पतियाँ मै कैसे लिखूँ लिरिक्स Patiya Main Kaise Likhu Lyrics

पतियाँ मै कैसे लिखूँ लिरिक्स Patiya Main Kaise Likhu Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

पतियाँ मै कैसे लिखूँ
पतियाँ मै कैसे लिखूँ, लिख्योरी न जाय।।टेक।।
कलम धरत मेरो कर कँपत है नैन रहे झड़ लाय।
बात कहुँ तो कहत न आवै, जीव रह्यो डरराय।
बिपत हमारी देख तुम चाले, कहिया हरिजी सूं जाय।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर चरण कमल रखाय ।।
(पतियाँ=पत्र, कर=हाथ, झड़ लाय=मेंह बरस रहे हैं)
 
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पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।
वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरू, किरपा कर अपनायो॥
जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।
खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥
सत की नाँव खेवटिया सतगुरू, भवसागर तर आयो।
'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो॥

राग दरबारी कान्हरा
पिय बिन सूनो छै जी म्हारो देस॥
ऐसो है कोई पिवकूं मिलावै, तन मन करूं सब पेस।
तेरे कारण बन बन डोलूं, कर जोगण को भेस॥
अवधि बदीती अजहूं न आए, पंडर हो गया केस।
रा के प्रभु कब र मिलोगे, तज दियो नगर नरेस॥

पपइया रे, पिव की वाणि न बोल।
सुणि पावेली बिरहुणी रे, थारी रालेली पांख मरोड़॥
चोंच कटाऊं पपइया रे, ऊपर कालोर लूण।
पिव मेरा मैं पीव की रे, तू पिव कहै स कूण॥
थारा सबद सुहावणा रे, जो पिव मेंला आज।
चोंच मंढ़ाऊं थारी सोवनी रे, तू मेरे सिरताज॥
प्रीतम कूं पतियां लिखूं रे, कागा तू ले जाय।
जाइ प्रीतम जासूं यूं कहै रे, थांरि बिरहस धान न खाय॥
मीरा दासी व्याकुल रे, पिव पिव करत बिहाय।
बेगि मिलो प्रभु अंतरजामी, तुम विन रह्यौ न जाय॥
 
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