Patanjali Ushirasav Benefits, Doses, Price and Usages पतंजली उशीरासव के फायदे, उपयोग, कीमत और डोज
उशीरासव क्या है : उशीरासव एक आयुर्वेदिक फार्मूलेशन से तैयार सिरप (अस्व) रूप में दवा होती है, जिसका मुख्य घटक उसीर (खस) ( Vetiver plant ) -Chrysopogon zizanioides होता है जिसके कई चिकित्सीय लाभ होते हैं। मूत्र रोगों के इलाज के लिए यह दवा उत्तम परिणाम देने वाली दवा है। इस दवा में स्वतः ही कुछ मात्रा में अल्कोहल उत्पन्न होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है।
उशीरासव के घटक : उशीर, नेत्र बाला, नील कमल, कमल, सफ़ेद कमल,गंभारी , नीलोत्पल, प्रियंगु ,पद्म काष्ठ , मंजिष्ठा जवासा ,पाठा ,चिरायता, पित्तपापड़ा ,कांचनार ,मोचरस, मुनक्का ,धातकी पुष्प एवं गुड़ इत्यादि होते हैं एंव निर्माता के अनुसार इनकी मात्रा और घटक में बदलाव सम्भव है। कृपया भैसाज्य रत्नावली, चैप्टर १३। (१६२-१६६) उपरोक्त सभी घटकों को पीस कर महीन चूर्ण का रूप दिया जाता है, मुनक्का मिलाकर इन्हें कुछ दिनों तक छोड़ दिया जाता है। इसके उपरांत शास्त्रीय विधि से इसे दवा के स्वरुप में बदला जाता है।
पतंजली उशीरासव के फायदे / लाभ : इसके सभी घटक शरीर में शीतलता प्रदान करते हैं। इस सिरप के फायदे / रोग निवारण निम्न प्रकार से हैं :-
- पतंजली उशीरासव रक्त विकारों के लिए यह दवा उत्तम मानी जाती है क्योंकि यह रक्त की कमी, रक्त पित्त, रक्त स्त्राव, आदि को दुरुस्त करती है।
- पतंजली उशीरासव रक्तस्त्राव को नियंत्रित करती है। नाक, गुदा, कान, महिलाओं की ब्लीडिंग, प्रसव के बाद की ब्लीडिंग आदि में उपयोगी होती है। अनियंत्रित रूप से मासिक धर्म में ब्लीडिंग के उपचार के लिए कार्य में लायी जाती है।
- पतंजली उशीरासव के सेवन से रक्त शोधन होता है, रक्त की अशुद्धियाँ दूर होती हैं।
- पतंजली उशीरासव से मूत्र विकारों का निदान किया जाता है।
- पित्त बिगड़ने से यदि शरीर में अधिक ताप रहता हो, हाथ पैर और तलवो में जलन और दाह को समाप्त करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है क्यों की इस दवा से शरीर में शीतलता आती है।
- पतंजली उशीरासव मूत्र वर्धक है।
- पतंजली उशीरासव शीतल और रक्त शोधक है।
- रक्त पित्त, पांडू, बवासीर, प्रमेह, कर्मी आदि रोगों के लिए इसका उपयोग एकल और अन्य दवाओं के संयोग से किया जाता है।
- पाइल्स के रक्त स्त्राव को समाप्त करने के लिए उपचार में लायी जाती है।
- पतंजली उशीरासव के उपयोग से पित्त शांत होता है और पित्तजनित विकार दूर होते हैं। शरीर में गर्मी शांत होती है।
- पतंजली उशीरासव शरीर में गर्मी के कारन पेशाब में जलन को कम करता है।
- पतंजली उशीरासव यह एंटी बेक्टेरिअल और कर्मी नाशक होता है।
- आंत्र परजीवी और पेट के कृमी को समाप्त करता है।
- वीर्यपात के उपचार के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
- मूत्र वर्धक होने के साथ ही मूत्र करते वक़्त होने वाले दर्द (चीस) में भी लाभदायी होता है। यह क्रमिनाश्क और शीतल होता है। पेशाब में जलन को भी समाप्त करे।
- चरम रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
- रक्त वाहिकाओं को दुरुस्त करता है और रक्त संचरण को भी सुचारू करने में सहायक।
पतंजली उशीरासव की कीमत : वर्तमान में पतंजली उशीरासव 450 ml में उपलब्ध है जिसकी 75/- है। आप इसकी कीमत के / कीमत के बदलाव बारे में पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करके जान सकते हैं।
पतंजली उशीरासव की तासीर :इसकी तासीर ठंडी होती है।
पतंजली उशीरासव कहाँ से ख़रीदे : पतंजली उशीरासव को खरीदने के लिए आप पतंजली के स्टोर्स या फिर ऑनलाइन खरीदने के लिए पतंजलि आयुर्वेद की अधिकृत वेब साईट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया गया है।
पतंजली उशीरासव के विषय में पतंजलि का कथन :
Divya Usirasav is an ayurvedic product used for ahaemostatic and pitta pacifying. It is diuretic, cooling, tranquilizer and blood purifier. Divya Usirasav is a liquid Ayurveda medicine used in treating bleeding disorders, skin diseases.
पतंजली उशीरासव के नुकसान /साइड इफ़ेक्ट : पतंजली उशीरासव के ज्ञात कोई भी नुकसान हैं होते हैं। इसे वैद्य के दिशा निर्देश पर लेने से आपको किसी प्रकार की हानि नहीं होती है। यद्यपि आयुर्वेदिक दवाओं का कोई साइड इफ्फेक्ट्स नहीं होता है फिर भी किसी भी दवा को बगैर वैद्य की सलाह के नहीं लेना चाहिए। पतंजलि मेडिकल स्टोर्स पर आपको इस बारे में वैद्य से सलाह लेनी चाहिए जो नि शुल्क है।
पतंजली उशीरासव का भंडारण :ठन्डे और नमी रहित स्थान पर कमरे के सामान्य तापमान पर रखें।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life
and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.