में मदद करता है। इसे बालों में लगाने से बाल चमकदार और मुलायम होते हैं। अरंडी का तेल त्वचा को मॉइस्चराइज करने और उसे स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसे त्वचा पर लगाने से त्वचा मुलायम और चमकदार होती है। अरंडी का तेल सूजन को कम करने में मदद करता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सूजन कम होती है। अरंडी का तेल दर्द को कम करने में मदद करता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से दर्द कम होता है। अरंडी का तेल एक सुरक्षित और प्रभावी तेल है। हालांकि, कुछ लोगों को अरंडी के तेल से एलर्जी हो सकती है। यदि आप अरंडी के तेल का उपयोग करने में रुचि रखते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।

इन सभी अवयवों को एक साथ मिलाकर बनाया गया पेट सफा ग्रेन्यूल्स एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है जो कब्ज, गैस और एसिडिटी को दूर करने में मदद करता है।
 

पेट सफा के ग्रेन्यूल्स के वज़न और एम आर पी इस प्रकार हैं:
वज़न 60 ग्राम /120 ग्राम (100 ग्राम + 20 ग्राम अतिरिक्त)

Disclaimer : इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी https://lyricspandits.blogspot.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।अस्वीकरण सबंधी विस्तार से सूचना के लिए यहाँ क्लिक करे।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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