तेरा कान्हा है नादान कहना माने ना

तेरा कान्हा है नादान कहना माने ना

कहना माने ना, कहना माने ना,
तेरा कान्हा है नादान, कहना माने ना।
करता गलियों में हैरान, कहना माने ना,
तेरा कान्हा है नादान, कहना माने ना।।

बीच गलियों में मुझको वो छेड़े,
मटकी फोड़े और बहियाँ मरोड़े,
करता है नजरों से वार, कहना माने ना,
तेरा कान्हा है नादान, कहना माने ना।।

तेरे द्वारे पे आईं ब्रज नारियां,
पर तू कान्हा को नहीं देगी गालियां,
रो-रो हम तो हुए बेहाल, कहना माने ना,
तेरा कान्हा है नादान, कहना माने ना।।

प्रभु शरण में बने हैं तुम्हारी,
दीन-दुखियों की सुध क्यों विसारी,
तेरे सेवक हैं नादान, कहना माने ना,
तेरा कान्हा है नादान, कहना माने ना।।


कृष्णा जी का बहुत ही अनमोल भजन - तेरा कान्हा है नादान - आचार्य श्री रसराज मृदुल जी #जन्माष्टमी सांग

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#Album : तेरा कान्हा है नादान
#Singer : आचार्य श्री रसराज मृदुल जी

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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