पलनवा गढ़ दे रे बढ़ईया झूला झूलेगो ललनवा

पलनवा गढ़ दे रे बढ़ईया झूला झूलेगो ललनवा


पलनवा गढ़ दे रे बढ़ईया,
झूला झूलेगो ललनवा।

नाजुक-नाजुक मेरो ललनवा,
सुंदर सा गढ़ देवो पलनवा।
चंदन का लेयो लकड़वा,
झूला झूलेगो ललनवा।

रेशम का बनायो रसरवा,
चांदी का लगायो घुंघरवा।
मखमल लेयो गद्दनवा,
झूला झूलेगो ललनवा।

बाजे ढोल, गाए हैं गीतनवा,
यशोदा के मुसकाए ललनवा।
सखियन के बोले पैंजनवा,
झूला झूलेगो ललनवा।

ऐसो सुंदर बन्यो है पलनवा,
नंद बाबा के भा गयो मनवा।
खुश हो के लुटाए खजिनवा,
झूला झूलेगो ललनवा।


Jhoola jhoolega lalanva Krishan Bhajan Singer and Writer Kumar Shravan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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