लक्ष्मी चालीसा माता लक्ष्मी की स्तुति में रचित 40 छंदों का एक पवित्र स्तोत्र है, जो भक्तों को धन, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करने में सहायक माना जाता है। नियमित रूप से इसका पाठ करने से जीवन में आर्थिक स्थिरता और खुशहाली आती है।
लक्ष्मी चालीसा का महत्त्व: दरिद्रता का नाश: प्रतिदिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से जीवन से दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
शुक्र ग्रह के दोषों का निवारण: नियमित पाठ से शुक्र ग्रह से संबंधित दोष समाप्त होते हैं, जिससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
लक्ष्मी चालीसा पाठ की विधि:
समय: प्रातःकाल स्नान के पश्चात् स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर बैठें।
वस्त्र: श्वेत या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें।
मूर्ति स्थापना: लाल रेशमी वस्त्र पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और साथ में भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र भी रखें।
पूजन सामग्री: कुमकुम, घी का दीपक, गुलाब की सुगंध वाली धूप, कमल का फूल, इत्र, चंदन, अबीर, गुलाल, अक्षत आदि से माता लक्ष्मी की पूजा करें।
भोग: माता लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित करें।
पाठ: सच्चे मन से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
॥ दोहा ॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास । मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस ॥॥ सोरठा ॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं । सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदम्बिका ॥
॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही । ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोही ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी । सब विधि पुरवहु आस हमारी ॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा ॥ तुम ही हो सब घट घट वासी । विनती यही हमारी खासी ॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी । दीनन की तुम हो हितकारी ॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी । कृपा करौ जग जननि भवानी ॥ केहि विधि स्तुति करौं तिहारी । सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥ कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी । जगजननी विनती सुन मोरी ॥ ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता । संकट हरो हमारी माता ॥ क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो । चौदह रत्न सिन्धु में पायो ॥
Laxmi Mata Bhajan LakshmiMataBhajanLyricsHindi
चौदह रत्न में तुम सुखरासी । सेवा कियो प्रभु बनि दासी ॥ जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा । रुप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥ स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा । लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥ तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं । सेवा कियो हृदय पुलकाहीं ॥ अपनाया तोहि अन्तर्यामी । विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी ॥ तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी । कहं लौ महिमा कहौं बखानी ॥ मन क्रम वचन करै सेवकाई । मन इच्छित वांछित फल पाई ॥ तजि छल कपट और चतुराई । पूजहिं विविध भांति मनलाई ॥ और हाल मैं कहौं बुझाई । जो यह पाठ करै मन लाई ॥ ताको कोई कष्ट नोई । मन इच्छित पावै फल सोई ॥ त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि । त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी ॥ जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै । ध्यान लगाकर सुनै सुनावै ॥ ताकौ कोई न रोग सतावै । पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै ॥ पुत्रहीन अरु सम्पति हीना । अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना ॥ विप्र बोलाय कै पाठ करावै । शंका दिल में कभी न लावै ॥ पाठ करावै दिन चालीसा । ता पर कृपा करैं गौरीसा ॥ सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै । कमी नहीं काहू की आवै ॥
बारह मास करै जो पूजा । तेहि सम धन्य और नहिं दूजा ॥ प्रतिदिन पाठ करै मन माही । उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं ॥ बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई । लेय परीक्षा ध्यान लगाई ॥ करि विश्वास करै व्रत नेमा । होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा ॥ जय जय जय लक्ष्मी भवानी । सब में व्यापित हो गुण खानी ॥ तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं । तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं ॥ मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै । संकट काटि भक्ति मोहि दीजै ॥ भूल चूक करि क्षमा हमारी । दर्शन दजै दशा निहारी ॥ बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी । तुमहि अछत दुःख सहते भारी ॥ नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में । सब जानत हो अपने मन में ॥ रुप चतुर्भुज करके धारण । कष्ट मोर अब करहु निवारण ॥ केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई । ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई ॥
॥ दोहा ॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास । जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश ॥ रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर । मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर ॥
Lakshmi Chalisa - with Hindi lyrics
लक्ष्मी चालीसा का महत्त्व बहुत अधिक है। यह एक भक्तिपूर्ण पाठ है जो धन और समृद्धि की देवी, माता लक्ष्मी की स्तुति करता है। लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से धन, समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
लक्ष्मी चालीसा के महत्त्व के कुछ कारण निम्नलिखित हैं: यह एक भक्तिपूर्ण पाठ है जो माता लक्ष्मी की स्तुति करता है। जब हम माता लक्ष्मी की स्तुति करते हैं, तो हम उनके प्रति अपना प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करते हैं। इससे हमें उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है। लक्ष्मी चालीसा में माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में वर्णित किया गया है। जब हम इस पाठ का पाठ करते हैं, तो यह हमारे मन में माता लक्ष्मी की शक्ति को जागृत करता है। इससे हमें धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद मिलती है। यह एक आध्यात्मिक पाठ है जो हमें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। लक्ष्मी चालीसा में माता लक्ष्मी के गुणों और आशीर्वादों का वर्णन किया गया है। जब हम इस पाठ का पाठ करते हैं, तो यह हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इससे हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं