अकबर-ए-आज़म का हिंदी में अर्थ /मीनिंग Akbar-E-Ajam Ka Hindi Me Meaning/Arth

अकबर-ए-आज़म का हिंदी में अर्थ /मीनिंग Akbar-Aie-Ajam Ka Hindi Me Meaning/Arth

अकबर-ए-आ'ज़म Akbar-e-aa'zam (اَکْبَرِ اَعْظَم) मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है जिसका उपयोग मुग़ल सम्राट 'जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर' को संबोधन करने में किया जाता था। अकबर  अबुल-फतह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर या शहंशाह अकबर-ए-आज़म, तीसरे मुगल सम्राट थे, जो अपने उदार विश्वास और उत्कृष्ट प्रशासन के लिए प्रसिद्द रहे। अकबर एक उदार और धार्मिक सहिष्णु शासक भी थे। उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए काम किया। उन्होंने हिंदू धर्म और संस्कृति का भी सम्मान किया।

अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट, पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता, हुमायूँ, मुगल साम्राज्य के दूसरे सम्राट थे। अकबर के जन्म के कुछ वर्षों बाद, हुमायूँ को शेरशाह सूरी ने पराजित कर दिया और मुगल साम्राज्य का पतन हो गया। अकबर और उनकी माँ हमीदा बानो को शेरशाह सूरी ने कैद कर लिया।

1555 में, शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद, हुमायूँ भारत लौटे और अकबर को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। अकबर ने अपने शासनकाल की शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना किया। उसे अपने राज्यों को फिर से हासिल करने के लिए लड़ना पड़ा और उसे अपनी सेना को मजबूत करना पड़ा।

Akbar-e-Azam (meaning "The Great Akbar") was the title given to the third Mughal emperor, Jalaluddin Muhammad Akbar, who reigned from 1556 to 1605. He was a skilled ruler and warrior who expanded the Mughal Empire and made it a powerful and prosperous state. He was also a tolerant and inclusive ruler who promoted religious harmony between Hindus and Muslims.

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