श्री कृष्ण को गोविन्द क्यों कहते हैं Why Krishna Called Govinda

Why Krishna Called Govinda श्री कृष्ण को गोविन्द क्यों कहते हैं

Govind Meaning Hindi गोविन्द का हिंदी मीनिंग : गोविन्द दो शब्दों से मिलकर एक शब्द बना है। 
गो = गाय cow
विन्द = रक्षक, देखभाल करने वाला। cowherd
श्री कृष्ण बचपन में गाय चराते थे और गायों की रखवाली करते थे, गायों की देखभाल और रक्षा करने के कारण ही श्री कृष्णा जी को "गोविन्द" (गोविन्द को ही गोविंदा भी बुलाया जाता है ) के नाम से सम्बोधित किया जाता है। 

Why Krishna Called Govinda

Why Krishna Called Govinda श्री कृष्ण जी को गोविन्द क्यों कहते हैं : 

श्री कृष्ण जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे, नंदलाला, गोपाला, गोविन्द, मुरलीधर, कान्हा, मुरारी, नन्द गोपाल, राधेश्याम, श्याम आदि। श्री कृष्ण जी को गोविन्द के नाम से भी भक्त पुकारते हैं जिसके पीछे कथा है की श्री कृष्ण गायों को चराने के लिए जंगल में लेकर जाते थे और अपनी गायों की खूब देखभाल करते थे। एक बार कामधेनु नाम की गाय श्री कृष्ण जी के पास आई और कहने लगी की आप गायों की खूब देखभाल करते हैं और मैं कामधेनु हूँ जो स्वर्ग से आई हूँ।मुझे आपका अभिषेक करना है।

श्री कृष्ण जी से अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त कामधेनु गाय ने पवित्र जल से श्री कृष्ण जी का अभिषेक किया और इसके उपरान्त इंद्र भगवान अपने हाथी ऐरावत के साथ आये और श्री कृष्ण को "गोविन्द " के नाम से पुकारा और उन्हें कहा की अब उनको गोविन्द नाम से भी पहचाना जाएगा। गां विन्दति (ऋच्छति) इति गोविन्द:।

उल्लेखनीय हैं की श्री कृष्णा जी भगवान् विष्णु जी के आठवे अवतार हैं। श्री कृष्ण जी को गोविन्द नाम के अतिरिक्त द्वारकाधीश, रणछोड़, वासुदेव, नंदलाला, कन्हैया, श्याम, मुरलीधर, राधाकिशन गोपाल आदि नामों से भी जाना जाता है।

श्री कृष्ण जी के नाम और उनके अर्थ : Shri Krishna Names with Meaning

  • कृष्ण – आकर्षित करने वाले, ब्रह्माण्ड के प्राण।
  • कमलनाथ – भगवान विष्णु, कमला के भगवान, चूँकि भगवान् श्री कृष्ण विष्णु जी के ही अवतार हैं।
  • वासुदेव – श्री कृष्ण के पिता, धन के स्वामी।
  • सनातन – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, जिसका कभी अंत न हो, स्थायी।
  • वसुदेवात्मज – वासुदेव के पुत्र
  • पुण्य – शुद्धतम।
  • श्रीवत्स कौस्तुभधराय – श्री वत्स और कौस्तुभ रत्न पहनने वाले।
  • यशोदावत्सल – माँ यशोदा के प्रिय शिशु।
  • हरि – प्रकृति के स्वामी, प्रकृति के भगवान।
  • चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा – चार भुजा शास्त्र धारण करने वाले।
  • देवकीनन्दन – माता देवकी जी के पुत्र
  • श्रीशाय – श्री (लक्ष्मी) का निवास (भगवान् विष्णु जी के सन्दर्भ में )
  • यमुनावेगा संहार – यमुना नदी की प्रबल गति को नष्ट करने वाला
  • बलभद्र प्रियनुज – बलराम के छोटे भाई।
  • पूतना जीवित हर – राक्षसी पूतना को मारने वाले, श्री कृष्ण।
  • शकटासुर भञ्जन – दानव शकटासुर का संहारक
  • नन्दव्रज जनानन्दिन – नंद और ब्रज के लोगों के लिए खुशी लाने वाले।

