और रंग दे, रे म्हाने ओज्यूँ रंग दे, म्हारा सासु जी के, म्हारा सासु जी के, दाय कोनी आई रे, नीलगर और रंग दे।
अल्ला पल्ला पे दादर मोर रंग दे, घूँघट पर, घूँघट पर, बाईसा रो बीरो रे, नीलगर और रंग दे, और रंग दे, रे म्हाने ओज्यूँ रंग दे, म्हारा सासु जी के, म्हारा सासु जी के, दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे।
सुसरो जी रंगाई म्हारे लाल ओढ़नी और रंग दे, रे म्हाने ओज्यूँ रंग दे, म्हारा सासु जी के, म्हारा सासु जी के, दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे, अल्ला पल्ला पे दादर मोर रंग दे, घूँघट पर, घूँघट पर, बाईसा रो बीरो रे, नीलगर और रंग दे, नीलगर और रंग दे।
जेठजी रंगायो म्हारे पीळो कोमचो म्हारा जेठानी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे, अल्ला पल्ला पे दादर मोर रंग दे, घूँघट पर,
Rajasthani Songs Lyrics
घूँघट पर, बाईसा रो बीरो रे, नीलगर और रंग दे, नीलगर और रंग दे।
देवरियो रंगाई म्हारे लाल चुनड़ी म्हारा सायब जी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे, अल्ला पल्ला पे दादर मोर रंग दे, घूँघट पर, घूँघट पर, बाईसा रो बीरो रे, नीलगर और रंग दे, नीलगर और रंग दे। और रंग दे रे म्हाने ओजू रंग दे म्हारा सासु जी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे
अल्ला पल्ला पे दादर मोर रंग दे घूँघट पर बाईसा रो बीरो रे, नीलगर और रंग दे
सुसरो जी रंगाई म्हारे लाल ओढ़नी म्हारा सासुजी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे
जेठजी रंगायो म्हारे पीळो कोमचो म्हारा जेठानी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे
देवरियो रंगाई म्हारे लाल चुनड़ी म्हारा सायब जी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे
और रंग दे, रे म्हाने ओज्यूँ रंग दे, म्हारा सासु जी के, म्हारा सासु जी के, दाय कोनी आई रे, नीलगर और रंग दे।
Aur Rang De (Original Song) | Rajasthan Song | Seema Mishra | Veena Music
राजस्थानी लोक गीत, जिसे "राजस्थानी लोक गीत" के रूप में भी जाना जाता है, संगीत अभिव्यक्ति का एक समृद्ध और विविध रूप है जो भारतीय राज्य राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। यहाँ राजस्थानी लोकगीतों की कुछ विशेषताएँ हैं:
मेलोडिक स्ट्रक्चर: राजस्थानी लोक गीतों की मेलोडिक संरचना एक सरल और दोहराव वाली धुन की विशेषता है जिसे याद रखना और साथ में गाना आसान है।
लयबद्ध जटिलता: सरल राग के बावजूद, राजस्थानी लोक गीतों की लय जटिल और गतिशील होती है, जिसमें अक्सर जटिल हथकड़ी और पैर की मुद्राएं भी शामिल हैं।
गीत: राजस्थानी लोक गीतों के बोल आमतौर पर स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन, रीति-रिवाजों और परंपराओं को दर्शाते हैं। वे अक्सर प्यार, बहादुरी और सामाजिक रीति-रिवाजों की कहानियां सुनाते हैं।
इंस्ट्रुमेंटेशन: राजस्थानी लोक गीत आमतौर पर संगीत वाद्ययंत्र जैसे सारंगी, ढोलक, मंजीरा और हारमोनियम का उपयोग होता है।
प्रदर्शन शैली: राजस्थानी लोक गीत आमतौर पर समूहों में प्रस्तुत किए जाते हैं, जिसमें एक प्रमुख गायक और कई सहायक गायक और संगीतकार होते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: राजस्थानी लोक गीतों का गहरा सांस्कृतिक महत्व है और यह क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं और सांप्रदायिक एकता और सामाजिक बंधन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
राजस्थानी संगीत एक विविध और समृद्ध परंपरा है जो लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, भक्ति संगीत और लोकप्रिय संगीत सहित कई अलग-अलग रूपों और शैलियों को शामिल करती है। राजस्थानी संगीत राजस्थानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह राजस्थानी लोगों के जीवन और अनुभवों को दर्शाता है। राजस्थानी संगीत को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं