ये धरती अम्बर सारा श्री कालेश्वर ने संवारा लिरिक्स Ye Dharti Ambar Sara Shri Kaleshwar Ne Sanwara Lyrics

ये धरती अम्बर सारा श्री कालेश्वर ने संवारा लिरिक्स Ye Dharti Ambar Sara Shri Kaleshwar Ne Sanwara Lyrics Devotional Bhajan Lyrics Hindi

ये धरती अम्बर सारा श्री कालेश्वर ने सवारा,
अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं,
तर जाता है जीवन उसका मिलता बाबा का ज सहारा,
अब हम ये कहे देवा से की तेरे सिवा कोई नहीं,

तेरे मंदिर में घंटा वाजे शीश ऊपर छतर है साजे,
तेरा संधुरी रंग ये बाबा सारे भक्तो को खूब भाये,
सबके पालक है तू महा दानी तेरी महिमा की लाखो कहानी,
मेरे दाता तू साथ निभाता इस जगत में न तेरा कोई सानी,
क्या पर्वत क्या समंदर सब तेरी दया पे निर्भर,
अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं,

हे बाबा मिलने तुजे सब तेरे दरबार चले,
तेरी करुणापा कर हम सब के घर बार चले,
कल क्या होगा हम न जाने हम तो बस इतना माने,
बिन तेरी दया के बाबा सब अपने लगे बेगाने,
नैनो में वासा लेना चरणों में जगह देना हमको,
अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं,

हमे बाबा नहीं भूलना छोड़ दूर हमें ना जाना,
भूल भक्तो की नादानियाँ सदा कल को बीच बसना,
जब जीवन की ये शाम ढले हमें तेरी कमी नहीं
खले उस दिन इतना करना,
मंतर मुकति का मोक्ष मिले,
जीवन अब न सफल जो जाये हम सब भव सागर तर जाये,
अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं,
Ye Dharatee Ambar Saara Shree Kaaleshvar Ne Savaara,
Ab Ham Ye Kahe Deva Se Ke Tere Siva Koee Nahin,
Tar Jaata Hai Jeevan Usaka Milata Baaba Ka Ja Sahaara,
Ab Ham Ye Kahe Deva Se Kee Tere Siva Koee Nahin,

Tere Mandir Mein Ghanta Vaaje Sheesh Oopar Chhatar Hai Saaje,
Tera Sandhuree Rang Ye Baaba Saare Bhakto Ko Khoob Bhaaye,
Sabake Paalak Hai Too Maha Daanee Teree Mahima Kee Laakho Kahaanee,
Mere Daata Too Saath Nibhaata Is Jagat Mein Na Tera Koee Saanee,
Kya Parvat Kya Samandar Sab Teree Daya Pe Nirbhar,
Ab Ham Ye Kahe Deva Se Ke Tere Siva Koee Nahin,

He Baaba Milane Tuje Sab Tere Darabaar Chale,
Teree Karunaapa Kar Ham Sab Ke Ghar Baar Chale,
Kal Kya Hoga Ham Na Jaane Ham To Bas Itana Maane,
Bin Teree Daya Ke Baaba Sab Apane Lage Begaane,
Naino Mein Vaasa Lena Charanon Mein Jagah Dena Hamako,
Ab Ham Ye Kahe Deva Se Ke Tere Siva Koee Nahin,

Hame Baaba Nahin Bhoolana Chhod Door Hamen Na Jaana,
Bhool Bhakto Kee Naadaaniyaan Sada Kal Ko Beech Basana,
Jab Jeevan Kee Ye Shaam Dhale Hamen Teree Kamee Nahin
Khale Us Din Itana Karana,
Mantar Mukati Ka Moksh Mile,
Jeevan Ab Na Saphal Jo Jaaye Ham Sab Bhav Saagar Tar Jaaye,
Ab Ham Ye Kahe Deva Se Ke Tere Siva Koee Nahin,


