फागुण का महीना मेरे रुकते नहीं है पांव

फागुण का महीना मेरे रुकते नहीं है पांव

फागुन का महीना,
मेरे रुकते नहीं हैं पांव,
चला रे, चला रे, मैं चला रे,
अपने सांवरिया के गांव।।

श्रद्धा से जाऊंगा मैं,
करूं ना दिखावा,
आया देखो, आया मेरे
बाबा का बुलावा,
खाटू की वो गलियां,
पीपल की ठंडी छांव,
चला रे, चला रे, मैं चला रे,
अपने सांवरिया के गांव।।

रह-रह के दिल मेरा,
श्याम-श्याम बोले,
नैया भी खाने लगी,
अब हिचकोले,
आन संभालो बाबा,
है टूटी-फूटी नाव,
चला रे, चला रे, मैं चला रे,
अपने सांवरिया के गांव।।

आंखों के आंसुओं से,
चरण धुलाऊंगा,
दिल की ये बातें अपने,
श्याम को सुनाऊंगा,
सागर कहे तेरी महिमा,
फैली है चारों दिशाओं,
चला रे, चला रे, मैं चला रे,
अपने सांवरिया के गांव।।

फागुन का महीना,
मेरे रुकते नहीं हैं पांव,
चला रे, चला रे, मैं चला रे,
अपने सांवरिया के गांव।।


Fagun Ka Mahina By Sagar Prince| फागुन का महीना (सागर प्रिंस)| Khatu Shyam Bhajan.

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 


यह भजन भी देखिये
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर गणेश भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post