मैया खोल भवन के द्वार लिरिक्स Maiya Khol Bhawan Ke Dwar Lyrics

मैया खोल भवन के द्वार लिरिक्स हिंदी Maiya Khol Bhawan Ke Dwar Lyrics Hindi Most Popular Mata Bhajan by Chhoti Sapna Live

 
मैया खोल भवन के द्वार लिरिक्स Maiya Khol Bhawan Ke Dwar Lyrics

मैया खोल भवन के द्वार
दर्शन करने संगत आयी
संगत आयी
दर्शन करने संगत आयी
मैया खोल भवन के द्वार
दर्शन करने संगत आयी

हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे 
मैया
हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे
हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे 
तेरी करते जय जयकार 
दर्शन करने संगत आयी 
मैया खोल भवन के द्वार 
दर्शन करने संगत आयी 

हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे 
मैया
हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे
हम आये तेरे द्वारे 
कर दुखड़े दूर हमारे 
तेरी करते जय जयकार 
दर्शन करने संगत आयी 
मैया खोल भवन के द्वार 
दर्शन करने संगत आयी
 


मैया खोल भवन के द्वार लिरिक्स Maiya Khol Bhawan Ke Dwar Lyrics
Maiya Khol Bhavan Ke Dvaar
Darshan Karane Sangat Aayee
Sangat Aayee
Darshan Karane Sangat Aayee
Maiya Khol Bhavan Ke Dvaar
Darshan Karane Sangat Aayee

Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Maiya
Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Teree Karate Jay Jayakaar
Darshan Karane Sangat Aayee
Maiya Khol Bhavan Ke Dvaar
Darshan Karane Sangat Aayee

Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Maiya
Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Ham Aaye Tere Dvaare
Kar Dukhade Door Hamaare
Teree Karate Jay Jayakaar
Darshan Karane Sangat Aayee
Maiya Khol Bhavan Ke Dvaar
Darshan Karane Sangat Aayee

हिंदू धर्म में, नवरात्रि एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का त्योहार चैत्र या आश्विन महीने में मनाया जाता है।

नवरात्रि के नौ रूपों का विस्तार से वर्णन इस प्रकार है:

1. शैलपुत्री
नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री को समर्पित है। शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला रूप है। उनका जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ था। शैलपुत्री देवी एक सिंह पर सवार हैं और उनके हाथों में त्रिशूल और कमल हैं।

2. ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप है। देवी ब्रह्मचारिणी को तपस्या की देवी माना जाता है। वह एक सफेद वस्त्र पहने हुए हैं और उनके हाथों में कमल और माला है।

3. चंद्रघंटा
नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा को समर्पित है। चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा रूप है। उनके माथे पर अर्धचंद्र है, इसलिए उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। देवी चंद्रघंटा को सौंदर्य और शीतलता की देवी माना जाता है।

4. कूष्मांडा
नवरात्रि का चौथा दिन कूष्मांडा को समर्पित है। कूष्मांडा देवी दुर्गा का चौथा रूप है। देवी कूष्मांडा ने ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था, इसलिए उनका नाम कूष्मांडा पड़ा। देवी कूष्मांडा को शक्ति और ऊर्जा की देवी माना जाता है।

5. स्कंदमाता
नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित है। स्कंदमाता देवी दुर्गा का पांचवां रूप है। देवी स्कंदमाता के हाथों में कन्या और हथियार हैं। देवी स्कंदमाता को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है।

6. कात्यायनी
नवरात्रि का छठा दिन कात्यायनी को समर्पित है। कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा रूप है। देवी कात्यायनी के हाथों में कमल और धनुष-बाण हैं। देवी कात्यायनी को शक्ति और वीरता की देवी माना जाता है।

7. कालरात्रि
नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि को समर्पित है। कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां रूप है। देवी कालरात्रि के हाथों में त्रिशूल और खड्ग है। देवी कालरात्रि को भय और विनाश की देवी माना जाता है।

8. महागौरी
नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी को समर्पित है। महागौरी देवी दुर्गा का आठवां रूप है। देवी महागौरी के हाथों में त्रिशूल और डमरू है। देवी महागौरी को शीतलता और सौंदर्य की देवी माना जाता है।

9. सिद्धिदात्री
नवरात्रि का नौवां दिन सिद्धिदात्री को समर्पित है। सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवां और अंतिम रूप है। देवी सिद्धिदात्री के हाथों में कमल और माला है। देवी सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियों की देवी माना जाता है।नवरात्रि के नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस, और सफलता प्राप्त होती है।

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