किसी का राम किसी का श्याम भजन

किसी का राम किसी का श्याम भजन

 
किसी का राम किसी का श्याम Kisi Ka Ram Kisi Ka Shyam Sai Bhajan

किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला,
जानकी जैसी भगती बाबा वैसा ही रंग डाला साईं ने रंग डाला,

तेरे कितने रूप है देवा जिसने की जैसी तेरी सेवा,
कोई जल और फूल चड़ता कोई चडावे मिश्री मेवा,
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला

कही विराजे तू सोने पर कही साईं बेठा पत्थर पर,
जाकी जैसी कुटिया बाबा वैसा ही पग डाला,
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला

 
किसी का राम, किसी का श्याम, किसी का गोपाला" एक प्रसिद्ध भजन है जो भक्तों की विविध भक्ति भावनाओं और उनके ईश्वर के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इस भजन में कहा गया है कि जैसे भक्त की भक्ति होती है, वैसे ही भगवान उनके जीवन में प्रकट होते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ भक्त राम के रूप में भगवान की पूजा करते हैं, कुछ श्याम (कृष्ण) के रूप में, और कुछ गोपाला (कृष्ण के बाल रूप) के रूप में। यह भजन यह भी बताता है कि भक्तों की भक्ति के अनुसार ही भगवान उनके जीवन में रंग भरते हैं।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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