क्यों कहा जाता हैं भगवान् शिव नीलकंठ  :
भगवान् शिव समस्त श्रस्टि के पालनहार हैं और अपने भक्तों पर सदैव ही दया करते हैं।  भगवान् शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है ऐसा इसलिए क्यों की जब देवताओं और असुरों में समुद्र मंथन , जो की दूध के सागर , क्षीर सागर में हुया था, के दौरान अमृत को लेकर झगड़ा हो रहा था तब समुद्र में से "कालकूट" जहर निकला जिसके प्रभाव से श्रष्टि की दासों दिशाएँ जलने लगी. उसके प्रभाव से सुर असुर ऋषि मुनि सभी जलने लगे।  उस समय भगवान् शिव ने विष्णु जी को याद करके विष को अपने शंख में भरकर पी लिया।  भगवान् विष्णु जी ने विष को शिव जी के कंठ में ही रोक दिया लेकिन विष के प्रभाव से शिव जी के कंठ नीला हो गया और इसी कारन भगवान् शिव जी को नीलकंठ के नाम से भी पुकारा जाता है।  
 

 

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चेतावनी भजन : चेतावनी भजन का का मूल विषय व्यक्ति को उसके अवगुणों के बारे में सचेत करना और सत्य की राह पर अग्रसर करना होता है। राजस्थानी चेतावनी भजनो का मूल विषय यही है। गुरु की शरण में जाकर जीवन के उद्देश्य के प्रति व्यक्ति को सचेत करना ही इनका भाव है। चेतावनी भजनों में कबीर के भजनो को क्षेत्रीय भाषा में गया जाता है या इनका कुछ अंश काम में लिया जाता है। 
 
देसी भजन : देसी भजनों में देसज भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें छंद, गीत शैली आदि का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता है और उद्देश्य होता है की सहज भाषा में लोगों तक सन्देश पहुंच जाय। राग का भी कोई विशेष नियम नहीं होता है। क्षेत्रीय स्तर पर प्रचलित वाद्य यंत्रों का प्रयोग इनमे किया जाता है। जैसे राजस्थान में रावण हत्था एक वाद्य यन्त्र है इस पर सुन्दर तरीके से भजनो को गाय जाता है। इसके साथ में अन्य वाद्य यंत्रों की अनिवार्यता नहीं होती है। विशेष बात है लोगों तक सन्देश को पहुंचना। लोक गीत पुरे समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके इनके माध्यम से पुरे समाज के बारे में जानकारी प्राप्त होती हैं। देसी भजनों के तो देवताओं की स्तुति होती है और एक चेतावनी भजन जिनमे गुरु भजन और व्यक्ति को सद्मार्ग के अनुसरण सबंधी भजन होते हैं। राजस्थानी चेतावनी भजनों में कबीर भजनों का प्रमुख योगदान हैं जिन्हे क्षेत्रीय भाषा में अनुवादित करके या फिर उनके कुछ अंश को कार्य में लिया जाता है। चेतावनी भजन अलग अलग अंचल के भिन्न हैं। हेली भजन चेतावनी भजनों का ही एक प्रकार है। कर्मा भाई के भजन अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। 

नाथ पंत भजन और मीरा भजन भी देसी भजनों की श्रृंखला में ही गिने जाते हैं। मीरा के भजन जहाँ कृष्ण भक्ति से सरोबार हैं वही नाथ जी की भजनों में विभिन्न देवताओं की स्तुति के आलावा गुरु गोरखनाथ के भजन प्रमुख हैं। मीरा बाई के पदों के अलावा कबीर, दादू, रैदास, चंद्रस्वामी तथा बख्तावरजी के पद भजनों के द्वारा गाये जाते हैं। देवताओं के भजनों में विनायक, महादेव, विष्णु, राम, कृष्ण, बालाजी (हनुमान), भैंरू, जुंझार, पाबू, तेजा, गोगा, रामदेव, देवजी, रणक दे, सती माता, दियाड़ी माता, सीतला माता, भोमियाजी आदि के भजन प्रमुखता से गाये जाते हैं। इन भजनों को अंचल विशेष में कुछ जातियों के द्वारा इन्हे गाना ही उनका काम होता है।

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