क्यों भगवान श्री कृष्ण को छलिया कहते हैं Krishn Ko Chhaliya Kyo Kahate Hain
श्री कृष्ण के कई नाम हैं जो उनके चमत्कार, लीला और गुणों को दर्शाते हैं, यथा कान्हां, मुरलीधर, बंशीधर, गोपाल, माधव आदि। लेखिन क्यों भगवान श्री कृष्ण को छलिया कहते हैं ? आइये इसी विषय में जान लेते हैं।
छलिया से आशय छल करने वाला होता है लेकिन ऐसा नहीं है की श्री कृष्ण ने कोई छल किया है। श्री कृष्ण जी द्वारा किये गए कार्य धर्म और समाज की रक्षा के लिए थे और उनके पीछे एक महान जनकल्याण कारी भावना समाहित रही है। श्री कृष्ण जी को गोपियों ने छलिया कहा ,क्योंकि भगवान उनके साथ रास लीला करते थे, गोपियाँ उनके प्रेम में इतनी अनुरक्त थी कि दीन दुनिया की, समाज की कोई खबर नहीं थी। कंस द्वारा मथुरा बुलाये जाने के बाद श्री कृष्ण पुनः नंदगांव नहीं लौटे इस कारण गोपियों ने श्री कृष्ण को छलिया कहा।आशय है की श्री कृष्ण भगवान पहले तो सभी को प्रेम की डोरी में बाँध लेते थे और फिर उन्हें छोड़ देते थे, लेकिन इसमें में धर्मार्थ हित निहित था कोई कपट नहीं।
श्री कृष्ण को पालक माता पिता से विदा को छोड़ कर जाना पड़ा, उनके मित्र बंधु बांधव सब उनसे दूर हो गए, लेकिन इसमें भी निति ही थी। गोपियों ने उद्धव जी से वार्तालाप करते हुए एक नाम छलिये का दिया क्योंकि कृष्ण जी ने उन्हें जाने से पहले बताया नही कि मुझसे अथाह प्रेम न करो ये उन गोपियों के अनुसार ये न बताना कृष्ण जी का छल था।
Why Shri Krishna Called Chhaliya ?
According to Hindu mythology, Lord Krishna was often called "Chhaliya" because he was mischievous and playful as a child. The name "Chhaliya" comes from the Hindi word "chhal" which means trickery or mischief. Lord Krishna was known for playing pranks on his friends and stealing butter from his mother's kitchen. He was also known for his love for playing the flute and dancing. His playful nature and mischievous activities earned him the nickname "Chhaliya" among his friends and family.
कृष्ण (Krishna) - भगवान जो गहरे रंग के हैं। गोविंद (Govind) - "गौ का पालन करने वाले " यशोदानंदन (Yashodanandan) - "यशोदा जी के पुत्र " गोपाल (Gopal) - "गौ पालन करने वाले, गायों के रक्षक " मुरलीधर (Murli-dhar) - "मुरली बजाने वाला, मुरली को अधरों पर रखने वाले " माखनचोर (Makhan-chor) - "मक्खन चुराने वाले " नन्दलाल (Nandalal) - "नंद जी के पुत्र" राधेश्याम (Radheyshyam) - "राधा के श्याम "
भगवान श्री कृष्ण कौन हैं और हिंदू पौराणिक कथाओं में उनका क्या महत्व है? उत्तर: भगवान श्री कृष्ण जी विष्णु के आठवें अवतार हैं। श्री कृष्णा करुणा, प्रेम और ज्ञान के देव हैं और वे पूरे भारत और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में व्यापक रूप से पूजनीय हैं।
भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी क्या है? उत्तर: भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में वासुदेव और देवकी के घर हुआ था। वह दंपति की आठवीं संतान थे और उनके पिता गुप्त रूप से उनके पालक माता-पिता, नंदा और यशोदा द्वारा पालने के लिए गोकुल ले गए थे।
भगवान कृष्ण की शिक्षाएं क्या हैं? उत्तर: भगवान कृष्ण की शिक्षाओं को हम भगवद गीता में प्राप्त कर सकते हैं जो निस्वार्थ कर्म, वैराग्य और भगवान के प्रति समर्पण के महत्व पर जोर देती है। श्री कृष्ण जी धर्म या सदाचारी जीवन की अवधारणा को भी सिखाते हैं और नैतिक मूल्यों के महत्व पर बल देते हैं।
भगवान कृष्ण को अक्सर एक बच्चे या युवा के रूप में क्यों चित्रित किया जाता है? उत्तर भगवान कृष्ण को अक्सर उनके चंचल और शरारती स्वभाव के कारण एक बच्चे या युवा के रूप में चित्रित किया जाता है। उन्हें अपने भक्तों के प्रति प्रेम के लिए भी जाना जाता है। वे नटखट और छलिया हैं।