Shri Krishna Sahasranamam | श्रीकृष्‍ण के एक हजार नाम | Krishna Mantra

Other Holy Names of Lord Shri Krishna with Meaning

  • कृष्ण : जो सभी को आकर्षित करता है
  • गोविंद : गाएँ चराने वाला
  • वासुदेव : वासुदेव के पुत्र
  • जनार्दन : संसार के रक्षक
  • मुरारी : मुर नामक असुर का संहारक
  • केशव : लंबे बालों वाला
  • माधव : लक्ष्मीपति
  • गोपाल : गाएँ पालने वाला
  • द्वारकेश : द्वारका के स्वामी
  • यशोदानंदन : यशोदा के पुत्र
  • नंदनंदन : नंद बाबा के पुत्र
  • श्यामसुंदर : काले रंग के सुंदर
  • राधानाथ : राधा के स्वामी
  • परंज्योति : दिव्य प्रकाश
  • अच्युत : जो कभी नष्ट नहीं होता
  • मुरलीधर : बांसुरी धारण करने वाला
  • वृन्दावनसंचारी : वृन्दावन में विचरण करने वाला
  • बलरामप्रिय : बलराम के प्रिय
  • जगन्नाथ : संसार के स्वामी
  • चक्रधर : सुदर्शन चक्र धारण करने वाला
  • हृषिकेश : इंद्रियों के स्वामी
  • व्रजराज : व्रजभूमि के राजा
  • परब्रह्म : परम ईश्वर
  • अनन्त : जो अनंत है
  • नारायण : संसार का पालनकर्ता
  • त्रिविक्रम : तीन लोकों में विजय पाने वाला
  • पतितपावन : पापियों का उद्धारक
  • परमात्मा : सर्वश्रेष्ठ आत्मा
  • साक्षी : साक्षी रूप में उपस्थित
  • योगेश्वर : योग का स्वामी
  • विश्वरूप : समस्त संसार का रूप
  • सर्वेश्वर : सभी के स्वामी
  • जगद्गुरु : संसार के गुरु
  • आनंदमय : आनंद से भरा हुआ
  • कृपालु : दयालु
  • दामोदर : कमर में रस्सी बांधने वाला
  • भक्तवत्सल : भक्तों का प्रिय
  • परमेश्वर : सर्वशक्तिमान
  • चन्द्रभानु : चन्द्र के समान तेजस्वी
  • वेदांत : वेदों का अंत
  • देवकीनंदन : देवकी के पुत्र
  • अर्णव : ज्ञान का सागर
  • अद्वितीय : जिसका कोई दूसरा नहीं
  • यज्ञेश्वर : यज्ञ के स्वामी
  • सुदर्शन : सुंदर दिखने वाला
  • पुरुषोत्तम : उत्तम पुरुष
  • अजेय : जिसे कोई हरा नहीं सकता
  • यज्ञपतिः : यज्ञों के स्वामी
  • परमपुरुष : सर्वोच्च पुरुष
  • गोवर्धनधर : गोवर्धन पर्वत उठाने वाले
  • दीनबंधु : दीनों के साथी
  • योगमाया : योग की माया धारण करने वाले
  • मुरारिप्रिया : मुरारी के प्रिय
  • नीलकंठ : विषपान करने वाले
  • देवाधिदेव : देवताओं के स्वामी
  • त्रिलोकनाथ : तीनों लोकों के स्वामी
  • शरणागतवत्सल : शरण में आने वालों के प्रिय
  • भूधर : पृथ्वी को धारण करने वाले
  • दयानिधि : दया के सागर
  • भवबन्धव : संसार बंधन से मुक्त करने वाले
  • धर्मराज : धर्म के पालक
  • कालेश्वर : समय के स्वामी
  • नित्य : सदा रहने वाले
  • ब्रह्मण्यदेव : ब्राह्मणों के रक्षक
  • अमृत : अमर
  • कौलिन : श्रेष्ठ कुल में जन्म लेने वाले
  • सर्वज्ञ : सब कुछ जानने वाले
  • प्रीतिकर : प्रिय करने वाले
  • आनन्दकंद : आनंद के मूल
  • आत्मरूप : आत्मा का रूप
  • ज्ञानमूर्ति : ज्ञान की मूर्ति
  • शक्ति : शक्ति से युक्त
  • सच्चिदानंद : सत्य, चित और आनंद का स्वरूप
  • गदाधर : गदा धारण करने वाले
  • शरण्य : शरणागतों का रक्षक
  • वीर्यवान : वीरता से परिपूर्ण
  • करुणाकर : दया करने वाले
  • धर्मपाल : धर्म का पालन करने वाले
  • ज्ञानवान : ज्ञान से संपन्न
  • अभय : निर्भय
  • काल : समय का रक्षक
  • श्रीधर : लक्ष्मीपति
  • महासेन : महान योद्धा
  • शान्तिप्रिय : शांति को प्रिय
  • पापहर : पापों का नाश करने वाले
  • पुण्यात्मा : पुण्य से परिपूर्ण
  • सत्य : सत्य का पालन करने वाले
  • अभिगम्य : सहज प्राप्त होने वाले
  • महाप्रभु : महान स्वामी
  • अर्चित : पूजित
  • भव : सृष्टि के उत्पत्ति करने वाले
  • श्रीवल्लभ : लक्ष्मी के प्रिय
  • योगिध्येय : योगियों द्वारा ध्यान किए जाने वाले
  • मुक्तिदाता : मोक्ष प्रदान करने वाले
  • सुशील : सुशोभित और विनम्र
  • धर्मरक्षक : धर्म की रक्षा करने वाले
  • शौर्यवान : शौर्य से युक्त
  • अनिरुद्ध : जिन्हें कोई नहीं रोक सकता
  • सर्वगत : जो सर्वत्र व्याप्त हैं
  • जयंत : सदैव विजयी

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