कुबेर अष्टोत्तर शतमावली

कुबेर अष्टोत्तर शतमावली

अष्टोत्तर शतमावली का जप करने से साधक को धन, ऐश्वर्य, सुख, संतोष, प्रतिष्ठा, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। भगवान कुबेर के प्रत्येक नाम में उनकी किसी विशेष शक्ति, गुण या कृपा का स्मरण है, जिससे भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, समृद्धि, और संतुलन आता है। 


॥ श्री कुबॆर अष्टॊत्तर शतनामावलि ॥

ॐ कुबॆराय नमः ।
ॐ धनदाय नमः ।
ॐ श्रीमदॆ नमः ।
ॐ यक्षॆशाय नमः ।
ॐ गुह्यकॆश्वराय नमः ।
ॐ निधीशाय नमः ।
ॐ शंकरसखाय नमः ।
ॐ महालक्ष्मीनिवासभुवयॆ नमः ।
ॐ महापद्मनिधीशाय नमः ।
ॐ पूर्णाय नमः ॥ १० ॥

ॐ पद्मनिधीश्वराय नमः ।
ॐ शंखाख्य निधिनाथाय नमः ।
ॐ मकराख्यनिधिप्रियाय नमः ।
ॐ सुखछाप निधिनायकाय नमः ।
ॐ मुकुंदनिधिनायकाय नमः ।
ॐ कुंदाक्यनिधिनाथाय नमः ।
ॐ नीलनित्याधिपाय नमः ।
ॐ महतॆ नमः ।
ॐ वरनित्याधिपाय नमः ।
ॐ पूज्याय नमः ॥ २० ॥

ॐ लक्ष्मीसाम्राज्यदायकाय नमः ।
ॐ इलपिलापतयॆ नमः ।
ॐ कॊशाधीशाय नमः ।
ॐ कुलॊधीशाय नमः ।
ॐ अश्वरूपाय नमः ।
ॐ विश्ववंद्याय नमः ।
ॐ विशॆषज्ञानाय नमः ।
ॐ विशारदाय नमः ।
ॐ नळकूभरनाथाय नमः ।
ॐ मणिग्रीवपित्रॆ नमः ॥ ३० ॥

ॐ गूढमंत्राय नमः ।
ॐ वैश्रवणाय नमः ।
ॐ चित्रलॆखामनप्रियाय नमः ।
ॐ ऎकपिंकाय नमः ।
ॐ अलकाधीशाय नमः ।
ॐ पौलस्त्याय नमः ।
ॐ नरवाहनाय नमः ।
ॐ कैलासशैलनिलयाय नमः ।
ॐ राज्यदाय नमः ।
ॐ रावणाग्रजाय नमः ॥ ४० ॥

ॐ चित्रचैत्ररथाय नमः ।
ॐ उद्यानविहाराय नमः ।
ॐ सुकुतूहलाय नमः ।
ॐ महॊत्सहाय नमः ।
ॐ महाप्राज्ञाय नमः ।
ॐ सदापुष्पकवाहनाय नमः ।
ॐ सार्वभ्ॐआय नमः ।
ॐ अंगनाथाय नमः ।
ॐ सॊमाय नमः ।
ॐ स्ॐयदिकॆश्वराय नमः ।
ॐ पुण्यात्मनॆ नमः ॥ ५० ॥

ॐ पुरूहतश्रीयै नमः ।
ॐ सर्वपुण्यजनॆश्वराय नमः ।
ॐ नित्यकीर्तयॆ नमः ।
ॐ लंकाप्राक्तन नायकाय नमः ।
ॐ यक्षाय नमः ।
ॐ परमशांतात्मनॆ नमः ।
ॐ यक्षराजॆ नमः ।
ॐ यक्षिणिविरुत्ताय नमः ।
ॐ किन्नरॆश्वराय नमः ।
ॐ किंपुरुषनाथाय नमः ॥ ६० ॥

ॐ खड्गायुधाय नमः ।
ॐ वशिनॆ नमः ।
ॐ ईशानदक्षपार्श्वस्थाय नमः ।
ॐ वायुनामसमाश्रयाय नमः ।
ॐ धर्ममार्गैकनिरताय नमः ।
ॐ धर्मसंमुखसंस्थिताय नमः ।
ॐ नित्यॆश्वराय नमः ।
ॐ धनाध्यक्षाय नमः ।
ॐ अष्टलक्ष्म्याश्रीतालयाय नमः ।
ॐ मनुष्यधर्मण्यॆ नमः ॥ ७० ॥

ॐ सकृताय नमः ।
ॐ कॊशलक्ष्मीसमाश्रिताय नमः ।
ॐ धनलक्ष्मीनित्यवासाय नमः ।
ॐ धान्यलक्ष्मीनिवासभुवयॆ नमः ।
ॐ अश्वलक्ष्मीसदावासाय नमः ।
ॐ गजलक्ष्मीस्थिरालयाय नमः ।
ॐ राज्यलक्ष्मीजन्मगॆहाय नमः ।
ॐ धैर्यलक्ष्मीकृपाश्रयाय नमः ।
ॐ अखंडैश्वर्यसंयुक्ताय नमः ।
ॐ नित्यानंदाय नमः ॥ ८० ॥

ॐ सुखाश्रयाय नमः ।
ॐ नित्यतृप्ताय नमः ।
ॐ निधिवॆत्रॆ नमः ।
ॐ निराशाय नमः ।
ॐ निरुपद्रवाय नमः ।
ॐ नित्यकामाय नमः ।
ॐ निराकांक्षाय नमः ।
ॐ निरुपाधिकवासभुवयॆ नमः ।
ॐ शांताय नमः ।
ॐ सर्वगुणॊपॆताय नमः ॥ ९० ॥

ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
ॐ सर्वसम्मताय नमः ।
ॐ सर्वाणिकरुणापात्राय नमः ।
ॐ सदानंद कृपालयाय नमः ।
ॐ गंधर्वकुलसंसॆव्याय नमः ।
ॐ सौगंधिक कुसुमप्रियाय नमः ।
ॐ स्वर्णनगरीवासाय नमः ।
ॐ निधिपीठसमाश्रिताय नमः ।
ॐ महामॆरुद्रास्तायनॆ नमः ।
ॐ महर्षीगणसंस्तुताय नमः ॥ १०० ॥

ॐ तुष्टाय नमः ।
ॐ शूर्पणका ज्य़ॆष्ठाय नमः ।
ॐ शिवपूजारथाय नमः ।
ॐ अनघाय नमः ।
ॐ राजयॊगसमायुक्ताय नमः ।
ॐ राजशॆखरपूजयॆ नमः ।
ॐ राजराजाय नमः ।
ॐ कुबॆराय नमः ॥ १०८ ॥

॥ इती श्री कुबॆर अष्टॊत्तर शतनामावलिः संपूर्णम्‌ ॥
 
ॐ कुबेराय नमः – भगवान कुबेर को नमन। वे धन के स्वामी और समृद्धि के दाता हैं।
महत्व: धन, वैभव और समृद्धि के अधिपति।

ॐ धनदाय नमः – जो धन देने वाले हैं।
महत्व: जीवन में आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए।

ॐ श्रीमदॆ नमः – जो श्री (ऐश्वर्य) से पूर्ण हैं।
महत्व: ऐश्वर्य और समृद्धि का स्रोत।

ॐ यक्षेषाय नमः – यक्षों के स्वामी।
महत्व: यक्ष-रक्षा और गुप्त निधियों के अधिपति।

ॐ गुह्यकेश्वराय नमः – गुप्त और रहस्यमय निधियों के स्वामी।
महत्व: छिपे हुए खजानों और रहस्यों के अधिपति।

ॐ निधीशाय नमः – सभी निधियों के स्वामी।
महत्व: सम्पूर्ण धन-संपदा के स्वामी।

ॐ शंकरसखाय नमः – भगवान शिव के मित्र।
महत्व: शिवजी की कृपा और सुरक्षा का आशीर्वाद।

ॐ महालक्ष्मीनिवासभुवये नमः – महालक्ष्मी के निवास स्थान वाले।
महत्व: धन-वैभव और लक्ष्मी की कृपा।

ॐ महापद्मनिधीशाय नमः – महापद्म (विशाल कमल) निधि के स्वामी।
महत्व: विशाल और पवित्र धन के अधिपति।

ॐ पूर्णाय नमः – जो पूर्णता के स्वामी हैं।
महत्व: जीवन की संपूर्णता, तृप्ति और संतोष।

ॐ पद्मनिधीश्वराय नमः – पद्म (कमल) निधि के स्वामी।
महत्व: शुद्ध और पवित्र धन की प्राप्ति।

ॐ शंखाख्य निधिनाथाय नमः – शंख नामक निधि के स्वामी।
महत्व: शुभ और पवित्र धन का प्रतीक।

