अलसी जीरा और अजवाईन का चूर्ण से करें मोटापा दूर Motapa Dur Karne Ke Liye Alasi Jeera Ajwain

अलसी जीरा और अजवाईन का चूर्ण से करें मोटापा दूर Motapa Dur Karne Ke Liye Alasi Jeera Ajwain

अलसी अजवाइन और जीरा तीनों ही पोषक तत्वों से भरपूर हैं और इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अलसी अजवाइन और जीरा का चूर्ण पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह कब्ज, गैस, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। अलसी अजवाइन और जीरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो वजन कम करने में मदद करता है। यह भूख को कम करने में मदद करता है और शरीर से अतिरिक्त वसा को बाहर निकालने में मदद करता है।अलसी अजवाइन और जीरा में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
 
अलसी जीरा और अजवाईन का चूर्ण से करें मोटापा दूर Motapa Dur Karne Ke Liye Alasi Jeera Ajwain

मोटापा कम करे Alsi jeera ajwain for weight loss in hindi

अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण मोटापा कम करने में काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से निम्नलिखित लाभ होते हैं: अलसी अजवाइन जीरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो भूख को कम करने में मदद करता है। इससे आप कम खाते हैं और शरीर में कैलोरी की मात्रा कम होती है। अलसी अजवाइन जीरा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर से अतिरिक्त वसा को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
अलसी अजवाइन जीरा में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे कैलोरी बर्न होने की दर बढ़ती है।
 

पाचन तंत्र में सुधार improve digestion system

जीरा और अजवाइन दोनों ही मसाले हैं जो हमारे किचन में आसानी से उपलब्ध होते हैं। इन दोनों का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अजवाइन और जीरा के सेवन से पाचन तंत्र में सुधार होता है।

अजवाइन और जीरा में पाचन तंत्र को सुधारने वाले कई गुण पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
  • पेट में गैस और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।
  • पाचन रस के स्राव को बढ़ाते हैं।
  • भोजन को पचाने में मदद करते हैं।
  • पेट की सूजन को कम करते हैं।
अजवाइन और जीरा का सेवन करने से पाचन तंत्र की कई समस्याओं से राहत मिल सकती है। इनका सेवन करने से पेट में गैस और कब्ज की समस्या दूर हो सकती है। इसके अलावा, ये पाचन रस के स्राव को बढ़ाते हैं, जिससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। अजवाइन और जीरा के सेवन से पेट की सूजन भी कम होती है।

अजवाइन और जीरा का सेवन करने के कई तरीके हैं। इनका सेवन आप खाना पकाने में या फिर अलग से भी कर सकते हैं। खाना पकाने में इनका इस्तेमाल करने से भोजन का स्वाद बढ़ता है और साथ ही पाचन तंत्र को भी फायदा होता है। अजवाइन और जीरा का सेवन करने का एक अच्छा तरीका है इसका पानी पीना। इसके लिए आप एक कप पानी में एक चम्मच अजवाइन और एक चम्मच जीरा डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसे छानकर पी लें। आप चाहें तो इसमें नींबू का रस या अदरक का रस भी मिला सकते हैं।

अजवाइन और जीरा का सेवन करने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। इसलिए, इनका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
 

गैस और कब्ज में आराम

अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण गैस और कब्ज की समस्या में आराम दिलाने में बहुत मददगार होता है। इन सभी में फाइबर की मात्रा काफी अच्छी होती है, जो मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके अलावा, इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण बनाने के लिए, आप इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर, इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रख दें और रोजाना सोते समय एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लें। कुछ दिनों के नियमित सेवन से आपको गैस और कब्ज की समस्या में आराम मिलने लगेगा।
 

शरीर की गंदगी निकाले

अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण शरीर को डिटॉक्स करने में बहुत मददगार होता है। इन सभी में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण बनाने के लिए, आप इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर, इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रख दें और रोजाना सोते समय एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लें। कुछ दिनों के नियमित सेवन से आपको शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलेगी।
 

त्वचा के लिए फायदेमंद Good For Skin

अलसी अजवाइन जीरा का चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। यह चूर्ण शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार बनती है। इसके अलावा, यह चूर्ण त्वचा से जुड़ी समस्याओं जैसे मुँहासे, दाग-धब्बे, और झुर्रियों को दूर करने में भी मदद करता है।
 

