एंटीऑक्सीडेंट्स क्या होता है और हमारे शरीर में इसकी क्या उपयोगिता होती है
एंटी ऑक्सीडेंट्स के बारे में हम रोज सुनते हैं की इनका हमारे शरीर में बहुत सकारात्मक योगदान होता है। आइये जानते हैं की एंटीऑक्सीडेंट्स क्या होते हैं और विशेषज्ञ क्यों बताते हैं हमारे शरीर में इनकी उपयोगिता।
एंटी ऑक्सीडेंट्स : हमारे शरीर में रोज ऑक्सीकरण की प्रक्रिया होती है। हमारे शरीर में पाचन, स्वसन जैसी क्रियाओं में ऑक्सीकरण होता है। ऑक्सीकरण के दौरान कई ऐसे प्रदार्थों का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के लिए हानि कारक होते हैं।
एंटी ऑक्सीडेंट्स : हमारे शरीर में रोज ऑक्सीकरण की प्रक्रिया होती है। हमारे शरीर में पाचन, स्वसन जैसी क्रियाओं में ऑक्सीकरण होता है। ऑक्सीकरण के दौरान कई ऐसे प्रदार्थों का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के लिए हानि कारक होते हैं।
इस हानिकारक प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट्स की आवश्यकता होती है। मानव शरीर में कुछ एंटी ऑक्सीडेंट्स तो स्वंय ही बनते हैं जैसे सेल्युलर एंटीऑक्सीडेंट ग्लूथाथियॉन आदि जबकि ज्यादातर एंटीऑक्सीडेंट्स हमें वनस्पतियों से ही लेने पड़ते हैं। बात अगर जानवरों और पेड़ पौधों की होती है तो वे स्वंय अपने शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स का निर्माण करने में सक्षम होते हैं लेकिन हमें वनस्पति और जानवरों पर निर्भर रहना पड़ता है। ज्यादातर एंटी ऑक्सीडेंट्स हमें वानस्पतिक खाद्य प्रदार्थों से प्राप्त हो जाते हैं लेकिन कुछ विशेष एंटी ऑक्सीडेंट्स के लिए हमें जानवरों पर भी निर्भर होता पड़ता है जैसे, मछली, अंडे, मांस आदि। एंटी ऑक्सीडेंट्स ही हमें फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
एंटीऑक्सिडेंट कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जिनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और नट्स और बीज शामिल हैं। कुछ विशिष्ट एंटीऑक्सिडेंट में विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा-कैरोटीन, और लाइकोपीन शामिल हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स क्या होते है Anti Oxidents Kya Hote Hain
एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। मुक्त कण अस्थिर अणु होते हैं जो ऑक्सीजन के संपर्क में आने से बनते हैं। वे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे कि कैंसर, हृदय रोग और अल्जाइमर रोग। एंटीऑक्सिडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में होने वाले ऑक्सीकरण को रोकते हैं। ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें मुक्त कण बनते हैं। मुक्त कण अस्थिर होते हैं और शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को बेअसर करके शरीर को नुकसान से बचाते हैं।
एंटीऑक्सिडेंट कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जिनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और नट्स और बीज शामिल हैं। कुछ विशिष्ट एंटीऑक्सिडेंट में विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा-कैरोटीन, और लाइकोपीन शामिल हैं।
शरीर की क्रियाओं के अतिरिक्त हमारे शरीर में अन्य माध्यमों से भी विषाक्त कण आ जाते हैं जैसे, धूम्रपान, खान पान की आदतें, प्रदुषण आदि। एंटी ऑक्सीडेंट्स मानव शरीर की कोशिकाओं की चैन रिएक्शन को बंद करने में सहायता करता है जो की आख़िरकार में कोशिकाओं को क्षति पहुंचाता है। एंटी ऑक्सीडेंट्स को आप मिनरल्स, विटामिन्स और पोषक तत्वों का एक समूह के रूप में समझ सकते हैं जो की शरीर को विषाक्त कणों से लड़ने की क्षमता देता है। बीटा कैरोटिन, ल्यूटिन लाइकोपिन, फ्लैवोनाइड, लीगनान जैसे एंटीओक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है।
बीटा कैरोटिन, ल्यूटिन लाइकोपिन, फ्लैवोनाइड, लीगनान जैसे एंटीओक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है। एंटी ऑक्सीडेंट्स हमें कई प्रकार के रोगों से बचाते हैं जैसे कैंसर आदि। ये बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करने में सक्षम होते हैं। एंटी ओक्सेंट्स मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं एक तो जिन्हे हमारा शरीर स्वंय बनाता है और दूसरा जिन्हे हम बाह्य प्रदार्थों से प्राप्त करते हैं। हमारा शरीर मुख्यतया रेस्वेराट्रोल ग्लूटेथिओन (Glutathione), अल्फा-लिपोइक (Aplha-lipoic acid) और कोक्यू आदि एंटी ऑक्सीडेंट्स का निर्माण करता है इसके अलावा (Reveratrol), कैरोटीनॉयड (Carotnoids), एस्टैक्सैंटीन (Astaxanthin), विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम आदि एन्टिऑक्सेंट्स हमें वनस्पतियों और अन्य माध्यमों से ग्रहण करने पड़ते हैं।
हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट्स के कमी के लक्षण : यदि हमारा भोजन 'बैलेंस्ड' नहीं है तो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी होना तय बात है क्योंकि ज्यादातर उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट्स हमें ताज़ी सब्जियों, फलों और अन्य खाद्य प्रदार्थों से ही प्राप्त होते हैं, हमारा शरीर को कुछ विशेष प्रकार के ही एंटी ओक्सेंट्स का निर्माण कर पाता है। यदि खान पान का ध्यान नहीं रखा जाता है तो एन्टिऑक्सेंट्स की कमी हो जाती है और जिसके लक्षण है जैसे अकारण थकान और सुस्ती, किसी काम में मन नहीं लगना, चिड़चिड़ा स्वभाव, त्वचा का रंग बदलना, स्मृति का विलोप, बार बार बीमार पड़ना आदि।
