हल्दी के फायदे उपयोग गुण Haldi Ke Fayde Upyog Guna
हल्दी का उपयोग से हम सभी वाकिफ़ हैं। ऐसी कोई सब्जी नहीं है जिसमें मसालों के रूप में हल्दी का उपयोग ना हो। हल्दी सब्जी का रंग और स्वाद बढ़ा देती है। लेकिन हल्दी की रसोई में उपस्थिति महज इसके स्वाद और रंग के लिए ही नहीं है। हल्दी के गुणों के कारण ही इसे रसोई में स्थान दिया गया है। आयुर्वेद में हल्दी के गुणों का विवरण प्राप्त होता है और इसके साथ ही पुरे विश्व में हल्दी के गुणों पर शोध हो रहा है। आइये इस लेख में हम विस्तार से हल्दी के गुण धर्म, उपयोग आदि के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।हल्दी का परिचय Introduction of turmeric in Hindi
हल्दी (टर्मरिक) भारत में पाई जाने वाली एक वनस्पति है। हल्दी का पादप मूल रूप से अदरक प्रजाति का है जिसकी जड़ों का उपयोग हम हल्दी के रूप में करते हैं। हल्दी को हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक आदि नामों से जाना जाता है। हल्दी का वानस्पतिक नाम Curcuma longa Linn. (कुरकुमा लौंगा) Syn-Curcuma domesticaValeton है और यह Zingiberaceae (जिन्जिबेरेसी) कुल से सम्बंधित है। संस्कृत में हल्दी को हरिद्रा, काञ्चनी, पीता, निशाख्या, वरवर्णिनी, रजनी, रंजनी, कृमिघ्नी, योषित्प्रिया, हट्टविलासिनी, हलदी, गौरी, अनेष्टा, हरती आदि नामों से जाना जाता है।- लैटिन नाम : करकुमा लौंगा (Curcuma longa)
- अंग्रेजी नाम : टरमरिक (Turmeric)
- पारिवारिक नाम : जिन्जिबरऐसे
हल्दी के औषधीय गुण
आयुर्वेद में हल्दी को अत्यंत ही महत्त्व दिया गया है और इसके गुण कर्म आदि पर विस्तार से जानकारी दी गई है। हल्दी के प्रमुख गुण में हल्दी एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, केलोरेटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक, एंटी कैंसर, एंटीट्यूमर, हेपटोप्रोटेक्टिव (लिवर को सुरक्षित रखने वाला गुण), कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय को सुरक्षित रखने वाला गुण) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी को नुकसान से बचाने वाला गुण) आदि गुण होते हैं। सर्दी खांसी, कफ को दूर करने के अलावा त्वचा विकारों के लिए हल्दी का उपयोग किया जाता है।
हल्दी के फायदे और सेवन का तरीका Haldi benefits and uses in Hindi
हल्दी के कई लाभ हैं जैसे की यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है, शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है, खूम की कमी को दूर करने और तमाम तरह के त्वचा विकारों को दूर करने में इसका उपयोग उबटन में किया जाता है। आइए नीचे हल्दी के फायदों के बारे में जान लेते हैं।पाचन के लिए हल्दी का उपयोग
हल्दी पाचन सुधारने में लाभकारी है। गैस, अजीर्ण, अपच आदि विकारों में हल्दी का उपयोग है इसके अतिरिक्त इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) रोग में भी हल्दी का उपयोग होता है। हल्दी में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचन को शक्ति प्रदान करते हैं और अल्सर के खतरे को भी कम करते हैं। अतः पाचन सुधारने, मन्दाग्नि को दूर करने में भी हल्दी लाभकारी होती है। करक्यूमिन पेट और पाचन के विकारों में लाभकारी होता है। शीघ्र लाभ के लिए और हल्दी के एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट गुण प्राप्त करने के लिए आप कच्ची हल्दी की सब्जी को खाएं। ऐसा करने से डायरिया, अपच, गैस आदि में लाभ मिलता है।
एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर
हल्दी का उपयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए भी लाभकारी होती है। हल्दी को दूध के साथ लेने से यह शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। कमजोर शरीर और बढ़ती उम्र के प्रभावों को दूर करने के लिए भी हल्दी लाभकारी होती है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए है लाभकारी
हल्दी के सेवन से आप अपने हृदय को भी मजबूत कर सकते हैं। हल्दी में पाए जाने वाले सूजन रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय के रक्त प्रवाह को दुरुस्त करते हैं। शरीर के फ्री रेडिकल्स और विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में हल्दी लाभकारी होती है। विभिन्न शोध से यह पता चलता है की हल्दी के सेवन से रक्त के थक्कों को रोकने में और एंडोथेलियल फ़ंक्शन के सुधार लाने में साहयता मिलती है।
