आए मैया के नवराते लिरिक्स Aaye Maiya Ke Navrate Lyrics


Naye Bhajano Ke Lyrics

आए मैया के नवराते लिरिक्स Aaye Maiya Ke Navrate Lyrics

आए मैया के नवराते,
हो रहे घर घर में,
हो रहे घर घर में जगराते,
रिझाते मैया को,
रिझाए मैया को झूमते गाते,
गूंज रही भक्तो की,
गूंज रही भक्तो की जय जयकार,
सजा है माता का,
सजा है माता का दरबार।

बुलावा जब जब भवन से आए,
भेज के चिठियाँ मात बुलाए,
नंगे पाओं ओए,
नंगे पाओं चलके जाए,
भेंटे लेके ओए,
भेंटे लेके खड़े है द्वार,
मैया दर्शन दो,
मैया दर्शन दो सिंह सवार।

माँ का कोई है पार ना पाया,
रूप धर कन्या का महामाया,
दुखड़ा भक्तो का मात मिटाया,
करे कन्याओ का जो सत्कार,
भवानी करती बेड़ा पार।

वैष्णो माँ की महिमा भारी,
हरेगी लख्खा चिंता सारी,
तारनहारी हारी माँ,
सरल चल चलिए,
ओय एक बार,
खुलेंगे खुशियों के,
खुलेंगे खुशियों के फिर द्वार
आए मैया के नवराते,
हो रहे घर घर में,
हो रहे घर घर में जगराते।
 



Aaye Mayya ke Navrate-lakkha bhajan

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्रि शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: नव (नौ) और रात्रि (रातें)। अर्थात् नवरात्रि नौ रातों का त्योहार है। नवरात्रि दो बार आयोजित की जाती है: एक चैत्र महीने में और दूसरी बार अश्विन महीने में। चैत्र नवरात्रि को बसंत नवरात्रि और अश्विन नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है।
नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह एक ऐसा समय है जब भक्त देवी दुर्गा की आराधना करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
नवरात्रि का महत्व निम्नलिखित है:
 धार्मिक महत्व: नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, जो हिंदू धर्म में शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं। नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की आराधना करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
 सांस्कृतिक महत्व: नवरात्रि भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दौरान, पूरे भारत में विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नवरात्रि एक ऐसा समय है जब लोग एक साथ आते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।
 आध्यात्मिक महत्व: नवरात्रि आध्यात्मिक विकास के लिए एक अच्छा अवसर है। इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा की आराधना करके अपने आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान को जागृत कर सकते हैं।
नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की पूजा के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। इनमें शामिल हैं:
 घट स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन, भक्त देवी दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करते हैं।
 पूजा: नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। पूजा में मंत्रों का जाप, आरती और प्रसाद चढ़ाना शामिल होता है।
 व्रत: कुछ भक्त नवरात्रि के दौरान व्रत रखते हैं। व्रत रखने से भक्त देवी दुर्गा की आराधना में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
नवरात्रि एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें आध्यात्मिक विकास के लिए प्रेरित करता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग देवी दुर्गा की कृपा से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

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