बीटा कैरोटिन, ल्यूटिन लाइकोपिन, फ्लैवोनाइड, लीगनान जैसे एंटीओक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है। एंटी ऑक्सीडेंट्स हमें कई प्रकार के रोगों से बचाते हैं जैसे कैंसर आदि। ये बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करने में सक्षम होते हैं। एंटी ओक्सेंट्स मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं एक तो जिन्हे हमारा शरीर स्वंय बनाता है और दूसरा जिन्हे हम बाह्य प्रदार्थों से प्राप्त करते हैं। हमारा शरीर मुख्यतया रेस्वेराट्रोल ग्लूटेथिओन (Glutathione), अल्फा-लिपोइक (Aplha-lipoic acid) और कोक्यू आदि एंटी ऑक्सीडेंट्स का निर्माण करता है इसके अलावा (Reveratrol), कैरोटीनॉयड (Carotnoids), एस्टैक्सैंटीन (Astaxanthin), विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम आदि एन्टिऑक्सेंट्स हमें वनस्पतियों और अन्य माध्यमों से ग्रहण करने पड़ते हैं।
हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट्स के कमी के लक्षण : यदि हमारा भोजन 'बैलेंस्ड' नहीं है तो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी होना तय बात है क्योंकि ज्यादातर उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट्स हमें ताज़ी सब्जियों, फलों और अन्य खाद्य प्रदार्थों से ही प्राप्त होते हैं, हमारा शरीर को कुछ विशेष प्रकार के ही एंटी ओक्सेंट्स का निर्माण कर पाता है। यदि खान पान का ध्यान नहीं रखा जाता है तो एन्टिऑक्सेंट्स की कमी हो जाती है और जिसके लक्षण है जैसे अकारण थकान और सुस्ती, किसी काम में मन नहीं लगना, चिड़चिड़ा स्वभाव, त्वचा का रंग बदलना, स्मृति का विलोप, बार बार बीमार पड़ना आदि।
एंटीऑक्सीडेंट्स की हमारे शरीर में भूमिका
हमारे शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की कई उपयोगिता होती है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में होने वाले ऑक्सीकरण को रोकते हैं। ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें मुक्त कण बनते हैं। मुक्त कण अस्थिर होते हैं और शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को बेअसर करके शरीर को नुकसान से बचाते हैं।
कोशिकाओं को नुकसान से बचाना: एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। मुक्त कण अस्थिर अणु होते हैं जो ऑक्सीजन के संपर्क में आने से बनते हैं। वे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे कि कैंसर, हृदय रोग और अल्जाइमर रोग।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना: एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। वे सफेद रक्त कोशिकाओं को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
सूजन को कम करना: एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सूजन एक सामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, लेकिन यह कई बीमारियों के लिए एक जोखिम कारक भी हो सकती है।
क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करना: एंटीऑक्सीडेंट क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करने में मदद करते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने से इन सभी स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
एंटीऑक्सीडेंट की कुछ विशिष्ट उपयोगिताएँ निम्नलिखित हैं:
- कैंसर के जोखिम को कम करना: एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं।
- हृदय रोग के जोखिम को कम करना: एंटीऑक्सीडेंट धमनियों को नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
- अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करना: एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क को नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं, जिससे अल्जाइमर रोग का खतरा कम हो सकता है।
- मधुमेह के जोखिम को कम करना: एंटीऑक्सीडेंट रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट की कमी के लक्षण
एंटीऑक्सीडेंट की कमी के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ लोग निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:
- बार-बार संक्रमण: एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से बार-बार संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है।
- सूजन: एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से सूजन बढ़ सकती है।
- त्वचा की समस्याएं: एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से त्वचा की समस्याएं, जैसे कि मुँहासे, रूखी त्वचा और झुर्रियां हो सकती हैं।
- आँखों की समस्याएं: एंटीऑक्सीडेंट आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से आंखों की समस्याएं, जैसे कि मोतियाबिंद और धब्बेदार अध: पतन हो सकता है।
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: एंटीऑक्सीडेंट मांसपेशियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- मनोदशा में बदलाव: एंटीऑक्सीडेंट मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, इसलिए उनकी कमी से मनोदशा में बदलाव हो सकता है।
- स्वस्थ आहार न लेना: एक स्वस्थ आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, नट्स और बीज शामिल होते हैं, जो सभी एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत हैं।
- तंबाकू का सेवन: तंबाकू का सेवन मुक्त कणों के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की कमी का कारण बन सकता है।
- अल्कोहल का सेवन: अल्कोहल का सेवन भी मुक्त कणों के उत्पादन को बढ़ा सकता है।
- कई दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड, एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को कम कर सकती हैं।
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