बींद/बीन हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब
बींद/बीन
का हिंदी में अर्थ वर, दूल्हा होता है। जब कोई युवक शादी करता है तो वह
बीन बनता है। ऐसे ही युवती को शादी के वक़्त बीनणी कहा जाता है। अतः स्पष्ट
है की जब पुरुष की शादी होती है और वह शेहरा बाँध कर बारात लेकर रवाना होता
है तो उसे बींद, बीन कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत भाषा के विन्दु/विदु से
बना है जिसका अर्थ ढूंढना, चयन करना, वरण करना होता है।
राजस्थान
में विवाह का अवसर अत्यंत ही शुभ माना जाता है और कई प्रकार की धार्मिक
रीती रिवाजों का पालन किया जाता है। सबसे पहले सगाई की रस्म होती है जिसमे
पारम्परिक रूप से बनड़े को तलवार दी जाती है और मस्तक पर तिलक लगाया जाता
है। इसके उपरान्त पीठि (हल्दी लगाना) का दस्तूर किया जाता है जो शादी के
दिवस तक चलता है। इसके उपरान्त जनेऊ और पल्ला दस्तूर का पालन होता है।
पूछे म्हारा राय बन्नासा री माया, आज बिंदोरो कोणी नूतियो जी,
सूरज जी रे राणा दे छै नार, तो आज बिंदोरो वेही नूतियो जी,
चन्दरमाजी रे चानणा दे छै नार, तो आज बिन्दोरो वेही नूतियो,
ईसरजी रे गवरा दे छै नार, तो आज बिन्दोरो वेही नूतियो,
बिनायकजी रे रिद्ध सिद्ध छै नार, तो आज बिन्दोरो वेही नूतियो,
जीमो म्हारा बनड़ा चांवलिया रो भात, तो ऊपर जीमो लापसी जी,
पिवो म्हारा बनड़ा भेसडल्या रो दूध, तो ऊपर पतासा घोलता जी,
चाबो म्हारा बनड़ा नागर बिड़ला पान, तो ऊपर चाबो डोडा इलायची जी,
बनड़ो म्हारो सांवरिया रो मेघ, के बनड़ी आभा बिजली जी,
बरसण लाग्यो सावणिया रो मेघ, कि चमकण लागी बिजली जी।
बीन शब्द एक राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसे आंचलिक स्तर पर कई प्रकार से बोला जाता है, यथा, बीन, बींद, बंदड़ा आदि।
बींद/बीन शब्द जातिवाचक संज्ञा है।
बींद/बीन शब्द एकवचन है।
बींद/बीन राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।