कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणों है

कीर्तन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। कीर्तन का अर्थ है भगवान की महिमा का गायन या वर्णन। कीर्तन को एक प्रकार की भक्ति या आराधना माना जाता है। कीर्तन के कई लाभ हैं,  कीर्तन को एक प्रकार का सामूहिक ध्यान भी माना जा सकता है। कीर्तन में भाग लेने से लोगों को एक साथ मिलकर भगवान की महिमा का गायन करने में आनंद मिलता है। यह एक ऐसा अनुभव है जो लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है और उन्हें एकता की भावना देता है। कुल मिलाकर, कीर्तन एक ऐसी गतिविधि है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभदायक है।

कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणों है लिरिक्स


Latest Bhajan Lyrics
कीर्तन की है रात,
बाबा आज थाने आणों
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात।

दरबार साँवरिया,
ऐसो सज्यो प्यारो,
दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया,
सगला खड़ा डीके,
हुकुम बस आपको,
सेवा में थारी,
सेवा में थारी,
म्हाने आज बिछ जाणो है,
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात

कीर्तन की है तैयारी,
कीर्तन करा जमकर,
प्रभु क्यों देर करो,
वादों थारो दाता,
कीर्तन में आणे को,
घणी क्यों देर करो,
भजना सू थाणे,
भजना सू थाणे,
ओ बाबा आज रिझाणों है,
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात।

जो कुछ बण्यो म्हासूं,
अर्पण प्रभु सारो,
प्रभु स्वीकार करो,
नादान सू गलती,
होती ही आई है,
प्रभु मत ध्यान धरो,
नंदू सांवरिया,
नंदू सांवरिया,
थारो दास पुराणों है,
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात।

कीर्तन की है रात,
बाबा आज थाने आणों है,
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात।

 
कीर्तन भक्ति भाव का एक माध्यम है जिसके माध्यम से हम ईश्वर की स्तुति करते हैं और ईश्वर के प्रति अपने समर्पण भाव का प्रदर्शन करते हैं। कीर्तन में भजनों से हम इष्ट को रिझाने का प्रयास करते हैं। कीर्तन में आमतौर पर ऐसे भजन होते हैं जो भक्तिपूर्ण होते हैं और भगवद गीता, रामायण या मंत्र परंपरा जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों से प्रेरित हैं। संगीत आमतौर पर हारमोनियम, तबला, और ढोलक या मृदंगम जैसे हाथ से बजाए जाने वाले वाद्य यंत्रों के साथ होता है।
कीर्तन संगीत का एक सहभागी रूप है, और भक्तों को साथ गाने और जप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह अक्सर मंदिरों, आश्रमों या आध्यात्मिक केंद्रों में किया जाता है। कीर्तन का लक्ष्य समुदाय की भावना पैदा करना और आध्यात्मिक विकास और जुड़ाव को बढ़ावा देना है।
हाल के वर्षों में, कीर्तन ने भारत के बाहर लोकप्रियता हासिल की है, और अब आमतौर पर आध्यात्मिक अभिव्यक्ति और संगीत अभ्यास के रूप में दुनिया के कई हिस्सों में इसका अभ्यास किया जाता है।
कीर्तन की है रात,
बाबा आज थाने आणों
थाने कोल निभाणों है,
कीर्तन की है रात।


Kirtan Ki Hai Raat Jaya Kishori Ji by gourav gupta

भक्त भगवान से प्रार्थना करता है कि वह कीर्तन में शामिल हो जाए और उसके साथ ही रहे। वह भगवान से अपनी गलतियों को माफ करने के लिए भी विनती करता है। गीत की भाषा सरल और आकर्षक है, और यह भक्त की आध्यात्मिक भक्ति को व्यक्त करता है। इस भजन में एक भक्त भगवान से प्रार्थना करता है कि वह कीर्तन में शामिल हो जाए और उसके साथ ही रहे। भक्त को लगता है कि भगवान उसके बिना अधूरे हैं, और वह उनके साथ रहना चाहता है।
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