पश्चिम बंगाल को मिले सात नए भौगोलिक संकेतक (GI) टैग
GK questions
1. GI टैग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A) उत्पादों की कीमत बढ़ाना
B) उत्पादों की गुणवत्ता और विशिष्टता की पहचान करना
C) उत्पादों का निर्यात बढ़ाना
D) उत्पादों का विज्ञापन करना
✅ सही उत्तर: B) उत्पादों की गुणवत्ता और विशिष्टता की पहचान करना
2. 'नोलन गुरेर संदेश' किससे बनाया जाता है?
A) नारियल और दूध
B) खजूर के गुड़ और छेना
C) चावल और गुड़
D) आटा और चीनी
✅ सही उत्तर: B) खजूर के गुड़ और छेना
3. 'कामारपुकुर का सफेद बोंडे' किस प्रकार की मिठाई है?
A) नमकीन
B) चॉकलेट आधारित
C) पारंपरिक मिठाई
D) विदेशी मिठाई
✅ सही उत्तर: C) पारंपरिक मिठाई
4. 'मुर्शिदाबाद का छानाबोरा' किससे संबंधित है?
A) हस्तशिल्प
B) चावल
C) मिठाई
D) रेशम
✅ सही उत्तर: C) मिठाई
5. 'बिष्णुपुर का मोतीचूर लड्डू' किसके लिए प्रसिद्ध है?
A) रंग
B) आकार
C) विशिष्ट स्वाद
D) पैकेजिंग
✅ सही उत्तर: C) विशिष्ट स्वाद
6. 'राधुनिपागल चावल' की विशेषता क्या है?
A) उच्च उत्पादन
B) कम लागत
C) अनोखी खुशबू और गुणवत्ता
D) विदेशी मूल
✅ सही उत्तर: C) अनोखी खुशबू और गुणवत्ता
7. 'मालदा का निस्तारी रेशम यार्न' किसके लिए प्रसिद्ध है?
A) मोटाई
B) चिकनी बनावट और चमक
C) रंग
D) कीमत
✅ सही उत्तर: B) चिकनी बनावट और चमक
8. GI टैग का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
A) बेरोजगारी बढ़ती है
B) उत्पादों की मांग घटती है
C) स्थानीय कारीगरों और किसानों को नई संभावनाएं मिलती हैं
D) उत्पादों की गुणवत्ता घटती है
✅ सही उत्तर: C) स्थानीय कारीगरों और किसानों को नई संभावनाएं मिलती हैं
9. पश्चिम बंगाल किन अन्य उत्पादों के लिए GI टैग प्राप्त करने की योजना बना रहा है?
A) शक्तिगढ़ का लंगचा और कृष्णनगर का स्वर पुरीया
B) दार्जिलिंग चाय और नक्षी कांथा
C) बर्धमान मिहिदाना और सीताभोग
D) बांकुरा घोड़ा और शांतिनिकेतन चमड़ा
✅ सही उत्तर: A) शक्तिगढ़ का लंगचा और कृष्णनगर का स्वर पुरीया
10. GI टैग से उत्पादों को क्या लाभ मिलता है?
A) अंतरराष्ट्रीय मान्यता
B) कानूनी सुरक्षा
C) गुणवत्ता की पहचान
D) उपरोक्त सभी
✅ सही उत्तर: D) उपरोक्त सभी
11. GI टैग किस अधिनियम के तहत प्रदान किया जाता है?
A) भारतीय संविधान
B) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
C) भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999
D) औद्योगिक नीति और संवर्धन अधिनियम
✅ सही उत्तर: C) भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999
पश्चिम बंगाल के सात पारंपरिक उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है। इनमें 'नोलन गुरेर संदेश' जैसी मिठाइयाँ और 'बारुईपुर अमरूद' जैसे फल शामिल हैं। GI टैग इन उत्पादों की विशेषता और गुणवत्ता को मान्यता देता है, जिससे उनकी पहचान बनी रहती है और नकल से सुरक्षा मिलती है। यह स्थानीय कारीगरों और किसानों को नई बाजारों तक पहुँचने में मदद करता है, जिससे उनकी आय बढ़ती है। भविष्य में, राज्य अन्य पारंपरिक व्यंजनों जैसे 'शक्तिगढ़ का लंगचा' और 'कृष्णनगर का स्वर पुरीया' के लिए भी GI टैग प्राप्त करने की योजना बना रहा है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी।