आण मिल्यो अनुरागी गिरधर मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics


आण मिल्यो अनुरागी गिरधर

आण मिल्यो अनुरागी गिरधर आण मिल्यो अनुरागी ।।टेक।।
साँसों सोच अंग नहि अब तो तिस्ना दुबध्या त्यागी।
मोर मुकुट पीताम्बर सोहै, स्याम बरण बड़ भागी।
जनम जनम के साहिब मेरो, वाही से लौ लागी।
अपण पिया सैग हिलमिल खेलूं अधर सुधारस पागी। मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, अब के भई सुभागी।।

(अनुरागी=प्रेमी, साँसों=संशय,सन्देह, सोच=शोक,
अंग=भाग, तिस्ना=तृष्णा, दुबध्या=दुविधा, वरण=
बरण,वरना,पति-रूप स्वीकार करना, साहिब=पति,
लौ=लग्न,प्रेम, पागी=छकना, सुभागा=सौभाग्यवाली)

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