प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा लिरिक्स Pragat Bhaye Siri Ram Lyrics

श्री राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस दिन को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनके पिता राजा दशरथ थे और माता कौशल्या थीं। श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। श्री राम के जन्म से पहले, अयोध्या के राजा दशरथ के कोई पुत्र नहीं थे। उन्होंने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया। यज्ञ के बाद, ऋषि वशिष्ठ ने राजा दशरथ को बताया कि उन्हें चार पुत्र होंगे।

प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा लिरिक्स Pragat Bhaye Siri Ram Lyrics

प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा लिरिक्स Pragat Gaye Siri Ram Ho Rama

प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

सरजू तीरे नगरी अयोध्या,
सरजू तीरे नगरी अयोध्या,
जनम लिहिन सिरिराम हो रामा,
जनम लिहिन सिरिराम हो रामा,
जनम लीन्ह सिरिराम हो रामा चैत महिनवा,
प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

नौमी तिथि ऐसी मास पुनीता,
नौमी तिथि ऐसी मास पुनीता,
बेला दिन मध्यान हो रामा,
बेला दिन मध्यान हो रामा,
बेला दिन मध्यान हो रामा चैत महिनवा
प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

बाजे दुदुंभी ढोल नगाड़े,
बा.जे दुदुंभी ढोल नगाड़े,
गूंजे बधाई गान हो रामा,
गूंजे बधाई गान हो रामा,
गूंजे बधाई गान हो रामा चैत महिनवा
प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

सगरे देव सुमन बरसावें,
सगरे देव सुमन बरसावें,
सरजू लहर लहरान हो रामा,
सरजू लहर लहरान हो रामा,
सरजू लहर लहरान हो रामा चैत महिनवा,
प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

प्रगट भये सिरि राम हो रामा चैत महिनवा,
जनम लीन्ह भगवान हो रामा चैत महिनवा।

रामायण से हम क्या सीखते हैं ?
  1. जीवन के सभी पहलुओं में धर्म (धार्मिकता) का अभ्यास करें।
  2. अपने माता-पिता और बड़ों का आदर और सम्मान करें।
  3. विनम्र रहें और दूसरों के साथ बातचीत में विनम्रता का अभ्यास करें।
  4. अपने सभी कार्यों में सच्चाई और ईमानदारी का पालन करें।
  5. दयावान बनो और सभी जीवों के प्रति दया दिखाओ।
  6. अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान और प्रतिबद्ध रहें।
  7. अनुशासित रहें और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करें।
  8. कड़ी मेहनत करें और अपने प्रयासों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें।
  9. खुद को बेहतर बनाने के लिए अपनी गलतियों और असफलताओं से सीखें।
  10. अपने आप पर और एक उच्च शक्ति पर विश्वास रखें।
  11. सादा और संयमित जीवन व्यतीत करें।
  12. सभी के साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करें, चाहे उनकी सामाजिक स्थिति या पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
  13. हमेशा कमजोर और शोषितों की रक्षा और बचाव करें।
  14. विपत्ति के सामने शांति और समभाव बनाए रखें।
  15. दूसरों के साथ अपने संबंधों में प्रेम और एकता को बढ़ावा दें।
  16. मानवता की सेवा करें और बेहतरी के लिए काम करें।


Prakat Bhaye Sri Ram Ho Rama(Ram Janm Chaiti Geet)| Indian Folk Music| Renu Pandey| Loksangeet Sagar

 
श्री राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था। श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। श्री राम ने मर्यादा का पालन करते हुए राज्य, मित्र, माता पिता, यहाँ तक की माता सीता जी को भी छोड़ दिया। श्री राम के द्वारा दिखाए आदर्श परिवार प्रत्येक भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। श्री रामायण और रामचरित मानस में श्री राम के जीवन से सबंधित प्रामाणिक जानकारी मिलती है। तुलसीदास जी ने रामायण में श्री राम को परम ईश्वर के रूप में प्रदर्शित किया है जबकि वाल्मीकि के द्वारा रचित रामचरित मानस में उन्हें एक साधारण और मर्यादित व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है जो समाज के लिए एक आदर्श है। चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्रि मनाई जाती है तथा रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है। इसे राम जन्म की खुशी में मनाते हैं।

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