नानु सती महामंत्र अर्थ और महत्त्व

नानु सती महामंत्र लिरिक्स

नानु सती दादी, जिन्हें नानु सती माँ भी कहा जाता है, राजस्थान के लोहारू जिले के सुहांसरा में स्थित एक प्रसिद्ध देवी हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से लोहारू, महेन्द्रगढ़, झज्जर के क्षेत्रों में की जाती है। द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान, राजा विराट के दरबार में एक ब्राह्मणी के रूप में नानु सती माँ ने सेवा की थी। उनकी भक्ति और समर्पण के कारण, उन्हें देवी का दर्जा प्राप्त हुआ।
 
ॐ श्री नानु सत्ये नमः
दादी दिव्ये नमो नमः
सुहासड़ा वासिनी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

संकट हारिणि नमो नमः
कष्ट निवारिणी नमो नमः
माँ भव तारिणी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

तेजपाल संगिनी नमो नमः
सर्व वन्दिनी नमो नमः
मनीराम नंदिनी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

आदि-अनादि नमो नमः
हे सती दादी नमो नमः
सकल कालादी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

यवन संघारिणी नमो नमः
हे सत धारिणी नमो नमः
माँ भय-हारिणि नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

मंगल करनी नमो नमः
अमंगल हरणी नमो नमः
अभया वरणी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

डोमिनी पूजिता नमो नमः
हे अपराजिता नमो नमः
हे वरदायिनी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

अमर सुहागन नमो नमः
हे बड़भागन नमो नमः
पतीत-पावन नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

हे कुल-देवी नमो नमः
भक्त-वत्सला नमो नमः
आनंद स्वरूपणी नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

अति सुख-राशि नमो नमः
करुणा नयनी नमो नमः
हे वरदायिनी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

हे जग जननी नमो नमः
कामना पूर्णि नमो नमः
सौम्य रूपणी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||

ॐ श्री नानु सत्ये नमः
दादी दिव्ये नमो नमः
सुहासड़ा वासिनी नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ||


सुन्दर भजन में नानु सती माँ के दिव्य स्वरूप और उनकी अनंत महिमा का वर्णन है, जो जीवन के हर कष्ट और संकट से उबारने वाली शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनकी उपस्थिति में एक ऐसी शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है, जो मनुष्य के भय, दुःख और असमंजस को दूर कर देती है। यह एक ऐसी मातृशक्ति का संदेश है, जो न केवल स्नेह और करुणा से परिपूर्ण है, बल्कि अपने भक्तों के लिए संकटों का निवारण करने वाली सर्वशक्तिमान देवी के रूप में प्रतिष्ठित है।

उनके तेजस्वी रूप और सर्वत्र वंदनीयता से पता चलता है कि वे न केवल लोक-देवी हैं, बल्कि समय और परिस्थिति की सीमाओं से परे, अनादि-अनंत स्वरूप में विद्यमान हैं। यह दर्शाता है कि सच्ची शक्ति और भक्ति का स्वरूप स्थायी होता है, जो काल के चक्र से अछूता रहता है। उनके नामों में समाहित गुण जैसे ‘संकट हारिणि’, ‘मंगल करनी’, ‘अमंगल हरणी’, ‘भक्त-वत्सला’, ‘करुणा नयनी’ आदि, जीवन के विविध पहलुओं में उनकी व्यापक उपस्थिति और संरक्षण की अनुभूति कराते हैं।

जीवन में आने वाली विपत्तियों को धैर्य और श्रद्धा के साथ सहन करना चाहिए। उनकी पूजा और स्मृति से मन में स्थिरता, साहस और आशा का संचार होता है, जो आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति के लिए अनिवार्य है। यह भी स्पष्ट होता है कि सच्ची भक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि कर्म और समर्पण के माध्यम से जीवन को दिव्य बनाना है।
यह नामों और गुणों का संकलन मानव मन की गहराई और उसकी आध्यात्मिक आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। संकटों से लड़ने की क्षमता, करुणा की भावना, और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण इस उद्गार में समाहित हैं। यह बताता है कि मनुष्य के भीतर छिपी शक्ति को जागृत करना और उसे संपूर्णता की ओर ले जाना आवश्यक है। नानु सती माँ के स्वरूप में यह शक्ति और सहारा दोनों मौजूद हैं, जो जीवन के हर मोड़ पर सहायक सिद्ध होते हैं।

नानु सती माँ के प्रति यह श्रद्धा मनुष्य को अपने भीतर की शक्ति और करुणा से जोड़ती है, जो जीवन को सुखमय और सफल बनाने में सहायक होती है। उनके नामों में समाहित गुण जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह एक ऐसी आस्था है जो मानव को निरंतर आगे बढ़ने और अपने कर्मों में सच्चाई बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।
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