याओशांग उत्सव मणिपुर की अनूठी परंपरा और रंगों का उत्सव सामान्य ज्ञान प्रश्न (GK Quiz)
याओशांग उत्सव किस राज्य में मनाया जाता है?
A) असम
B) मणिपुर ✅
C) पश्चिम बंगाल
D) त्रिपुरा
याओशांग उत्सव कितने दिनों तक चलता है?
A) तीन दिन
B) चार दिन
C) पाँच दिन ✅
D) सात दिन
याओशांग उत्सव किस महीने की पूर्णिमा से शुरू होता है?
A) बैशाख
B) लम्ता ✅
C) श्रावण
D) फाल्गुन
याओशांग उत्सव की शुरुआत किस परंपरा से होती है?
A) गोविंदजी मंदिर में पूजा
B) रंग खेलने से
C) याओशांग मेई थाबा (फूस की झोपड़ी जलाने) ✅
D) दीप जलाने से
बच्चे याओशांग उत्सव के दौरान घर-घर जाकर क्या करते हैं?
A) रंग खेलते हैं
B) नकाथेंग (धन संग्रह) ✅
C) मिठाई बांटते हैं
D) दीप जलाते हैं
थबल चोंगबा क्या है?
A) पारंपरिक मणिपुरी नृत्य ✅
B) कुश्ती प्रतियोगिता
C) मंदिर में संकीर्तन
D) एक विशेष मिठाई
याओशांग उत्सव में कौन-से खेल खेले जाते हैं?
A) क्रिकेट और बैडमिंटन
B) कबड्डी और खो-खो
C) फुटबॉल, रस्साकशी और मुकना कंगजेई ✅
D) शतरंज और ताश
याओशांग उत्सव के दौरान गोविंदजी मंदिर में क्या किया जाता है?
A) योग शिविर
B) भजन-कीर्तन (संकीर्तन) ✅
C) प्रतियोगिताएं
D) व्याख्यान
मुकना कंगजेई क्या है?
A) मणिपुरी पारंपरिक मिठाई
B) कुश्ती और हॉकी का मिश्रण ✅
C) त्योहार में जलाया जाने वाला दीप
D) मंदिर में होने वाला संकीर्तन
याओशांग उत्सव किस भारतीय त्योहार से समानता रखता है?
A) दीपावली
B) रक्षा बंधन
C) होली ✅
D) मकर संक्रांति
याओशांग उत्सव के दौरान क्या विशेष किया जाता है?
A) पतंग उड़ाना
B) गोविंदजी मंदिर में संकीर्तन ✅
C) आतिशबाजी करना
D) नवरात्रि पूजा
याओशांग उत्सव:याओशांग मणिपुर का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे होली के समय मनाया जाता है और यह पाँच दिनों तक चलता है। यह खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देने वाला उत्सव है।
यह त्योहार मणिपुरी चंद्र कैलेंडर के लम्ता महीने की पूर्णिमा से शुरू होता है। लोग फूस की झोपड़ी जलाकर याओशांग मेई थाबा नामक परंपरा निभाते हैं। बच्चे घर-घर जाकर नकाथेंग/दान इकट्ठा करते हैं। इस दौरान फुटबॉल, रस्साकशी और मुकना कंगजेई/कुश्ती और हॉकी का मिश्रण जैसे खेल आयोजित किए जाते हैं।
चांदनी रात में थबल चोंगबा नामक पारंपरिक नृत्य किया जाता है। गोविंदजी मंदिर में संकीर्तन/भजन-कीर्तन किया जाता है। इस त्योहार में स्थानीय व्यंजन बनाए जाते हैं और एक-दूसरे पर रंग डालकर होली जैसी खुशी मनाई जाती है। यह त्योहार मणिपुर की संस्कृति और परंपराओं का सुंदर संगम है, जो लोगों को आपस में जोड़ता है।