आओ आओ कान्हा आया राखी का त्यौहार लिरिक्स Aao Kanha Rakhi Ka Lyrics
आओ आओ कान्हा आया राखी का त्यौहार लिरिक्स Aao Kanha Rakhi Ka Lyrics
आओ आओ कान्हा,आया राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको,
जग के पालनहार,
आओ आओ नन्द कुमार,
आओ आओ कान्हा,
आया राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको।
मेरा तो बस एक है भाई,
वो हो तुम मेरे कृष्ण कन्हाई,
जब भी आता रक्षाबंधन,
तुमसे ही उम्म्मीद लगाई,
मेरा तो तुमसे ही कन्हैया,
रोशन है संसार,
आओ आओ मदन गोपाल,
आओ आओ कान्हा,
आया राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको।
देर करो ना जल्दी आओ,
बहना से राखी बँधवाओ,
तुम हो मेरे प्यारे भैया,
आकर बहन को गले लगाओ,
थाल सजा कर पूजा की,
मैं कर रही इंतज़ार,
आओ आओ नन्द कुमार,
आओ आओ कान्हा,
आया राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको।
भाई बहन के प्रेम का बंधन,
पावन होता रक्षा बंधन,
जिसका भाई तुमसा मोहन,
उसका फिर क्या कहना कुंदन,
तेरा हमेशा मिलता आया,
कान्हा मुझको प्यार,
आओ आओ मदन गोपाल,
आओ आओ कान्हा,
आया राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको।
रक्षा बंधन स्पेशल भजन - राखी का त्यौहार | Rakhi Ka Tyohaar | Toshi Kaur | Lord Krishna Rakhi Bhajan
रक्षा बंधन हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। रक्षा बंधन के दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी एक धागा होता है जिसे बहनें अपने भाइयों के कलाई पर बांधती हैं। राखी में आमतौर पर एक लाल धागा होता है जिसमें कुछ फूल और मिठाई होती है।
राखी बांधने के बाद, बहनें अपने भाइयों से आशीर्वाद मांगती हैं। भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षा बंधन के पीछे एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण एक बच्चे थे, तो एक राक्षस ने उनकी मां देवकी का अपहरण कर लिया। देवकी ने अपने भाई वसुदेव से मदद मांगी। वसुदेव ने देवकी को बचाने के लिए कृष्ण को एक टोकरी में रखकर नदी में बहा दिया। नदी के किनारे एक गोपिन ने कृष्ण को पाया और उन्हें पालना शुरू कर दिया।
बड़े होकर, कृष्ण ने राक्षस को मारकर देवकी को बचाया। देवकी ने अपने भाई वसुदेव से कहा कि वह कृष्ण को एक भगवन के रूप में पूजेगी। देवकी ने कृष्ण को एक राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया। रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उन्हें देवकी और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक देती हैं। बहनें अपने भाइयों से आशीर्वाद मांगती हैं और उन्हें जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देती हैं। भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें जीवन भर खुश रखने का वादा करते हैं। रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को मजबूत करता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के बंधन को और भी मजबूत बनाता है। रक्षा बंधन का महत्व निम्नलिखित है:
राखी बांधने के बाद, बहनें अपने भाइयों से आशीर्वाद मांगती हैं। भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षा बंधन के पीछे एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण एक बच्चे थे, तो एक राक्षस ने उनकी मां देवकी का अपहरण कर लिया। देवकी ने अपने भाई वसुदेव से मदद मांगी। वसुदेव ने देवकी को बचाने के लिए कृष्ण को एक टोकरी में रखकर नदी में बहा दिया। नदी के किनारे एक गोपिन ने कृष्ण को पाया और उन्हें पालना शुरू कर दिया।
बड़े होकर, कृष्ण ने राक्षस को मारकर देवकी को बचाया। देवकी ने अपने भाई वसुदेव से कहा कि वह कृष्ण को एक भगवन के रूप में पूजेगी। देवकी ने कृष्ण को एक राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया। रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उन्हें देवकी और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक देती हैं। बहनें अपने भाइयों से आशीर्वाद मांगती हैं और उन्हें जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देती हैं। भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें जीवन भर खुश रखने का वादा करते हैं। रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को मजबूत करता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के बंधन को और भी मजबूत बनाता है। रक्षा बंधन का महत्व निम्नलिखित है:
- यह भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है।
- यह भाई-बहन के बीच के बंधन को और भी मजबूत बनाता है।
- यह भाई-बहन के बीच के आदर और विश्वास को बढ़ाता है।
- यह भाई-बहन के बीच के प्यार को प्रदर्शित करता है।
- यह भाई-बहन के बीच के संबंधों को मजबूत बनाता है।
- रक्षा बंधन के दिन के कुछ रीति-रिवाज