अलसी, अजवाइन और जीरे का चूर्ण क्या है और कैसे बनाएं

यदि आप अपने शरीर से अतिरिक्त चर्बी को दूर करना चाहते हैं या फिर विशेष रूप से पेट की चर्बी को समाप्त करना चाहते हैं तो अलसी, जीरा और अजवाइन का चूर्ण आपके लिए लाभकारी है। वर्षों से इसको घर पर ही बनाया जाता रहा है और इसके सेवन से मोटापा दूर किया जाता रहा है। आइये जानते हैं की हम घर पर इसे कैसे बना सकते हैं। इसके लिए जीरा
और अजवाइन तो आपकी रसोई में ही उपलब्ध हो जायेंगे और अलसी के बीज आप पंसारी की दुकान से लेकर आएं।
हमें ये चूर्ण बनाने के लिए तीन चमच अलसी के बीजों का चूर्ण बनाना है तो आप उसी मात्रा में अलसी के बीज लें और इन्हे तवे पर बहुत कम आंच पर सेक लें। इन्हे चार से पांच मिनट तक धीमे आंच पर सेक लें और ध्यान रखे की ये जले नहीं बस हल्का सा सिक जाय। सिकने के बाद अलसी के बीजों का मिक्सी से बारीक चूर्ण बना लें।
इसके बाद आप दो चम्मच जीरा और दो चम्मच अजवाइन लें और इन्हे मिक्सी में महीन पीस लें। अब इस चूर्ण में अलसी के चूर्ण को भी मिला लें। यह आपका चूर्ण तैयार हो गया है। इस चूर्ण को डिब्बे में भरकर रख लें।

चूर्ण का सेवन कैसे करें

इस चूर्ण का उपयोग आपको खाली पेट एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ करना है।

चूर्ण के सेवन में सावधानिया

इस चूर्ण की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन एक चम्मच से ज्यादा नहीं करना चाहिए। शरीर में ठंडक बनी रहे इसके लिए शरीर में ठंडक पहुंचाने वाले आहार का सेवन अधिक करें। आइये जानते है की चूर्ण में हम जो अलसी, जीरा और अजवाइन मिलाते हैं उनके लाभ क्या है और क्यों वे हमारे शरीर के लिए लाभदायक हैं।

अलसी

अलसी के बीज (Flax Seeds) हमारे लिए लाभदायी होते हैं। अलसी के बीज में प्रोटीन, आयरन, जिंक, पोटैशियम, फोस्फोरस, विटामिन बी काम्प्लेक्स, कैल्सियम,

विटामिन C, विटामिन E, मैगनिशियम, मैगनीस, कॉपर, जिंक, सेलेनियम, फाइबर, कैरोटीन आदि तत्व पाए जाते हैं। इसके आलावा अलसी में ओमेगा ३ भी पाया जाता है। अलसी के सेवन से हृदय रोग, वजन कम करने, मधुमेह, पाचन में सुधार, शरीर को शुद्ध करने और त्वचा आदि विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 
 

अलसी के पोषक तत्व (Flax Seeds Nutritional Value)

अलसी के बीज एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड: अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा सबसे अधिक होती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
  • प्रोटीन: अलसी के बीज में प्रोटीन की मात्रा भी अच्छी होती है। प्रोटीन शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व है।
  • फाइबर: अलसी के बीज में फाइबर की मात्रा भी अच्छी होती है। फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • विटामिन और खनिज: अलसी के बीज में विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं, जिनमें विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन, और जिंक शामिल हैं।

अलसी के बीज के स्वास्थ्य लाभों में शामिल हैं:
  • हृदय स्वास्थ्य में सुधार: अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
  • पाचन स्वास्थ्य में सुधार: अलसी के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर कब्ज को रोकने, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
  • मधुमेह के जोखिम को कम करता है: अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
  • मोटापे को कम करता है: अलसी के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है।
  • त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार: अलसी के बीज में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

अजवायन

अजवाइन (Trachyspermum Ammi) अजवाइन मूल रूप से मिश्र देश से सबंधित है। पाचन और गैस से सबंधित समस्याओं के लिए अजवाइन का उपयोग हमारे घरों में किया जाता रहा है। अजवाइन का स्वाद तीखा और तासीर गर्म होती है। अजवाइन में मौजूद एंजाइम पाचन को सरल बनाते है और गेस्ट्रिक समस्या को दूर करते हैं। खट्टी डकारों के लिए अजवाइन चूर्ण का सेवन लाभदायक होता है। भुने हुए जीरे के साथ अजवाइन लेने (अजवाइन का चूर्ण) से एसिडिटी की समस्या दूर होती है। इसके आलावा मोटापा, पेट और आँतों के

कीड़े, प्रसव के उपरान्त गर्भाशय को शुद्ध करने के लिए, अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने, मसूड़ों के रोगों के इलाज के लिए भी अजवाइन का उपयोग किया जाता है। 
 

अजवाइन के पोषक तत्व

  • विटामिन: अजवाइन विटामिन ए, सी, के, ई, और बी6 का एक अच्छा स्रोत है। विटामिन ए दृष्टि, प्रतिरक्षा प्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए आवश्यक है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है। विटामिन के रक्त के थक्के बनने के लिए आवश्यक है। विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट है जो कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करता है। विटामिन बी6 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • खनिज: अजवाइन पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। सोडियम शरीर के तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। फॉस्फोरस हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है।
  • कार्बोहाइड्रेट: अजवाइन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है।
  • फाइबर: अजवाइन फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • प्रोटीन: अजवाइन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है।
अजवाइन के स्वास्थ्य लाभों में शामिल हैं:
  • पाचन स्वास्थ्य में सुधार: अजवाइन में फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। फाइबर कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद: अजवाइन में पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना: अजवाइन में पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना: अजवाइन में विटामिन सी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

