गौरा ने बाजी मारी हार गये भोलेनाथ लिरिक्स Gora Ji Ne Baji Mari Lyrics, Gora Ji Ne Baji Mari Har Gaye Bholenath
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ,
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना चंदा,
वो भी हारे और,
हार गये जट गंगा,
हाथ जोड़कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिवशंकर ने लगा दिया,
सिलबट्टा,
वो भी हारे और,
हार गये भंग लोटा,
हाथ जोड़ कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना डमरू,
वो भी हारे और,
हार गये पग घुँघरू,
हाथ जोड़कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना झोला,
वो भी हारे और,
हार गये सर्पमाला,
हाथ जोड़ फिर भोले,
बोले तू जीती हम हारे,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ,
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ,
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना चंदा,
वो भी हारे और,
हार गये जट गंगा,
हाथ जोड़कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिवशंकर ने लगा दिया,
सिलबट्टा,
वो भी हारे और,
हार गये भंग लोटा,
हाथ जोड़ कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना डमरू,
वो भी हारे और,
हार गये पग घुँघरू,
हाथ जोड़कर गौरा बोली,
स्वामी होश संभाल,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
शिव शंकर ने लगा दिया,
अपना झोला,
वो भी हारे और,
हार गये सर्पमाला,
हाथ जोड़ फिर भोले,
बोले तू जीती हम हारे,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ,
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ,
एक बार शिवशंकर गौरा,
खेलें पता डार,
गौरा ने बाजी मारी,
हार गये भोलेनाथ।
पार्वती माता एक हिंदू देवी हैं जो भगवान शिव की पत्नी हैं। उन्हें गौरी, दुर्गा, काली और शक्ति सहित कई नामों से जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, पार्वती को अक्सर "गोरा" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "निष्पक्ष" या "सफेद"। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसके बारे में कहा जाता है कि उसका रंग हिमालय की बर्फ की तरह सफेद है। यह उपनाम उसकी सुंदरता और पवित्रता पर जोर देता है, और अक्सर इसे प्रेम की अवधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
यह भी माना जाता है कि "गोरा" नाम उसके हल्के रंग के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि वह हिमालयी क्षेत्र में रहती थी, जहाँ सूरज की रोशनी कम तीव्र होती है, जिससे गोरी त्वचा मिलती है। हिंदू परंपरा में, गोरी त्वचा को सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जो पार्वती के "गोरा" कहे जाने के महत्व को जोड़ता है।
यह भी माना जाता है कि "गोरा" नाम उसके हल्के रंग के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि वह हिमालयी क्षेत्र में रहती थी, जहाँ सूरज की रोशनी कम तीव्र होती है, जिससे गोरी त्वचा मिलती है। हिंदू परंपरा में, गोरी त्वचा को सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जो पार्वती के "गोरा" कहे जाने के महत्व को जोड़ता है।
शिवरात्रि विवाह रस्म स्पैशल ।।एक बार शिवशंकर खेलें पता डार गौरां जी ने बाजी मारी हार गए भोलेनाथ
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