आँख्याँ देखी परसराम कदे न झूठी होय हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Aakhya Dekhi Parasram kahe Na Jhuthi Hoy Hindi Meaning Rajasthani Dictionary
"आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय" (Ankhya Dekhi Parasram, Kade Na Jhuthi Hoy) एक राजस्थानी भाषा का मुहावरा है. इस मुहावरे का हिंदी में अर्थ होता है "आँखों देखी कभी झूठ नहीं हो सकती है" अतः जो प्रत्यक्ष हो, सिद्ध हो, आँखों के द्वारा देख ली गई हो, उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि कानों सुनी झूठ हो सकती है, लेकिन आँखों देखी नहीं. इस मुहावरे को "आंख्या देखेड़ी परसराम कदे ना झूठी होय" भी बोला जाता है.
इसे उदाहरण से ऐसे समझिये की वर्तमान समय के अधिकारी और नेता जन अपना घर भरने में लगे हैं, भले ही उनके विषय में कितनी ही नैतिक बातें शास्त्रों में लिख दी जाए, उनके नाम की महिमा को "चालीसा" का रूप देकर जुबा जुबा तक पहुचा दिया जाए, लेकिन जिसने इस सिस्टम की यातनाओं को भोगा है वह कभी इन बातों पर यकीन नहीं करेगा और कहेगा की आंख्या देखी परसराम, कदे ना झूठी होय" (परसराम से आशय एक व्यक्ति के नाम के विषय में सामान्य संबोधन है )
कोई भले ही आदर्श की पराकाष्ठा को छूकर कहे की समाज में कोई उंच नीच नहीं है, भेदभाव नहीं है, योग्यता का सम्मान है, हमारे नेता भले और नेक हैं, युगपरिवर्तक हैं, अधिकारी समाज कल्याण और समाज के हित के लिए कार्य में रत रहते हैं , लेकिन जिसकी खोपड़ी में निरंतर इन विषयों का हथोड़ा बजा है, बज रहा है वह कैसे इन बातों पर यकीन करेगा और कहेगा की "आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय".
यदि वह देख कर भी कुछ नहीं कहता है, आँखों देखी को भी वह बोल नहीं पाता है, मौन स्वीकृति देता है, तो शायद उसे वर्तमान समय के "समझदार नागरिक" के रूप में पहचाना जाता है, और शायद समझा भी जाना चाहिए.
इसे उदाहरण से ऐसे समझिये की वर्तमान समय के अधिकारी और नेता जन अपना घर भरने में लगे हैं, भले ही उनके विषय में कितनी ही नैतिक बातें शास्त्रों में लिख दी जाए, उनके नाम की महिमा को "चालीसा" का रूप देकर जुबा जुबा तक पहुचा दिया जाए, लेकिन जिसने इस सिस्टम की यातनाओं को भोगा है वह कभी इन बातों पर यकीन नहीं करेगा और कहेगा की आंख्या देखी परसराम, कदे ना झूठी होय" (परसराम से आशय एक व्यक्ति के नाम के विषय में सामान्य संबोधन है )
कोई भले ही आदर्श की पराकाष्ठा को छूकर कहे की समाज में कोई उंच नीच नहीं है, भेदभाव नहीं है, योग्यता का सम्मान है, हमारे नेता भले और नेक हैं, युगपरिवर्तक हैं, अधिकारी समाज कल्याण और समाज के हित के लिए कार्य में रत रहते हैं , लेकिन जिसकी खोपड़ी में निरंतर इन विषयों का हथोड़ा बजा है, बज रहा है वह कैसे इन बातों पर यकीन करेगा और कहेगा की "आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय".
यदि वह देख कर भी कुछ नहीं कहता है, आँखों देखी को भी वह बोल नहीं पाता है, मौन स्वीकृति देता है, तो शायद उसे वर्तमान समय के "समझदार नागरिक" के रूप में पहचाना जाता है, और शायद समझा भी जाना चाहिए.
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आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय के उदाहरण Aakhya Dekhi Parasram kahe Na Jhuthi Hoy Rajasthani Word Examples in Hindi
आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। म्हाने पतों है गोरमेंट के करे है, या तो बुद्धि ने नहीं, खोपड़ी गिने है, भाई आंख्या देखि परसराम कदे ना झूठी होय.
अतः
इस प्रकार से आपने जाना की "आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय" एक राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसका
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विविध प्रकार से बोला जाता है। "आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय" शब्द के
हिंदी भाषा में समानार्थी शब्द (अर्थ/मीनिंग) प्रत्यक्ष, आँखों से देखा हुआ, सत्य आदि होते
हैं। " आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय" को अंग्रेजी में obvious (easily perceived or understood; clear, self-evident, or apparent.), truth कहते हैं। आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय से सबंधित
अन्य जानकारियां निचे दी गई हैं।