कैंसर से लड़ने में है सक्षम है हल्दी
आयुर्वेद में हल्दी को विशेष महत्त्व इसलिए भी दिया जाता है क्यों की हल्दी शरीर के फ्री रेडिकल्स से लड़ने में सहायक होती है और इसके इस गुण पर विभिन्न शोध किये जाते रहे हैं। इटली के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में 2016 में हुए एक शोध में यह पाया गया की हल्दी कैंसर को कम करने में सहायक होती है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है। हल्दी में करक्यूमिन होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। हल्दी के सेवन से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।
दांतों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है हल्दी
हल्दी और नमक के साथ बनाया हुआ दन्त मंजन चूर्ण दाँतों को सफ़ेद रखता है और पायरिया में भी लाभकारी है। मौखिक स्वास्थ्य के लिए हल्दी गुणकारी है। हल्दी दाँतों के पीलेपन को दूर करती है।हल्दी का उपयोग एक्ने दूर करने में
कई शोध में यह पाया गया है की हल्दी के उपयोग से त्वचा के एक्ने को दूर किया जाता है यही कारण है की कई फेस फाश और क्रीम में हल्दी का उपयोग किया जाता है। हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर कर त्वचा को सुन्दर, चमकीला और स्वस्थ बनाए रखती है।
चोट का घाव भरने में हल्दी है उपयोगी
घरों में सुजन और चोट लगने पर उस पर हल्दी लगाईं जाती है जिसका कारण यह है की हल्दी खून के प्रवाह को रोककर घाव को भरने में मदद करती है।
हाथ-पैरों का दर्द मिटाने में लाभकारी
हल्दी के उपयोग से जोड़ों का दर्द दूर होता है और हल्दी को गर्म दूध में पीने से घुटनों का दर्द दूर होता है और शरीर के शक्ति का संचार होता है। अर्थराइटिस में भी हल्दी से लाभ मिलता है। यह सुजन दूर करती है और हल्दी का लेप करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
रक्त शोधन के लिए है फायदेमंद
हल्दी के नियमित सेवन से रक्त भी साफ़ होता है और हल्दी को दूध के साथ लेने से शरीर दीटाक्स होती है। रक्त धमनियों में रक्त पतला होता है और हृदय सम्बन्धी विकार भी दूर होते हैं।
जुकाम में हल्दी के लाभ
सर्दी जुकाम में भी हल्दी के कई फायदे होते हैं। हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसके सेवन से शरीर का तापमान बढ़ता है और गर्म दूध के साथ हल्दी वाला दूध लेने से काफ दूर होता है, खांसी में आराम मिलता है। हल्दी को शहद के साथ लेने से / चाटने से गले की खरांश दूर होती है। हल्दी के धुंए से भी खांसी में आराम मिलता है।
सर के फोड़े फुंसियों में हल्दी के लाभ
गर्मियों में मौसम और संक्रमण से सर में फोड़े फुंसी आदि हो जाती हैं जिनको दूर करने के लिए आप हल्दी में नीम्बू मिलाकर सर पर बालों की जड़ों तक मालिश करने पर संक्रमण और सिर की फुंसियों / खुजली आदि में लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त सिर में फुंसियां को शीघ्र दूर करने के लिए आप त्रिफला, नीम और चन्दन को पीसकर सिर पर मालिश करें।
पायरिया में लाभकारी है हल्दी
घरों में पारम्परिक रूप से हल्दी और नमक का चूर्ण बनाकर मंजन किया जाता रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी के उपयोग से दांतों का पायरिया दूर होता है, दांतों का पीलापन दूर होता है। इसके अतिरिक्त हल्दी के मंजन से मसूड़ों की दाँतों पर पकड़ भी बढती है। मंजन के बाद कुल्ला करने से साँसों की बदबू भी दूर होती है। पायरिया के शीघ्र इलाज के लिए आप सरसों का तेल, हल्दी मिलाकर सुबह-शाम मसूड़ों पर धीरे धीरे मालिश करें। अतः हल्दी का गुण पायरिया के लिए फायदेमंद होता है।
आँखों के दर्द/सुजन में भी हल्दी के फायदे
आँखों के संक्रमण से आँखों में दर्द होता है और ऐसे में हल्दी को पानी में उबालकर ठंडा होने पर आखों में डालने पर आखों की सुजन दूर होती है, आँखों का संक्रमण दूर होता और आखों के दर्द में लाभ मिलता है।
त्वचा के लिए विशेष गुणकारी है
हल्दी का लेप करने से त्वचा की रंगत बढती है और मृत त्वचा हटती है। हल्दी का उबटन लगाने से चेहरा दाग धब्बों से मुक्त होता है, कील मुहासे भी दूर होते हैं। दाद और खाज खुजली हो जाने पर खुजली वाली जगह पर हल्दी का लेप लगाने से लाभ मिलता है।
