रज बीरज की कली तापरि साज्या रूप मीनिंग

रज बीरज की कली तापरि साज्या रूप मीनिंग

रज बीरज की कली, तापरि साज्या रूप।
राम नाम बिन बूड़ि है, कनक काँमणी कूप॥
Raj Biraj Ki Kali, Tapari Saajya Roop,
Raam Naam Bin Budi Hai, Kanak Kamani Koop.

रज बीरज की कली : मानव जीवन रज और वीर्य की कलि, प्रस्फुटन मात्र है.
तापरि साज्या रूप : उस पर रूप सजा है, मानव देह का ढांचा बना है.
राम नाम बिन बूड़ि है : राम नाम के बिना डूबना है.
कनक काँमणी कूप : कनक और कामिनी रूपी कुए में डूब जाते हैं.
रज : स्त्री का रज गुण.
बीरज : पुरुष का वीर्य.
की कली : का रूप है.
तापरि : उस पर.
साज्या : सजा है.
रूप : मानव रूप है.
राम नाम :
इश्वर के नाम सुमिरण के बिना.
बिन : बिना.
बूड़ि : डूबना है, पतन होना है.
कनक : स्वर्ण, माया.
काँमणी: स्त्री की माया.
कूप : कुआ.
मानव जीवन कुछ नहीं बल्कि रज और वीर्य का प्रस्फुटन मात्र है. इस योग के ऊपर ही मानव शरीर का ढांचा शोभित है. राम के नाम के सुमिरण के अभाव में तुम माया और स्त्री के मोह में फंसकर कुए में गिरते हो. अतः साधक को चाहिए की वह माया और स्त्री दोनों के प्रभाव को समझे और इनसे दूर रहे. दोनों का ही परिणाम मानव का पतन होता है. राम नाम ही मुक्ति का आधार है, राम नाम को त्याग कर जो भी कोई अन्य सांसारिक कार्यों में लिप्त रहता है वह अवश्य ही पतन का शिकार होता है.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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