दशरथ नंदन राम अयोध्या आ रहे
दशरथ नंदन राम अयोध्या आ रहे
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
हर घर में दीपक जले,
फूलों से राहें सजे,
प्रभु राम के दर्शन को,
पलकें बिछाए सब टके,
आओ प्रभु, अब तरसे नयन,
देखो यहां सब प्रेम मगन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर~घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
भौरें गुनगुना रहे,
गीत खुशी के गा रहे,
पहले ना देखा कभी,
गगन भी शीश झुका रहे,
घड़ी अब हमारे क़रीब आ गई,
खुशी अब हमारे नसीब आ गई,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर~घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
धन्य हुई अवध नगरी,
आज भरी खुशी की गगरी,
झूमझूम के गाएंगे,
हर मौसम में अब कजरी,
आया दिवस अब मनभावन,
पाएंगे प्रभु सिंहासन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
हर घर में दीपक जले,
फूलों से राहें सजे,
प्रभु राम के दर्शन को,
पलकें बिछाए सब टके,
आओ प्रभु, अब तरसे नयन,
देखो यहां सब प्रेम मगन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर~घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
भौरें गुनगुना रहे,
गीत खुशी के गा रहे,
पहले ना देखा कभी,
गगन भी शीश झुका रहे,
घड़ी अब हमारे क़रीब आ गई,
खुशी अब हमारे नसीब आ गई,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर~घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
धन्य हुई अवध नगरी,
आज भरी खुशी की गगरी,
झूमझूम के गाएंगे,
हर मौसम में अब कजरी,
आया दिवस अब मनभावन,
पाएंगे प्रभु सिंहासन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घरघर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।।
दशरथ नंदन राम अयोध्या आ रहे...Ram Bhajan By Dhiraj Kant. 8010788843, 9667836073.
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Author - Saroj Jangir
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