निर्वाण षटकम् लिरिक्स Nirvan Shatkam With Meaning Lyrics (Song of Isha foundation)
मनो बुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा: न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मृत्युर् न शंका न मे जातिभेद: पिता नैव मे नैव माता न जन्म
न बन्धुर् न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर् न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा: न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मृत्युर् न शंका न मे जातिभेद: पिता नैव मे नैव माता न जन्म
न बन्धुर् न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर् न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
Nirvan Shatkam Meaning
मनो बुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
My mind, intellect, ego, and consciousness, I am not these. Not the ears, tongue, nose, or eyes am I. Not the space, earth, energy, or air am I. I am the form of pure consciousness and bliss; I am Shiva, I am Shiva.
मनो - mind
बुद्धि - intellect
अहंकार - ego
चित्त - consciousness
अनि - not
अहं - I
न - not
च - and
श्रोत्र - ears
जिह्वे - tongue
घ्राण - nose
नेत्रे - eyes
न - not
च - and
व्योम - space
भूमिः - earth
न - not
तेजः - energy
न - not
वायुः - air
चिदानन्द - pure consciousness and bliss
रूपः - form
शिवः अहम् - I am Shiva
शिवः अहम् - I am Shiva
मनो - mind
बुद्धि - intellect
अहंकार - ego
चित्त - consciousness
अनि - not
अहं - I
न - not
च - and
श्रोत्र - ears
जिह्वे - tongue
घ्राण - nose
नेत्रे - eyes
न - not
च - and
व्योम - space
भूमिः - earth
न - not
तेजः - energy
न - not
वायुः - air
चिदानन्द - pure consciousness and bliss
रूपः - form
शिवः अहम् - I am Shiva
शिवः अहम् - I am Shiva
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च प्राण संज्ञो - Not the breath or the five vital airs
न वै पञ्चवायु: - Not the five elements (air, water, fire, earth, and space)
न वा सप्तधातुर् - Not the seven constituents of the body (chyle, blood, flesh, fat, marrow, bone, and semen)
न वा पञ्चकोश: - Not even the five sheaths of the body (annamaya kosha, pranamaya kosha, manomaya kosha, vijnanamaya kosha, and anandamaya kosha)
न वाक्पाणिपादौ - Not the speech, hands, or feet
न चोपस्थपायू - Not the organs of excretion or procreation
चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् - I am Shiva, I am Shiva, of the nature of pure consciousness and bliss
In essence, the Nirvan Shatakam is a devotional hymn that asserts the true nature of the Self, beyond the physical body, senses, and even the mind. It declares that the true nature of the Self is pure consciousness and bliss, and identifies this Self with the divine principle of Shiva.
न वै पञ्चवायु: - Not the five elements (air, water, fire, earth, and space)
न वा सप्तधातुर् - Not the seven constituents of the body (chyle, blood, flesh, fat, marrow, bone, and semen)
न वा पञ्चकोश: - Not even the five sheaths of the body (annamaya kosha, pranamaya kosha, manomaya kosha, vijnanamaya kosha, and anandamaya kosha)
न वाक्पाणिपादौ - Not the speech, hands, or feet
न चोपस्थपायू - Not the organs of excretion or procreation
चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् - I am Shiva, I am Shiva, of the nature of pure consciousness and bliss
In essence, the Nirvan Shatakam is a devotional hymn that asserts the true nature of the Self, beyond the physical body, senses, and even the mind. It declares that the true nature of the Self is pure consciousness and bliss, and identifies this Self with the divine principle of Shiva.
Nirvana Shatakam in presence of Sadhguru on Maha Shivaratri 2018 by Isha Brahmacharis
यह भी देखें You May Also Like
- शिव कैलाशों के वासी लिरिक्स Shiv Kailasho Ke Vasi lyrics Hindi
- निर्वाण षटकम् भजन लिरिक्स Nirvan Shatkam Bhajan Lyrics Mahashivratri Mantra
- ब्रह्मा परात्पर पूर्ण महेश्वर भजन लिरिक्स Brahma Paratpar Purna Maheshwar Bhajan Lyrics Shiv Bhajan Lyrics
- चालो रे सखियाँ चालो, हिमालय (हिमाचल ) के द्वारे आज भजन लिरिक्स Chalo Re Sakhiya Chalo Himachal Ke Dware Aaj Bhajan Lyrics
- तेरा करता रहता वेट बाबा धुणें पे लिरिक्स Tera Karta Rahata Wait Baba Dhune Pe Lyrics Shiv Bhajan Lyrics
- भोला नाचे या भोली नाचे लिरिक्स Bhola Nache Ya bholi Nache Lyrics
निर्वाण षटकम् लिरिक्स Nirvan Shatkam With Meaning Lyrics (Song of Isha foundation)
Mano Buddhyahankaarachittaani Naaham Na Ch Shrotr Jihve Na Ch Ghraan Netre
Na Ch Vyom Bhoomir Na Tejo Na Vaayu: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Ch Praan Sangyo Na Vai Panchavaayu: Na Va Saptadhaatur Na Va Panchakosh:
Na Vaakpaanipaadau Na Chopasthapaayoo Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Me Dvesh Raagau Na Me Lobh Mohau Mado Naiv Me Naiv Maatsary Bhaav:
Na Dharmo Na Chaartho Na Kaamo Na Moksh: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Punyan Na Paapan Na Saukhyan Na Du:kham Na Mantro Na Teerthan Na Veda: Na Yagya:
Ahan Bhojanan Naiv Bhojyan Na Bhokta Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Mrtyur Na Shanka Na Me Jaatibhed: Pita Naiv Me Naiv Maata Na Janm
Na Bandhur Na Mitran Gururnaiv Shishy: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Ahan Nirvikalpo Niraakaar Roopo Vibhutvaachch Sarvatr Sarvendriyaanaam
Na Chaasangatan Naiv Muktir Na Mey: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Nirvana Shatakam in presence of Sadhguru on Maha Shivaratri 2018 by Isha Brahmacharis
Na Ch Vyom Bhoomir Na Tejo Na Vaayu: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Ch Praan Sangyo Na Vai Panchavaayu: Na Va Saptadhaatur Na Va Panchakosh:
Na Vaakpaanipaadau Na Chopasthapaayoo Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Me Dvesh Raagau Na Me Lobh Mohau Mado Naiv Me Naiv Maatsary Bhaav:
Na Dharmo Na Chaartho Na Kaamo Na Moksh: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Punyan Na Paapan Na Saukhyan Na Du:kham Na Mantro Na Teerthan Na Veda: Na Yagya:
Ahan Bhojanan Naiv Bhojyan Na Bhokta Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Na Mrtyur Na Shanka Na Me Jaatibhed: Pita Naiv Me Naiv Maata Na Janm
Na Bandhur Na Mitran Gururnaiv Shishy: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Ahan Nirvikalpo Niraakaar Roopo Vibhutvaachch Sarvatr Sarvendriyaanaam
Na Chaasangatan Naiv Muktir Na Mey: Chidaanand Roop: Shivoham Shivoham .
Nirvana Shatakam in presence of Sadhguru on Maha Shivaratri 2018 by Isha Brahmacharis