सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात Sajjan So Sajjan Mile Meaning

सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात Sajjan So Sajjan Mile Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

सज्जन सो सज्जन मिले, होवे दो दो बात |
गदहा सो गदहा मिले, खावे दो दो लात ||

Sajjan So Sajjan Mile, Hove Do Do Bat,
Gadaha So Gadaha Mile, Khove Do Do Lat.
 
सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात Sajjan So Sajjan Mile Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

इस दोहे में संगती के प्रभावों के बारे में कबीर साहेब बताते हुए कहते हैं की सज्जन व्यक्ति अपने समान गुणों के सज्जन व्यक्ति से जब मिलता है तो सज्जनता की बात करता है, ज्ञान और भलाई और मानवीय गुणों पर आधारित चर्चा करता है, नेक कार्य करता है लेकिन जब अविवेकी व्यक्ति अपने समान बुद्धि से गधे व्यक्ति से मिलता है तो वे मुर्खता के ही कार्य करता है, दो दो लात खाने से आशय है की वे अनैतिक और बुरे काम ही करते हैं. अच्छे लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं और अच्छाई बढ़ाते हैं, जबकि बुरे लोग एक-दूसरे को नुकसान पहुँचाते हैं और बुराई फैलाते हैं। 
 
अतः सदा ही हमें सज्जन व्यक्तियों की सांगत करने चाहिए, सज्जन व्यक्तियों की संगती से ही हमें ज्ञान और भक्ति के भारे में बोध होता है. दुर्जन व्यक्ति, मुर्ख व्यक्ति सदा ही सांसारिक मायाजनित व्यवहार में पड़ा रहता है और उटपटांग कार्य ही करता है क्योंकि उसे अपने जीवन के उद्देश्य का बोध नहीं होता है.

जब दो सज्जन लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे के साथ सम्मान और सद्भावना से पेश आते हैं। वे एक-दूसरे से कुछ नया सीखते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। इससे समाज में अच्छाई और सकारात्मकता का प्रसार होता है। दूसरी ओर, जब दो बुरे लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे के साथ ईर्ष्या और घृणा से पेश आते हैं। वे एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं और एक-दूसरे को नुकसान पहुँचाते हैं, लड़ाई झगडा करते हैं। इससे समाज में बुराई और नकारात्मकता फैलती है। इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहना चाहिए और बुरे लोगों से दूर रहना चाहिए। हमें दूसरों के साथ सम्मान और सद्भावना से पेश आना चाहिए। जब दो अच्छे लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे को अच्छी बातें सीखते हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
 
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