फूला दी वरखा हो रही है बावा लाल दे दरबार

फूला दी वरखा हो रही है बावा लाल दे दरबार

फूला दी वरखा हो रही है, बावा लाल दे दरबार ते,
जिस झोली विच फूल प्या, सतगुरु ने वो तार ते।

सतगुरु चरनी जो फूल लगाया, बदल देवे तक़दीर दी,
संगता दी झोली विच प्या के, पांदा प्यार जंजीर दी,
गुरु दे दर दा इक ही फूल ने,
फूला दी वरखा हो रही है, बावा लाल दे दरबार ते।

इस फूल दा ते फूल कोई ना, फूल बड़ा अनमोल है,
झोली सब दी भर दिंदे, बाबा लाल दा दर खुला है,
हर झोली विच फूल लुटा के, सब दे काज सवार दे,
फूला दी वरखा हो रही है, बावा लाल दे दरबार ते।

ओ संगत है भागांवाली, जिसनु एह फूल मिलदा है,
जिस घर दे विच खुले खेड़े, ख़ुशी नाल ओ खिलदा है,
सागर वर्गे आज ते भगतो, बाबा लाल ने तार ते,
फूला दी वरखा हो रही है, बावा लाल दे दरबार ते।


Phool Di Barkha Baba Laal De Darbar Te [Full Song] Deyo Darshan Bawa Laal

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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