जीरा Cumin

जीरा, जिसका हम सब्जी में तड़का देते हैं उसके कई औषधीय गुण भी हैं। जीरा का औषधीय उपयोग भी है। जीरा पाचन तंत्र को सुधरता है। जीरे में पाए जाने वाले कई गुण पाचन तंत्र को सुधारते हैं। जीरे में थायमाल जैसे ऑयल होते हैं जो सेलिवरी ग्लेंड्स को उत्तेजित कर पाचन तंत्र में सहयोग करते हैं। जीरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व पाचन की क्रिया को मजबूत बनाते हैं। आप जीरे की चाय का सेवन कर सकते हैं और आप जीरे को महीन पीस कर उसमे आंवले और अजवाईन को पीस कर उस में काला नमक मिला कर सेवन करने से अजीर्ण और गैस की समस्या दूर होती है।

वैसे तो जीरा हमारी रसोई में आम तौर में पाया जाता है और सब्जियों, रायते आदि में इसका छौंक लगता है। लेकिन यदि जीरे को अन्य विधि से उपयोग में लिया जाय तो जीरे की औषधीय गुणों में इजाफा हो जाता है। वैसे तो आप स्वंय ही यह विचार कीजिये की यदि जीरा में कोई गुण होते ही नहीं तो सदियों से यह हमारी रसोई में स्थान बना कर नहीं रख पाता। 
 
जीरा में पोषक तत्व (cumin seeds nutritional value)
जीरा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी सही है। जीरा एक पौष्टिक मसाला है जो कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जीरे में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:
  • विटामिन: जीरा विटामिन ए, सी, के, ई, और बी6 का एक अच्छा स्रोत है। विटामिन ए दृष्टि, प्रतिरक्षा प्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए आवश्यक है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है। विटामिन के रक्त के थक्के बनने के लिए आवश्यक है। विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट है जो कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करता है। विटामिन बी6 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • खनिज: जीरा मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, और पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। फॉस्फोरस हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • कार्बोहाइड्रेट: जीरे में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है।
  • फाइबर: जीरा फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • प्रोटीन: जीरे में प्रोटीन की मात्रा कम होती है।
 

जीरा के औषधीय गुण

जीरा को संस्कृत में जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला। जीरा शीतल, रुचिकर, विषनाशक, नेत्रों के लिए हितकारी और पेट के गैस को दूर करनेवाला है. आफ़रा, अरुचि, रक्तविकार, अतिसार, पित्त आदि में जीरा अति प्रभावकारी है। आयुर्वेद में जीरे की औषधीय गुणों को पहचान कर पाचन तंत्र से सबंधित विकारों के इलाज के लिए औषधीय उपयोग किया जाता। जीरे की संरचना

पर यदि गौर किया जाय तो जीरा एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, माशपेशियों की सूजन दूर करता है ( एंटी इंफ्लेमेंटरी), इसके अलावा जीरे में आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को पोषण देते हैं। इनके अलावा विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे विटामिन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

जीरे का सेवन कैसे करें

जीरे का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करने के लिए आप इसे सब्जियों के चौंक में डाले, जीरे को भून कर पीस लें और सब्जी, सलाद और दही, लस्सी आदि में इसका उपयोक करें।

जीरा की तासीर

जीरे की तासीर गर्म होती है लेकिन संयमित मात्रा में सेवन करने से यह शरीर में गर्मी उत्पन्न नहीं करता है।

जीरा कौनसा बेहतर होता है काला या सफ़ेद

औषधीय रूप से देखा जाय तो काला जीरा अधिक उपयोगी होता है। 

अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण के नुकसान

अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। लेकिन इसका सेवन करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे कुछ लोगों को कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण के नुकसान निम्नलिखित हैं:
  • पेट में जलन और सीने में जलन: अलसी, अजवाइन और जीरे की तासीर गर्म होती है। इसलिए, अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से पेट में जलन और सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
  • एलर्जी: कुछ लोगों को अलसी, अजवाइन या जीरे से एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोगों को इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया: अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। इसलिए, अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन करते समय निम्नलिखित सावधानियां रखें:
  1. अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  2. अगर आपको किसी भी तरह का दुष्प्रभाव दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  3. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  4. अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अलसी अजवाइन जीरा चूर्ण एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है। लेकिन इसका सेवन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि किसी भी तरह का नुकसान न हो।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Disclaimer : इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी https://lyricspandits.blogspot.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है। अस्वीकरण सबंधी विस्तार से सूचना के लिए यहाँ क्लिक करे।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
 
+

1 टिप्पणी

  1. Mene gar m in sabka power bna ke rkha h or roj subha khali pet garm pani ke saat leti hu mera 1 month m 2 kg weight loss hua h