ॐ मकराख्य निधिप्रियाय नमः – मकर नामक निधि के प्रिय।
महत्व: शुभता और समृद्धि के दाता।

ॐ सुखछाप निधिनायकाय नमः – सुख छाप (छाप छोड़ने वाले) निधि के स्वामी।
महत्व: सुख और आनंद की प्राप्ति।

ॐ मुकुंदनिधिनायकाय नमः – मुकुंद (मोक्षदाता) निधि के स्वामी।
महत्व: मोक्ष और मुक्ति का दाता।

ॐ कुंदाक्य निधिनाथाय नमः – कुंदाक्य नामक निधि के स्वामी।
महत्व: शांति, शुद्धता और समृद्धि।

ॐ नीलनित्याधिपाय नमः – नील (नीला) निधि के शाश्वत स्वामी।
महत्व: स्थिरता, शांति और शाश्वत धन।

ॐ महते नमः – महान और विशाल।
महत्व: महानता, प्रतिष्ठा और शक्ति।

ॐ वरनित्याधिपाय नमः – वरदान देने वाले शाश्वत स्वामी।
महत्व: इच्छापूर्ति और आशीर्वाद के दाता।

ॐ पूज्याय नमः – पूजनीय।
महत्व: सम्मान, प्रतिष्ठा और आदर के पात्र।

ॐ लक्ष्मीसाम्राज्यदायकाय नमः – जो लक्ष्मी का साम्राज्य देते हैं।
महत्व: धन, वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद।

ॐ इलपिलापतये नमः – इलपिला (अमूल्य रत्न) के स्वामी।
महत्व: अमूल्य धन और वैभव।

ॐ कोशाधीशाय नमः – खजाने के स्वामी।
महत्व: सम्पत्ति और धन के संरक्षक।

ॐ कुलोधीशाय नमः – कुल के स्वामी।
महत्व: परिवार और वंश के संरक्षक।

ॐ अश्वरूपाय नमः – अश्व के समान तेजस्वी।
महत्व: शक्ति, गति और विजय।

ॐ विश्ववंद्याय नमः – जो पूरे विश्व द्वारा पूजित हैं।
महत्व: सार्वभौमिक सम्मान और प्रतिष्ठा।

ॐ विशेषज्ञानाय नमः – विशेष ज्ञान के दाता।
महत्व: बुद्धि, विवेक और ज्ञान।

ॐ विशारदाय नमः – जो दक्ष और पारंगत हैं।
महत्व: कौशल और दक्षता।

ॐ नलकूभरनाथाय नमः – नल और कूभर (यक्ष) के स्वामी।
महत्व: यक्षों के राजा, सुरक्षाकर्ता।

ॐ मणिग्रीवपित्रे नमः – मणिग्रीव के पिता।
महत्व: दिव्य शक्तियों के पिता और संरक्षक।
 
श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली में भगवान कुबेर के 108 नामों का संकलन है, जिनमें वे धन, ऐश्वर्य, समृद्धि, गुप्त निधियों के स्वामी, यक्षों के राजा, शिव के मित्र, महालक्ष्मी के वासस्थान, और विविध निधियों के अधिपति के रूप में वर्णित हैं। प्रत्येक नाम भगवान कुबेर के किसी विशेष गुण, शक्ति या स्वरूप का स्मरण कराता है, जैसे—धनदाय (धन देने वाले), श्रीमते (ऐश्वर्य से युक्त), यक्षेश (यक्षों के स्वामी), निधीश (निधियों के स्वामी), शंकरसखा (शिव के मित्र), महालक्ष्मीनिवास (लक्ष्मी के निवास स्थान), पूर्ण (पूर्णता के प्रतीक) आदि। इन नामों का अर्थ समझकर जप करने से साधक भगवान कुबेर की कृपा, सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करता है, जिससे जीवन में धन, ऐश्वर्य, संतुलन और संतोष का संचार होता है।

इस नामावली का नियमित जप मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और भौतिक-आध्यात्मिक समृद्धि प्रदान करता है। माना जाता है कि कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली के पाठ से जीवन में आर्थिक बाधाएँ दूर होती हैं, परिवार में सुख-शांति आती है और साधक के मन में संतोष, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ती है। यह नामावली विशेष रूप से धनतेरस, दीपावली, या किसी भी शुभ अवसर पर भगवान कुबेर की आराधना के लिए की जाती है, जिससे साधक को समृद्धि, शुभता और जीवन में स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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