लगे जब मिश्री सी कड़वी भी हर बात,
करे दिल नाचण का जब तेरा दिन रात ,
सपनों में आये जानों, जब खाटू वाला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
खेत सरसों के लहलहाते हैं फूल मपुरझायें भी मुस्काते हैं,
तान सुनाई देती मुरली की, पंछी जब मन में चह चहाते हैं,
केसरियाँ दिखलाई दे जब, ये जग सारा है,
केसरियाँ दिखलाई दे जब, ये जग सारा है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
मस्तियाँ हद से ज्यादा बढ़ जाएँ, नींद रातों की जब उड़ जाएँ,
छोड़ के काम सारी दुनियाँ के, चाव खाटू जाने का चढ़ जाएँ,
श्याम प्रेम में झूमें जब से दिल मतवाला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
श्याम का जादू सिर पे चढ़ जाएँ, दिल ये दीवाना "सोनू" (सुनील गुप्ता लेखक) हो जाएँ,
जहाँ भी जाती है नजर अपनी, श्याम की सूरत ही नजर आएँ,
श्याम नाम जपती जब ये सांसो की माला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
तो समझो के फागुन, तब आने वाला है,
श्री खाटू श्याम जी फाल्गुन मेला खाटू श्याम जी में बड़ी ही धूम धाम से श्री श्याम भक्तों के द्वारा मनाया जाता है।
खाटू श्याम जी, जिन्हें खाटू श्याम बाबा, हारे का सहारा, तीन बाण धारी के नाम से भी जाना जाता है, श्याम भक्तों में सर्वोच्च आस्था का स्थान रखते हैं। श्री खाटू श्याम जी को श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है