गुड़ के लाभ और उपयोग सेवन विधि

क्या गुड़ फेफड़ों की सफाई करता है गुड़ के लाभ और उपयोग

गुड़ के लाभ और उपयोग Gud Ke Fayade Fefado Ke Liye

गुड़ खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही औषधीय गुणों से भरपूर होती है। गुड़ फेफड़ों की साफ़ सफाई करने का बहुत ही कारगर प्राचीन ओषधि है। प्राचीन समय से ही भारी कल कारखानों, धुएं में काम करने वाले और भारी धातु के काम करने वाले, धूल मिटटी में काम करने वाले श्रमिकों को गुड़ दिया जाता था जिसका संभवतः यही कारण रहा है की गुड़ शरीर से विषाक्त कणों को दूर करने में मददगार होता है। 
 
बगैर प्रोसेस का पुराना गुड़ क्यों है लाभकारी?  बाजार में प्रोसेस किया हुआ क्रीम कलर (गौरा ) का गुड़ ज्यादा मिलता है बनिस्पत चोकलेट कलर के अनप्रोसेस्ड गुड़ के। इस विषय में ध्यान रखने योग्य है की गुड़ यदि कलर में गहरा है तो वो खराब नहीं बल्कि अधिक गुणकारी है। गुड़ को जब शुद्ध किया जाता है तब यदि मानकों (स्टैण्डर्ड) का पालन नहीं किया जाय तो भले ही वह दिखने में अधिक साफ़ लगे लेकिन वह गुणकारी ही हो यह जरुरी नहीं है। गुड़ में पाया जाने वाला फास्फोरस चोकलेट रंग के गुड़ में अधिक मिलता है। गुड़ के रंग को साफ़ करने की जुगत में प्रायः उसमें पाए जाने वाले औषधीय नष्ट हो जाते हैं। 

वैद्य की सलाह उपरान्त (यदि गुड़ दे सेवन से आपको कोई हानि ना हो, या किसी रोग विशेष में गुड़ का सेवन वर्जित ना हो) आप नित्य भोजन के उपरान्त गुड़ का सेवन करें, विशेषकर सर्दियों में तो यह बहुत ही फायदेमंद होता है। प्रोसेस से अभिप्राय है की मानकों के तहत अशुद्धियों को तो दूर कर लिया जाय (धूल, मिट्टी आदि ) लेकिन गुड़ को आधी गौरा बनाने के लिए प्रोसेस के दौरान कोई वर्जित वस्तु का उपयोग नहीं किया जाय । ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर आज भी चीनी के स्थान पर गुड़ का ही उपयोग होता है। चाय में भी गुड़ को ही चीनी के स्थान पर उपयोग में लाया जाता है। गुड़ से ना केवल आपको पोषक तत्वों की प्राप्ति होगी बल्कि यह आपकी पाचन क्रिया को भी दूरस्त करने में सहायक है। गुड़ स्वंय भी सुपाच्य होता है और यही कारण है की पहले जब शिशु का जन्म होता था तो गुड़ की चासनी को नवजात शिशु को चटाया जाता था। 
गुड़ से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व : गुड़ लोह्तत्व का प्रमुख स्त्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) में बहुत ही उपयोगी होता है इसके साथ ही गुड़ में प्रचुर मात्र में फास्फोरस और केल्सियम भी होता है। इनके दीगर गुड़ से हमें ग्लूकोज़, फ्रुक्टोज़, खनिज पदार्थ, चूना, पोटाश, फासफ़ोरस आदि भी प्राप्त होते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों के संक्रमण के उपचार में लाभदायक माना गया है। गुड़ से हमें सुक्रोज़, चीनी, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, प्रोटीन' विटामिन बी, कार्बोहाइड्रेट आदि की भी प्राप्ति होती है। गुड़ से होनी वाले लाभों में मुख्य रूप से यह शरीर की शक्ति को बढाता है, रक्त की कमी को दूर करता है, हड्डियों को मजबूत कर जोड़ों के दर्द में भी लाभदायी होता है, सर्दी जुकाम को दूर कर फेफड़ों के संक्रमण को दूर करता है, कफ्फ को दूर करता है।
विभिन्न भाषाओं में गुड़ के नाम : संस्कृत : गुड (शाब्दिक अर्थ : 'गेंद'), बंगाली, असमिया, ओडिया, भोजपुरी, मैथिली, उर्दू, पंजाबी : गुड़, सिन्धी : गुढ़ (ڳُڙ), कोंकनी : गोड, मलयालम : शर्क्करा या चक्कर, गुजराती : गोल (ગોળ), राजस्थानी : गोल गूल, मराठी : गुळ कन्नड : बेल्ल (ಬೆಲ್ಲ), तेलुगु : बेल्लम् (బెల్లం), तमिल : वेल्लम् (வெல்லம்), सिंहल : हकुरु (හකුරු), नेपाली : भेली सन्दर्भ : क्या गुड़ फेफड़ों की सफाई करता है : गुड़ के लाभ और उपयोग 

JAGGERY FOR KAPHA | पुराना गुड़ न मिले तो क्या खाए | नित्यानन्दम श्री

गुड़ एक प्राकृतिक शोधक : गुड़ शरीर के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक सफाई करने वाला होता है। गुड़ श्वसन क्रिया , फेफड़ों, आंतों, पेट और भोजन नली को साफ़ करने का गुण रखता है। यही कारण है कि कारखानों या कोयला खदानों जैसे भारी प्रदूषित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए गुड़ के सेवन करने की सलाह दी जाती है। गुड़ में लोहतत्व प्रचूर मात्रा में होता है जिससे यह एनीमिया से लड़ने और रक्त की कमी को दूर करता है। रक्त की कमी को दूर करने के अतिरिक्त गुड़ रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और श्वसन प्रणाली को भी दुरुस्त करता है। गुड़ एंटी-एलर्जी गन भी होते हैं जिससे यह यह फेफड़ों की एलर्जी को भी दूर करने में सक्षम होने के साथ साथ खांसी को भी शांत करता है। श्वसन तंत्र के सुधार के लिए तिल या तिल का तेल उपयोग करना उचित रहता है। 
सन्दर्भ : 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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