
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
यह शेर मीर तकी मीर का है। इस शेर में मीर तकी मीर अपने साथी यात्री से कह रहे हैं कि जब तक हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँचते, तब तक हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन कठिनाइयों को काँटे के रूप में देखा जा सकता है। मीर तकी मीर कह रहे हैं कि हमें इन कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस शेर में मीर तकी मीर हमें एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हमें इन कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मीर तक़ी मीर की यह कविता प्रेम और जुदाई के गहरे भावों को दर्शाती है। कवि अपने साथी से कहता है कि उसकी आँखों में आँसू हैं, जिससे वह कांटे को नहीं देख सकता जो उसके पाँव में चुभा है। वह साथी को सावधान करता है कि अत्याचारी प्रेमिका से होशियार रहे, क्योंकि उसका प्रेम दिल को बाग़ की तरह दाग़दार कर देता है। कवि अपने साथी से कहता है कि यदि यही स्थिति रही, तो वे जल्द ही इस प्रेम के बंधन में गिरफ़्तार हो जाएंगे। वह बुलबुल से अनुरोध करता है कि उसके फूल पर नज़र न डाले, क्योंकि वह कहीं गले का हार न बन जाए। कवि उम्मीद करता है कि उसकी ख़ाक से कुछ हासिल हो, इसलिए वह अपने दिलदार के कूचे को छानने की बात करता है।