
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
बा रै घाट रौ पांणी पीणौ : राजस्थानी मुहावरा/Rajasthani Idiom राजस्थानी भाषा में यह कहावत उन लोगों के लिए प्रयोग की जाती है जो किसी विशेष कार...
थोथा चिणा बाजै घणा- राजस्थानी मुहावरा / Rajasthani Idiom हिंदी में अर्थ- "थोथा चिणा बाजै घणा" एक प्रसिद्ध राजस्थानी कहावत है, जिसक...
पांचू आंगळी घी में होणी: (राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase) अर्थ (हिंदी): इस कहावत का अर्थ है जीवन में चारों ओर से लाभ और सुख की प्राप्ति। ...
लोभ गळौ कटावै-राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase इस कहावत का अर्थ है कि अधिक लाभ की इच्छा रखने वाले को कभी-कभी नुकसान उठाना पड़ता है, लोभ और ...
लरड़ी माथै ऊन कुण राखै राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase लरड़ी माथै ऊन कुण राखै :- गरीब का शोषण सब करते हैं, लरड़ी/लल्डी का अर्थ भेड़ से है।...
लेवण गई पूत गमा आई खसम / पूत लेबा गई और खसम गुमा आई राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase लेवण गई पूत गमा आई खसम/पूत लेबा गई और खसम गुमा आई :- ...
धूप में बाळ पकाणा Dhoop Me Bal Pakana अर्थ (हिंदी): यह कहावत उन व्यक्तियों के लिए उपयोग की जाती है जिन्होंने जीवन में केवल समय बिताया है, ले...
धौळै दिन दीवाळी करणी Dhoule Din Diwali karani अर्थ (हिंदी): इस राजस्थानी कहावत का मतलब है असंभव या असामान्य कार्य करने की बात करना। जैसे धूप...
लाठी हाथ मैं तो सगळा साथ मै-राजस्थानी कहावत हिंदी में अर्थ:- यह कहावत राजस्थानी संस्कृति में शक्ति और अधिकार के महत्व को दर्शाती है। इसका म...
राजस्थानी मुहावरा: रीस रै आंख्यां नी हुया करै, झाळ क आँख कोणी होवे यह मुहावरा दर्शाता है कि जब कोई व्यक्ति क्रोध में होता है तो वह अपने विवे...