साधो ये मुरदों का गांव
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
मरि हैं जिन्दा जोगी
राजा मरिहैं परजा मरिहै
मरिहैं बैद और रोगी
चंदा मरिहै सूरज मरिहै
मरिहैं धरणि आकासा
चौदां भुवन के चौधरी मरिहैं
इन्हूं की का आसा
नौहूं मरिहैं दसहूं मरिहैं
मरि हैं सहज अठ्ठासी
तैंतीस कोट देवता मरि हैं
बड़ी काल की बाजी
नाम अनाम अनंत रहत है
दूजा तत्व न होइ
कहत कबीर सुनो भाई साधो
भटक मरो ना कोई
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
मरि हैं जिन्दा जोगी
राजा मरिहैं परजा मरिहै
मरिहैं बैद और रोगी
चंदा मरिहै सूरज मरिहै
मरिहैं धरणि आकासा
चौदां भुवन के चौधरी मरिहैं
इन्हूं की का आसा
नौहूं मरिहैं दसहूं मरिहैं
मरि हैं सहज अठ्ठासी
तैंतीस कोट देवता मरि हैं
बड़ी काल की बाजी
नाम अनाम अनंत रहत है
दूजा तत्व न होइ
कहत कबीर सुनो भाई साधो
भटक मरो ना कोई
sadho ye murdon ka gaon साधो ये मुरदों का गाँव by Pujya Bhaishriji RameshBhaiOza Ji
Saadho Ye Muradon Ka Gaanv
Peer Mare Paigambar Marihain
Mari Hain Jinda Jogee
Raaja Marihain Paraja Marihai
Marihain Baid Aur Rogee
Chanda Marihai Sooraj Marihai
Marihain Dharani Aakaasa
Chaudaan Bhuvan Ke Chaudharee Marihain
Inhoon Kee Ka Aasa
Nauhoon Marihain Dasahoon Marihain
Mari Hain Sahaj Aththaasee
Taintees Kot Devata Mari Hain
Badee Kaal Kee Baajee
Naam Anaam Anant Rahat Hai
Dooja Tatv Na Hoi
Kahat Kabeer Suno Bhaee Saadho
Bhatak Maro Na Koee
Peer Mare Paigambar Marihain
Mari Hain Jinda Jogee
Raaja Marihain Paraja Marihai
Marihain Baid Aur Rogee
Chanda Marihai Sooraj Marihai
Marihain Dharani Aakaasa
Chaudaan Bhuvan Ke Chaudharee Marihain
Inhoon Kee Ka Aasa
Nauhoon Marihain Dasahoon Marihain
Mari Hain Sahaj Aththaasee
Taintees Kot Devata Mari Hain
Badee Kaal Kee Baajee
Naam Anaam Anant Rahat Hai
Dooja Tatv Na Hoi
Kahat Kabeer Suno Bhaee Saadho
Bhatak Maro Na Koee
भजन में संत कबीर मृत्यु के अपरिहार्य सत्य को समझाने का प्रयास करते हैं। वे कहते हैं कि यह संसार "मुरदों का गांव" है, जहां सभी को मृत्यु का सामना करना है। चाहे वह पीर हो या पैगंबर, राजा हो या प्रजा, वैद्य हो या रोगी, सभी नश्वर हैं। यहां तक कि चंद्रमा, सूर्य, पृथ्वी, आकाश और चौदह भुवनों के अधिपति भी काल के चक्र से बच नहीं सकते। तैंतीस कोटि देवता भी इस मृत्यु के खेल का हिस्सा हैं। यह भजन हमें यह समझाने की कोशिश करता है कि जीवन और मृत्यु के इस अस्थायी चक्र में फंसने के बजाय, हमें परम सत्य और अनंत तत्व को पहचानने का प्रयास करना चाहिए। कबीर कहते हैं कि केवल "नाम" (परमात्मा का नाम) ही अनंत और अमर है। इस अनंत तत्व के अलावा कोई दूसरी सच्चाई नहीं है। इसलिए, वे साधुओं को भटकने और व्यर्थ जीवन जीने से बचने की सलाह देते हैं और सत्य की खोज में लगने का आह्वान करते हैं।
जैसे घर में छांया के लिए वृक्ष होना चाहिए उसी भांति निंदक को दोस्त बनाना चाहिए। निंदक हमारी कमियों को गिनाता है जिससे सुधार करने में सहायता मिलती है। जो मित्र हां में हां भरे वो मित्र नहीं शत्रु होता है।
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Author - Saroj Jangir
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