बधाई सारे भक्तां ने लिरिक्स Badhai Sare Bhakta Ne Lyrics
बधाई सारे भक्तां ने लिरिक्स Badhai Sare Bhakta Ne Lyrics
नन्द के आनंद भयो,जय कन्हैया लाल की,
हाथी घोड़ा पालकी,
जय कन्हैया लाल की।
सारे बृज में शोर मचा है,
गोकुल में है हल्ला,
नन्द यशोदा के घर जन्मा,
सोहणा सोहणा लल्ला,
बल्ले बल्ले बधाई सारे भक्तां ने।
धन घड़ी धन भाग्य हमारा,
ऐसा शुभ दिन आया,
हम भगतों की रक्षा करने,
कृष्णा कन्हैया आया,
बल्ले बल्ले बधाई सारे भक्तां ने।
बाल कृष्णा के दर्शन करने,
देवी देवता आएं,
पलने में पालनहारी को देख,
सभी सुख पाएं,
बल्ले बल्ले बधाई सारे भक्तां ने।
सोणा सोणा चाँद सा मुखड़ा,
नजर नहीं लग जावे,
लल्ला के मस्तक पे मैया,
काली टिकी लगावे,
बल्ले बल्ले बधाई सारे भक्तां ने।
बनवारी जन्माष्टमी आई,
घर घर थाल बजाओ,
झूमो नाचो ख़ुशी मनाओ,
जय जयकार लगाओ,
बल्ले बल्ले बधाई सारे भक्तां ने।
Badhai Saare Bhagtan Ne Krishna Bhajan By Saurabh Madhukar [Full HD] I Bataao Kahan Milega Shyam
कृष्णा जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो विष्णु के आठवें अवतार हैं। कृष्णा जन्माष्टमी का त्योहार भारत के अलावा अन्य देशों में भी मनाया जाता है, जहां हिंदू रहते हैं। यह एक ऐसा त्योहार है जो हिंदू संस्कृति और आस्था को दर्शाता है।
कृष्णा जन्माष्टमी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। देवकी के पिता, कंस, एक अत्याचारी राजा थे, जिन्होंने भविष्यवाणी के अनुसार, अपने भतीजे कृष्ण को मारने का प्रयास किया था। लेकिन वसुदेव, भगवान कृष्ण को मथुरा से गोकुल ले गए, जहां उन्हें यशोदा और नंद ने गोपाल के रूप में पाला। कृष्णा एक महान योद्धा और दार्शनिक थे। उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और कंस को मारकर मथुरा को उसके आतंक से मुक्त कराया। कृष्ण ने हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक, भगवद्गीता का उपदेश दिया।
कृष्णा जन्माष्टमी का हिंदुओं के लिए बहुत महत्व है। यह भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है, जो हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक व्यक्तित्व हैं। कृष्णा को प्रेम, करुणा और दया के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। कृष्णा जन्माष्टमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। कंस एक अत्याचारी राजा था, जो लोगों को प्रताड़ित करता था। कृष्ण ने उसे मारकर लोगों को उसके आतंक से मुक्त कराया। यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर जीतती है।
कृष्णा जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन, मंदिरों को सजाया जाता है और भगवान कृष्ण की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। भक्तों द्वारा भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें भजन-कीर्तन और नृत्य द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस दिन, कई लोग उपवास रखते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
कृष्णा जन्माष्टमी के कुछ लोकप्रिय अनुष्ठान और रीति-रिवाज इस प्रकार हैं:
कृष्णा जन्माष्टमी एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें अपने धर्म और संस्कृति के बारे में जानने में मदद करता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो प्रेम, करुणा और दया जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है।
इस मधुर और लोकप्रिय भजन से सबंधित अन्य मिलते जुलते अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.
कृष्णा जन्माष्टमी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। देवकी के पिता, कंस, एक अत्याचारी राजा थे, जिन्होंने भविष्यवाणी के अनुसार, अपने भतीजे कृष्ण को मारने का प्रयास किया था। लेकिन वसुदेव, भगवान कृष्ण को मथुरा से गोकुल ले गए, जहां उन्हें यशोदा और नंद ने गोपाल के रूप में पाला। कृष्णा एक महान योद्धा और दार्शनिक थे। उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और कंस को मारकर मथुरा को उसके आतंक से मुक्त कराया। कृष्ण ने हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक, भगवद्गीता का उपदेश दिया।
कृष्णा जन्माष्टमी का हिंदुओं के लिए बहुत महत्व है। यह भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है, जो हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक व्यक्तित्व हैं। कृष्णा को प्रेम, करुणा और दया के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। कृष्णा जन्माष्टमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। कंस एक अत्याचारी राजा था, जो लोगों को प्रताड़ित करता था। कृष्ण ने उसे मारकर लोगों को उसके आतंक से मुक्त कराया। यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर जीतती है।
कृष्णा जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन, मंदिरों को सजाया जाता है और भगवान कृष्ण की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। भक्तों द्वारा भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें भजन-कीर्तन और नृत्य द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस दिन, कई लोग उपवास रखते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
कृष्णा जन्माष्टमी के कुछ लोकप्रिय अनुष्ठान और रीति-रिवाज इस प्रकार हैं:
- भगवान् कृष्ण की मूर्ति की स्थापना और पूजा-अर्चना: इस दिन, मंदिरों में भगवान कृष्ण की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है और भक्तों द्वारा उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
- भजन-कीर्तन और नृत्य: कृष्णा जन्माष्टमी के दिन, भक्त भगवान कृष्ण के भजन और कीर्तन करते हैं। वे कृष्ण के जीवन और लीलाओं को याद करते हैं।
- उपवास: कई लोग कृष्णा जन्माष्टमी के दिन उपवास रखते हैं। वे ऐसा भगवान कृष्ण को सम्मान देने के लिए करते हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: इस दिन, कई लोग धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। इन अनुष्ठानों में कृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन किया जाता है।
कृष्णा जन्माष्टमी एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें अपने धर्म और संस्कृति के बारे में जानने में मदद करता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो प्रेम, करुणा और दया जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है।
इस मधुर और लोकप्रिय भजन से सबंधित अन्य मिलते जुलते अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.
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