मां लक्ष्मी के दीपक कलावे की बाती का महत्व Lakshmi Mata Ke Deepak Ka Mahatv
मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सुख-समृद्धि की देवी माना गया है। मां लक्ष्मी की पूजा से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है, और दरिद्रता, तंगी तथा कर्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा और आराधना करना शुभ माना गया है।
कलावे की बाती से दीपक जलाने का महत्व
त्रिदेव एवं त्रिदेवियों की कृपा प्राप्त होती है
कलावा को रक्षा सूत्र माना गया है। जिसमें त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। यह त्रिदेवियां मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, और मां पार्वती का भी प्रतीक है। जब हम मां लक्ष्मी के समक्ष कलावे की बाती से दीया जलाते हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता का नाश होता है। ऐसा करने से त्रिदेवों एवं त्रिदेवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पितृ दोष से मुक्ति
कलावे के अंतिम भाग में पितरों की कृपा समाई होती है। जो पितृ दोष को दूर करने में सहायक होती है। इस प्रकार, मां लक्ष्मी के समक्ष कलावे की बाती का दीपक जलाने से पितृ दोष भी दूर होता है तथा घर में शांति बनी रहती है।
मां लक्ष्मी की पूजा करते समय दीया जलाना अनिवार्य माना गया है। कलावे की बाती का दीपक जलाने से त्रिदेव और त्रिदेवियां की कृपा प्राप्त होती है तथा घर में सुख समृद्धि और संपन्नता का वास होता है। जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति हेतु माता लक्ष्मी के समक्ष कलावे की बाती का दीपक जलाना बहुत ही लाभदायक होता है।
विभिन्न प्रकार के दीपक का है विशेष महत्त्व
हमारे भारतीय संस्कृति में दीपक का एक विशेष महत्व है। दीपक केवल प्रकाश ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक भावनाओं को भी प्रतीक होता है। दीपक भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे चांदी, मिट्टी, लोहा, तांबा, पीतल और आटे से बने हुए दीपक। हर दीपक का एक विशेष उद्देश्य और महत्व होता है, जिसे सही तरीके से जलाने से विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, अलग-अलग प्रकार के दीपक के उपयोग और उनके लाभ के बारे में:
एक बत्ती वाला दीपक
यह दीपक प्रायः ईष्टदेव से निवेदन हेतु जलाया जाता है। किसी भी देवी-देवता की पूजा के समय गाय के शुद्ध घी या तिल के तेल का एक बत्ती वाला दीपक प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है।
दो बत्ती वाला दीपक
भगवती दुर्गा और माता सरस्वती की आराधना के लिए दो बत्तियों वाला दीपक जलाना चाहिए। इसे जलाने से शिक्षा और विद्या प्राप्ति में सफलता मिलती है।
तीन बत्तियों वाला दीपक
गणेश भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाया जाता है। इसे नियमित रूप से जलाने से सौभाग्य और समृद्धि आती है।
चार बत्ती वाला दीपक
भैरव देवता को प्रसन्न करने के लिए चार बत्तियों वाला सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और शत्रुओं से रक्षा होती है।
पांच बत्ती वाला दीपक
किसी मुकदमे या विवाद में सफलता के लिए पांच बत्तियों वाला दीपक भगवान के सामने जलाना लाभकारी होता है। इसे जलाने से कार्तिकेय भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
सात बत्ती वाला दीपक
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए सात बत्तियों वाला दीपक जलाया जाता है। इसे विशेष रूप से दीपावली के दिन जलाना चाहिए ताकि घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे।
आठ या बारह बत्ती वाला दीपक
शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए आठ या बारह बत्तियों वाला घी या सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसे जलाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
दस बत्ती वाला दीपक
दशावतार की पूजा में दस बत्तियों वाला दीपक जलाना शुभ माना गया है। यह देवता की विशेष कृपा प्राप्त करने का एक माध्यम है।
सोलह बत्तियों वाला दीपक
विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए। इसे नियमित रूप से जलाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
विभिन्न प्रकार के दीपक और उनके लाभ
आटे का दीपक
साधना या सिद्धि हेतु आटे का दीपक उपयोगी होता है। इसे विशेष रूप से पूजा-पाठ में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। मनोकामना को पूर्ण करने के लिए आटे के दीपक का एक विशेष महत्त्व है। किसी भी प्रकार की साधना या सिद्धि हेतु आटे का दीपक बनाकर पुर्जा अर्चना की जाती है।
घी का दीपक
आर्थिक तंगी से मुक्ति और देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए रोजाना घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए घी का दीपक जलाने का विधान है। इसके अलावा आपको जान लेना चाहिए की घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। शिवजी के मंदिर में घी का दीपक जलाने से धन संपत्ति का विधान बनता है और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
सरसों के तेल का दीपक
शत्रुओं से बचाव और भैरव जी की पूजा के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसे सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए भी जलाया जा सकता है।
तिल के तेल का दीपक
शनि ग्रह की बाधाओं से मुक्ति के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसके अतिरक्त तिल के तेल के दीपक से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर एक सकारात्मक शक्तियों का वास होता है।
महूए के तेल का दीपक
पति की दीर्घायु और कुशलता की कामना के लिए महूए के तेल का दीपक जलाया जाता है। इसे घर के मंदिर में जलाना लाभकारी होता है।
अलसी के तेल का दीपक
राहु और केतु ग्रहों की शांति के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए। अलसी के तेल से दीपक प्रज्ज्वलित करने से धन धान्य का द्वार खुलता है और सौभाग्य आता है। घर में अलसी के तेल का दीया पश्चिम और पूर्व दिशा में जलाना लाभकारी होता है।
चमेली के तेल से तिकोना दीपक
हनुमानजी की कृपा पाने के लिए तीन कोनों वाला चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए। विशेष मन्त्रों के दौरान चमेली के तेल से तिकोना दीपक प्रज्जवलित किया जाता है।
गहरा और गोल दीपक
ईष्ट सिद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए एक गहरा और गोल आकार का दीपक प्रज्वलित करना शुभ माना गया है।
मध्य से ऊपर उठा दीपक
शत्रुओं से सुरक्षा हेतु मध्य से ऊपर की ओर उठा दीपक जलाना लाभकारी है। ऐसे दीपक से शत्रुओं का नाश होता है।
गिलोय का दीपक
पति की दीर्घायु के लिए गिलोय के तेल का दीपक जलाना लाभ देने वाला माना जाता है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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