जे वो एकै न जाँणियाँ तो जाँण्याँ सब जाँण मीनिंग Je Vo Eke Na Janiya Meaning Kabir Ke Dohe

जे वो एकै न जाँणियाँ तो जाँण्याँ सब जाँण मीनिंग Je Vo Eke Na Janiya Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit (Hindi Meaning)

जे वो एकै न जाँणियाँ तो जाँण्याँ सब जाँण।
जो वो एक न जाँणियाँ, तो सबहीं जाँण अजाँण॥

Je Vo Eke Na Jaaniya, To Janya Sab Jaan,
Jo Vo Ek Na Jaaniya To Sabhi Jaan Ajaan.

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning (Hindi Shabdarth/Arth)
जो वो : जिसने वो (वह)
एकै : एक परमतत्व, एक ही स्वामी।
न जाँणियाँ : को जान लिया है।
तो जाँण्याँ सब जाँण तो समझो की समस्त ज्ञान को जान लिया है।
सब जाँण-सब जान लिया है, सब ज्ञान को प्राप्त कर लिया है।
जो वो एक न जाँणियाँ, तो सबहीं जाँण अजाँण : जिसने उस एक को नहीं जाना है तो समझिये की समस्त ज्ञान अधूरा ही है।
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning (हिंदी अर्थ/भावार्थ)
जिसने भी उस एक पूर्ण परमतत्व को जान लिया है तो समझो की उसने सम्पूर्ण ज्ञान को प्राप्त कर लिया है। क्योंकि समस्त ज्ञान का पुंज वो (ईश्वर) ही है। जिसने उसे ही नहीं जाना है तो समझो की वह सब जानकार भी अनजान ही है। 
उस एक में ही सभी समाए हुए हैं। जगत में जितने भी आयाम हम देख पाते हैं, सम्पूर्ण ब्रह्मांड सभी उसी एक के ही हैं और वह एक ही सभी में व्याप्त है।  विभिन्न मत हैं भक्ति के, यथा शास्त्रीय, कर्मकांड, पूजा पाठ, जप तप यह सभी हमें पृथक दिखाई देते हैं, लेकिन इनका सार क्या है ? इनका सारांश कबीर साहेब ने खोज निकाला की हमें सहज भाव से मालिक का सुमिरण करना है। सहज से आशय है की हम जैसे भी है, ठीक है किसी बाह्य कृतिम माध्यम की आवश्यकता नहीं है। आती सांस और जाती सांस में उस ईश्वर का सुमिरण करो। वह स्वतः ही हमारे व्यवहार में प्रदर्शित होने लगेगा, किसी जतन की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती है। जो सबका स्वामी है उसके समक्ष छद्म व्यवहार कैसा, मनसा, वाचा कर्मणा में जब सुमिरण होगा तो ना कहने की जरुरत होगी और नाहीं सुनने की।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url