कान बहने में आराम देती है हल्दी
कान के बहने में हल्दी को पानी में उबालकर ठंडा होने पर कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है और कान का संक्रमण भी दूर होता है।
हल्दी के फायदे खांसी हो जाने पर
खांसी हो जाने पर आप हल्दी, यवक्षार और चित्रक के २-५ ग्राम चूर्ण लें एक चम्मच शहद के साथ इसका सेवन करें तो खांसी में आराम मिलता है। आप गर्म दूध के साथ भी हल्दी का उपयोग कर सकते हैं।
अच्छी नींद में लाभकारी है हल्दी
वर्तमान समय में कार्यशैली और आर्थिक दबाव के कारण से हल्दी के सेवन से अनिंद्रा विकार में लाभ मिलता है। इसके लिए आप सोने से पूर्व गर्म दूध में हल्दी मिलाएं और गुनगुना रहने पर आप हल्दी वाला दूध पीयें तो रात्री को खुलकर नींद आती है।
पेट दर्द होने पर हल्दी के लाभ
अजीर्ण होने पर पेट में दर्द होने लगता है, हल्दी इसमें भी लाभकारी है। एक चम्मच हल्दी को पानी में उबाल कर इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलकर ठंडा होने पर इसके सेवन से पेट का दर्द कम होता है।
पेट के अल्सर के लिए गुणकारी है हल्दी
हल्दी में हीलिंग गुण होते है जिसके कारण से पेट के अल्सर हो जाने पर ठन्डे दूध में हल्दी को मिलाकर पीने से पेट के अल्सर में लाभ मिलता है।
बवासीर हो जाने पर हल्दी का उपयोग
अधिक तेल, मसालों का उपयोग खाने में करने से अजीर्ण और बवासीर हो सकती है। ऐसे में कब्ज होने लगता है और बवासीर अधिक पीडादायक होने लगता है। बवासीर से आराम पाने के लिए सेहुंड के दूध में 10 ग्राम हल्दी मिलाकर मस्सों पर लगाने से शीघ्र आराम मिलता है।
पीलिया में गुणकारी है हल्दी
पीलिया हो जाने पर 6 ग्राम हल्दी चूर्ण को मठ्ठे में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। 5-10 ग्राम हल्दी चूर्ण में 50 ग्राम दही मिलाकर खाने से पीलिया में अधिक लाभ मिलता है।
डायबिटीज में हल्दी के फायदे
डायबिटीज हो जाने पर आप 2 से 5 ग्राम हल्दी चूर्ण में आंवला रस और शहद मिलाकर इसका सेवन करें तो यह अधिक लाभकारी होता है।कुष्ठ रोग में हल्दी के फायदे
कुष्ठ रोग के प्रभावों को दूर करने के लिए 1-2 ग्राम हल्दी चूर्ण में गोमूत्र मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से कुष्ठ विकार को दूर करने में सहायता मिलती है।चिंता और अवसाद को दूर करने में लाभकारी है हल्दी
हल्दी का उपयोग करके आप चिंता अवसाद और चिडचिडे स्वभाव को दुरुस्त करने में किया जाता है। हल्दी में एंटी एंग्जायटी (Anti-Anxiety) गुण होते हैं जो अवसाद को दूर करते हैं। हल्दी में मौजूद करक्युमिनोइड (Curcuminoid) अवसाद के लक्षणों को दूर करने में सहायक होता है।हल्दी का उपयोग कैसे करें How to Use Haldi
संतुलित मात्र में आप हल्दी का उपयोग नियमित रूप से भोजन/ सब्जियों में कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप हल्दी को दूध में मिलाकर भी कर सकते हैं।हल्दी के साइड इफेक्ट Side Effects of Haldi
हल्दी के वैसे तो कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं लेकिन इसकी तासीर गर्म होने के कारण आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह प्राप्त कर लें और इसके उपरान्त निश्चित मात्र में ही हल्दी का उपयोग करें।हल्दी के सम्बन्ध में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न
क्या हल्दी के सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है?
विशेषज्ञों के अनुसार हल्दी का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। ये गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।क्या हल्दी दूध पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है?
हल्दी दूध पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। हल्दी और दूध दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी जैसे पोषक तत्व होते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करते हैं। यह गठिया, जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों में दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
सन्दर्भ/Source
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |