अक्षर नाम का अर्थ मतलब राशि Akshar Meaning Hindi Akshar Naam Ka Hindi Arth
अक्षर नाम का हिंदी अर्थ होता है अविनाशी, अपरिवर्तनशील, स्थिर , अच्युत, नित्य ।
इसके
अलावा अक्षर शब्द का अर्थ शब्द या शब्दांश जिसमें केवल एक स्वर हो उसे भी
अक्षर कहा जाता है । इसके अलावा जिसका नाश ना हो सके, जो घट ना सके ,जो
नष्ट ना हो सके भी अक्षर नाम का अर्थ होता है। भगवान शिव का एक अन्य नाम
अक्षर भी है। शाब्दिक रूप से अक्षर का अर्थ होता है एक ही आघात या बल में
बोली जाने वाली ध्वनि या ध्वनि समुदाय की इकाई को ही अक्षर कहा जाता है।
जिसका कभी नाश ना हो, जो अविनाशी हो, जो सदा ही स्थिर रहता हो, नित्य,
परमात्मा, महादेव, विष्णु, आत्मा, आकाश, मोक्ष, मूल प्रकृति, अव्यक्त,
श्वास के एक आघात में उच्चरित ध्वनि इकाई, स्वर या स्वरसहित व्यंजन या
व्यंजनसहित स्वर, स्थिर, ब्रह्म, शिव आदि को अक्षर कहा जाता है। अक्षर नाम का मतलब होता है अविनाशी, अपरिवर्तनशील, स्थिर , अच्युत, नित्य होता है।
अक्षर नाम लड़कों (पु) का होता है, मतलब की यह नाम लड़कों का रखा जाता है। अक्षर
के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष
राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है।
मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह
'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है।
मेष जातकों का शुभ अंक : 9
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
अक्षर नाम की मित्र राशि मिथुन और सिंह होती है। अक्षर
मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते
हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अक्षर नाम के व्यक्ति आशावादी और
आत्मकेंद्रित होते हैं। अक्षर के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के
होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अक्षर नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि
से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं।
मेष
राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अक्षर नाम के
व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और
दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अक्षर नाम के व्यक्ति
गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अक्षर नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के
कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8
अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं।
भगवान
शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी
क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको
किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष
राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के
मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये
नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने
मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की
पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
साधारण
रूप से मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है। जैसा की ऊपर बताया
गया है मेष राशि की व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और किसी भी कार्य को करने की
शक्ति रखते हैं और अन्य से अधिक सक्रीय रूप से कार्य करते हैं ऐसे में उनका
शरीर अधिक कार्य करने के कारण निढाल बन सकता है। शरीर के रोगों से लड़ने के
शक्ति बेहतर होती है। उल्लेखनीय है की मेष राशि के व्यक्तियों को सरदर्द
और पाचन की बीमारिया प्रायः अधिक होती हैं, इसलिए उन्हें अपने पाचन को
बेहतर करने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली का पालन करना चाहिए। अपने शरीर
को विश्राम देना भी मेष राशि के लिए अधिक महत्त्व रखता है।
अक्षर के नाम का शुभ अंक (Supportive Numbers) ०९ होता है। अक्षर के नाम का शुभ रंग लाल सफ़ेद और पीला होता है, जिनमे सफ़ेद अधिक महत्त्व रखता है।
अक्षर नाम का शुभदिन मंगलवार होता है। अक्षर
नाम (अक्षर Name Swami Grah, Planet) अक्षर के नाम का स्वामी मंगल ग्रह होता
है जो जातक के उत्साह और कार्य करने की क्षमता के लिए महत्त्व रखता है। अक्षर
नाम का शुभ रत्न मूंगा रत्न/कोरल जेम होता है। जातक की कुंडली में यदि
मंगल कमजोर है तो मूंगा धारण करने से जातक को साहस और आत्मविश्वाश पैदा
होता है।