दीपक पावक आंणिया तेल भी आंण्या संग मीनिंग कबीर के दोहे

दीपक पावक आंणिया तेल भी आंण्या संग मीनिंग Deepak Paavak Aaniya Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit


दीपक पावक आंणिया, तेल भी आंण्या संग।
तीन्यूं मिलि करि जोइया, (तब) उड़ि उड़ि पड़ैं पतंग॥

Deepak Paavak Aaniya, Tel Bhi Aanya Sang,
Tinyu Mili kari Joiya, Udi Udi Pade Patang. 
 
दीपक पावक आंणिया, तेल भी आंण्या संग। तीन्यूं मिलि करि जोइया, (तब) उड़ि उड़ि पड़ैं पतंग॥

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Word Meaning Hindi.

  • दीपक-जीवात्मा।
  • पावक-अग्नि।
  • आंणिया-आया।
  • आंण्या-आना।
  • तीन्यूं मिलि करि-तीनों मिलकर।
  • जोइया-जला दिया।
  • उड़ि उड़ि- उड़ उड़ कर।
  • पड़ैं पतंग-वासना रूपी पतंगे (वासना से ग्रस्त जीव )

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meanin

हृदय में दीपक, तेल और अग्नि को एक साथ लाया गया, ज्ञान का दीपक जलाया गया है। इन तीनों के एक साथ आने पर माया से ग्रस्त पतंगे इस में आकर गिरने लगे, नष्ट होने लगे। गुरु ने अपने ज्ञान के माध्यम से तेल, दीपक और अग्नि का एक साथ प्रबंध किया और जब ज्ञान की ज्योति जलने लगी तो इसमें वासना और विषय विकार के कीड़े उड़ उड़ कर गिरने लगे और नष्ट होने लगे। तेल से आशय गुरु के स्नेह से है। उडी उडी में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार का उपयोग हुआ है। जब जीवात्मा भक्ति रूपी प्रकाश से सम्पन्न हो जाता है तो स्वतः ही विषय विकार और वासनाएं नष्ट हो जाती हैं।

इस साखी में गुरु की महिमा को चित्रित किया गया है की गुरु ही स्नेह रूपी तेल को दीपक में डालकर ज्ञान की ज्योति पैदा करता है जिसमे समस्त विषय विकार जल कर नष्ट हो जाते हैं। जैसे दीपक की अग्नि में पतंगे (कीट) उड़ उड़ कर गिरते हैं और नष्ट हो जाते हैं, ऐसे ही गुरु के प्रकाश में समस्त विकार विकार जल कर नष्ट हो जाते हैं।

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