बगलामुखी मंत्र लाभ महत्त्व
बगलामुखी मंत्र/ Baglamukhi Mantra hindi Baglamukhi Mantra
"ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा "
माता बगलामुखी को देवी दुर्गा का आठ अवतार कहा जाता है, जिन्हें महाविद्या के नाम से भी जाना जाता है। माता बगलामुखि को हल्दी के पानी से उत्पन्न किया गया है, क्योंकि हल्दी का रंग पीला है, इसलिए उनकी उपस्थिति है, इसलिए उन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है। उसकी कई अभिव्यक्तियाँ हैं और रात के समय उसकी पूजा करने से विशेष फल मिलता है। बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से आठवीं हैं। बगलामुखी मंत्र चौतरफा संरक्षण, समृद्धि स्थिरता के लिए अनगिनत लाभ प्रदान करता है और बीमारियों, पुरानी समस्याओं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। कहा जाता है कि बगलामुखी मंत्र का नियमित जप उस व्यक्ति के अहंकार और कार्यों को पंगु बना देता है जो हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है।
- ॐ गंगणपतये नमो नम: Om Ganganpatey Namo Namah
- शंकर महादेवन ॐ गंगणपतये नमो नम: गणेश मंत्र Om Ganganpatey Namo Namah
- ओमू र्भुवः भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं Om Bhur Bhuva Swa Tatviturvarenyam
- ॐ गंगणपतये नमो नम: गणेश मंत्र Om Ganganpatey Namo Namah
- राम गायत्री मन्त्र मीनिंग फायदे Ram Gayatri Mantra Benefits Meaning of Ram Gayatri Mantra
- भोजन मंत्र अर्थ और महत्वपूर्णता Bhojan Mantra Meaning Importance
बागलामुखी या बगलादेवी को समर्पित मुख्य मंदिर कमाक्य मंदिर, गुवाहाटी, असम में पाया जाता है। मां बगुलामुखी दुष्टों का संहार करती हैं। अशुभ समय का निवारण कर नई चेतना का संचार करती हैं। इनकी साधना अथवा प्रार्थना में श्रद्धा और विश्वास असीम हो तभी मां की शुभ दृष्टि आप पर होगी। इनकी आराधना करके आप जीवन में जो चाहें जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं। सामान्यत: आजकल इनकी सर्वाधिक आराधना राजनेता लोग चुनाव जीतने और अपने शत्रुओं को परास्त करने में अनुष्ठान स्वरूप करवाते हैं। इनकी आराधना करने वाला शत्रु से कभी परास्त नहीं हो सकता, वरन उसे मनमाना कष्ट पहुंच सकता है। इनकी आराधना (अनुष्ठान) करते समय ब्रह्मचर्य परमावश्यक है।
मंत्र साधना के नियम
- सर्वप्रथम शुभ मुर्हूत, शुभ दिन, शुभ स्थान, स्वच्छ वस्त्र, नए ताम्र पूजा पात्र, बिना किसी छल कपट के शांत चित्त, भोले भाव से यथाशक्ति यथा सामग्री, ब्रह्मचर्य के पालन की प्रतिज्ञा कर यह साधना आरम्भ कर सकते हैं।
- पीले पुष्प, पीले वस्त्र, हल्दी की 108 दाने की माला और दीप जलाकर माता की प्रतिमा, यंत्र आदि रखकर शुद्ध आसन कम्बल, कुशा या मृगचर्य जो भी हो उस पर बैठकर माता की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त करें
- माता बगलामुखी की आराधना के लिए जब सामग्री आदि इकट्ठा करके शुद्ध आसन पर बैठें (उत्तर मुख) तो दो बातों का ध्यान रखें, पहला तो यह कि सिद्धासन या पद्मासन हो, जप करते समय पैर के तलुओं और गुह्य स्थानों को न छुएं शरीर गला और सिर सम स्थित होना चाहिए।
- गंगाजल से छिड़काव कर (स्वयं पर) यह मंत्र पढें- अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थाङ्गतोऽपिवा, य: स्मरेत, पुण्डरी काक्षं स बाह्य अभ्यांतर: शुचि:। उसके बाद इस मंत्र से दाहिने हाथ से आचमन करें-ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम:। अन्त में ॐ हृषीकेशाय नम: कहके हाथ धो लेना चाहिए।
- इसके बाद गायत्री मंत्र पढ़ते हुए तीन बार प्राणायाम करें।
- चोटी बांधे और तिलक लगाएं। अब पूजा दीप प्रज्जवलित करें।
- विघ्नविनाशक गणपति का ध्यान करें।
- जैसे ही आप मंत्र का उच्चारण करते हैं, उस देवी-देवता के पास आपकी पुकार तुरंत पहुंचती है।। इसलिए मंत्र शुद्ध पढ़ना चाहिए।
- मंत्र का शुद्ध उच्चारण न होने पर कोई फल नहीं मिलेगा, बल्कि नुकसान ही होगा। इसीलिए उच्चारण पर विशेष ध्यान रखें।
- अब आप गणेश जी के बाद सभी देवी-देवादि कुल, वास्तु, नवग्रह और ईष्ट देवी-देवतादि को प्रणाम कर आशीर्वाद लेते हुए कष्ट का निवारण कर शत्रुओं का संहार करने वाली वाल्गा (बंगलामुखी) का विनियोग मंत्र दाहिने हाथ में जल लेकर पढ़ें-ॐ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषि: त्रिष्टुप्छन्द: बगलामुखी देवता, ह्लींबीजम् स्वाहा शक्ति: ममाभीष्ट सिध्यर्थे जपे विनियोग: (जल नीचे गिरा दें)। अब माता का ध्यान करें, याद रहे सारी पूजा में हल्दी और पीला पुष्प अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
ध्यान-
सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम,
पीताम्बरा भरण माल्य विभूषिताड्गीं
देवीं भजामि धृत मुद्गर वैरिजिह्वाम
जिह्वाग्र मादाय करेण देवीं,
वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम,
गदाभिघातेन च दक्षिणेन,
पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि॥
पूजा में निम्न ध्यान अवश्य रखें -
- ब्रह्मचर्य, शुद्ध और स्वच्छ आसन गणेश नमस्कार और घी का दीपक ध्यान और शुद्ध मंत्र का उच्चारण पीले वस्त्र पहनना और पीली हल्दी की माला से जाप करना।
- तिल और चावल में दूध मिलाकर माता का हवन करने से श्री प्राप्ति होती है और दरिद्रता दूर भागती है।
- गूगल और तिल से हवन करने से कारागार से मुक्ति मिलती है।
- अगर वशीकरण करना हो तो उत्तर की ओर मुख करके और धन प्राप्ति के लिए पश्चिम की ओर मुख करके हवन करना चाहिए।
- बगलामुखी मंत्र के उच्चारण से चमत्कारी शक्तियां प्राप्त होती हैं। बगलामुखी मंत्र दुश्मनों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए जाना जाता है।
- बगलामुखी मंत्र विशेष रूप से प्रशासन और प्रबंधन संवर्ग के लोगों, राजनेताओं, ऋण या मुकदमेबाजी की समस्याओं का सामना करने वाले लोगों आदि के लिए सुझाया जाता है।
- बगलामुखी मंत्र का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है जो व्यवसाय, वित्तीय समस्याओं, झूठे अदालती मामलों, झूठे आरोपों, ऋण में हानि का सामना कर रहा है।
- समस्याएँ, पेशे में बाधाएँ, आदि प्रतियोगी परीक्षाओं, वाद-विवाद आदि के लिए दिखाई देने वाले लोगों के लिए बगलामुखी मंत्र प्रभावी होता है।
- बगलामुखी मंत्र बुरी आत्माओं और बुरी नज़र को दूर करने में भी मदद करता है।
- यह आपको अपने दुश्मनों के बुरे इरादों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह आपको पेशेवर रूप से अधिक सफल बनने में मदद करता है
- यह आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- यह आपके आसपास की सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है।
- यह पारिवारिक जीवन को अधिक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण बनाता है।
- यह अन्य लोगों द्वारा आपके ऊपर लगाए गए किसी भी अभिशाप को दूर कर सकता है।
- यह मोक्ष की यात्रा पर आपकी मदद करता है (मोक्ष)
- बगलामुखी यंत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- बगलामुखी यंत्र की प्रतिदिन अगरबत्ती और दीपक से पूजा की जानी चाहिए।
- यंत्र की पूजा करने से पहले उसे गंगाजल से पवित्र करना होता है
- बागलामुखी के अच्छे प्रभाव 30-45 दिनों के भीतर महसूस होंगे और आप अपने जीवन में महत्वपूर्ण सुधार देखेंगे।
- इस यंत्र की पूजा के दौरान पीले कपड़े पहनना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- इस यंत्र की पूजा के दौरान बगलामुखी साधना मंत्र का जाप करना चाहिए।
"ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा "
- ॐ गं गणपतये नमः : इस मंत्र के जाप से व्यापार लाभ, संतान प्राप्ति, विवाह आदि में लाभ प्राप्त होता है।
- ॐ हृीं नमः : इस मन्त्र के जाप से धन प्राप्ति होती है।
- ॐ नमः शिवाय : यह दिव्य मन्त्र जाप से शारीरिक और मानसिक कष्टों का निवारण होता है।
- ॐ शांति प्रशांति सर्व क्रोधोपशमनि स्वाहा : इस मन्त्र के जाप से क्रोध शांत होता है।
- ॐ हृीं श्रीं अर्ह नमः : इस मंत्र के जाप से सफलता प्राप्त होती है।
- ॐ क्लिीं ॐ : इस मंत्र के जाप से रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं और बिगड़े काम बनते हैं।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय : इस मंत्र के जाप से आकस्मिक दुर्घटना से मुक्ति मिलती है।
- ॐ हृीं हनुमते रुद्रात्म कायै हुं फटः : सामाजिक रुतबा बढ़ता है और पदोन्नति प्राप्त होती है।
- ॐ हं पवन बंदनाय स्वाहा : भूत प्रेत और ऊपरी हवा से मुक्ति प्राप्त होती है।
- ॐ भ्रां भ्रीं भौं सः राहवे नमः : परिवार में क्लेश दूर होता है और शांति बनी रहती है।
- ॐ नम: शिवाय : इस मंत्र के जाप से आयु में वृद्धि होती है और शारीरिक रोग दोष दूर होते हैं।
- ॐ महादेवाय नम: सामाजिक उन्नति और धन प्राप्ति के लिए यह मन्त्र उपयोगी है।
- ॐ नम: शिवाय : इस मंत्र से पुत्र की प्राप्ति होती है।
- ॐ नमो भगवते रुद्राय : मान सम्मान की प्राप्ति होती है और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है।
- ॐ नमो भगवते रुद्राय : मोक्ष प्राप्ति हेतु।
- ॐ महादेवाय नम: घर और वाहन की प्राप्ति हेतु।
- ॐ शंकराय नम: दरिद्रता, रोग, भय, बन्धन, क्लेश नाश के लिए इस मंत्र का जाप करें।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
