लाख चाहूँ मगर बात बनती नहीं क्या करूँ लिरिक्स Lakh Chahu Magar Lyrics


Yeshu Mashih Stuti Aradhana Worship Songs

लाख चाहूँ मगर बात बनती नहीं क्या करूँ लिरिक्स Lakh Chahu Magar Lyrics

हारे के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारे के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा।

लाख चाहू मगर,
बात बनती नहीं क्या करूँ,
नाव भटके मेरी,
पार लगती नहीं क्या करूँ,
कैसे नैया होगी पार,
टूट गयी पतवार ओ श्याम,
अब हाथ तू आके लगा जा,
कैसे नैया होगी पार,
टूट गयी पतवार ओ श्याम,
अब हाथ तू आके लगा जा,
हम तो खड़े तेरे द्वार।

आओ श्याम आओ श्याम,
आओ श्याम आओ श्याम,
हारे के सहारे आजा।

कोई सुनता नहीं,
मैं सुनाऊ किसे ये बता,
कोई सुनता नहीं,
मैं सुनाऊ किसे ये बता,
दर्द दिल का भला,
मैं दिखाऊ किसे ये बता,
तेरे होते मेरी हार,
कैसे होगी सरकार,
तेरे होते मेरी हार,
कैसे होगी सरकार,
एक बार तू धीर बंधा जा,
हम तो खड़े तेरे द्वार।

है भरोसा तेरा,
अब सहारा तेरा साँवरे,
अब सहारा तेरा साँवरे,
तेरे चरणों में है,
अब गुजारा मेरा साँवरे,
गंभीर इक बार,
आजा लीले पे सवार,
हो मेरे श्याम ईक बार,
आजा लीले पे सवार,
आके मोर छड़ी लहराजा,
हम तो खड़े तेरे द्वार।
 



लाख चाहूँ मगर बात बनती नहीं क्या करूँ संजय मित्तल जी श्याम भजन

श्री कृष्ण हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। वे विष्णु के आठवें अवतार हैं, और उन्हें एक आदर्श पति, पिता, और दोस्त के रूप में देखा जाता है।
श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, और उन्होंने अपना बचपन गोकुल में गोपियों के साथ खेलते हुए बिताया। उन्होंने अक्सर अपनी माखन चोरी और गोपियों के साथ छेड़खानी के लिए बदनाम किया जाता है, लेकिन वह एक दयालु और करुणामय व्यक्ति भी थे। उन्होंने कई राक्षसों का वध किया, और उन्होंने अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई चमत्कार किए। श्री कृष्ण महाभारत युद्ध में भी एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया, जो हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। गीता में, श्री कृष्ण आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के अर्थ पर चर्चा करते हैं। श्री कृष्ण की शिक्षाएं और कहानियां आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। वे एक आदर्श व्यक्ति और एक पूर्ण आदर्श के रूप में देखे जाते हैं।
श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:
  • दया और करुणा: श्री कृष्ण एक दयालु और करुणामय व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश की, चाहे वे कितना भी कमजोर या वंचित क्यों न हों।
  • शक्ति और साहस: श्री कृष्ण एक शक्तिशाली और साहसी व्यक्ति थे। उन्होंने कई राक्षसों का वध किया, और उन्होंने अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई चमत्कार किए।
  • ज्ञान और बुद्धि: श्री कृष्ण एक बुद्धिमान और ज्ञानी व्यक्ति थे। उन्होंने अपने भक्तों को कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए, और उन्होंने उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के अर्थ पर मार्गदर्शन किया।
  • प्यार और रोमांस: श्री कृष्ण एक प्यार करने वाला और रोमांटिक व्यक्ति थे। उन्होंने राधा के प्रति अपनी गहरी प्रेम और स्नेह व्यक्त की, और उन्होंने गोपियों के साथ एक विशेष बंधन साझा किया।
श्री कृष्ण को हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण और पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता है। उनकी शिक्षाएं और कहानियां आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।
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