मन मैला तन ऊजरा बगुला कपटी हिंदी मीनिंग Man Maila Tan Ujara Bagula Kapati Ang Hindi Meaning

मन मैला तन ऊजरा बगुला कपटी हिंदी मीनिंग Man Maila Tan Ujara Bagula Kapati Ang Hindi Meaning

 
मन मैला तन ऊजरा बगुला कपटी हिंदी मीनिंग

मन मैला तन ऊजरा , बगुला कपटी अंग ।
तासों तो कौवा भला , तन मन एकहिं अंग ।।

Man Maila Tan Ujara, Bagula Kapati Ang,
Taso To Kouva Bhala, Tan Man Ekahi Ang.


दोहे का हिंदी मीनिंग:
बाह्याचार और धार्मिक आडम्बरों का विरोध स्वरुप वाणी है की जो व्यक्ति मन से, हृदय से दूषित है और कपट रखता है वह बगुले के समान ही होता है, उसके आचरण में भिन्नता होती है, दिखावा होता है हृदय और वास्तविक आचरण में बहुत ही अंतर होता हो। ऐसा व्यक्ति बगुले के समान आचरण का होता है जो दिखता कुछ है और करता कुछ और है। कौवे को इसीलिए श्रेष्ठ बताया गया है क्योंकि वह रंग रूप से भी काला होता है, आचरण में भी काला होता है हृदय से भी काला ही होता है। भाव है की आचरण और व्यवहार में यदि भिन्नता है तो वह व्यक्ति भक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता है। हृदय की पवित्रता बहुत ही आवश्यक है।

माला तिलक लगाय के, भक्ति न आई हाथ।
दाढ़ी मूंछ मुंडाय के, चले चुनि का साथ ।। 
 
उपरोक्त की ही भाँती कबीर साहेब की वाणी है की भक्ति का दिखावा करना यथा भगवा पहन लेना, दाढ़ी मूंछ को बढ़ा लेना और कुछ समान विचारधारा के व्यक्तियों का झुण्ड बनाकर, मण्डली बना कर विचरण करना भक्ति नहीं है, ना ही भगवान ही हाथ आने वाला है। अन्यत्र स्थान पर कबीर साहेब की वाणी है की " जटां बढ़ाए हरी ना मिले, हर कोई लेवे बढ़ाए, जटां बढ़ावे वन रा रींछडा, कब अमरा पुर जाय।" और "शीश मुंडाया हरी ना मिले, हर कोई लेवे मुंडाय, शीश मुंडावे वन री भेड्की, कब अमरापुर जाय। " भाव है की बाह्य आडम्बर और दिखावे से पमात्मा की प्राप्ति वहम है जिससे कुछ प्राप्त होने वाला नहीं है।

साधु सती और सूरमा , राखा रहै न ओट ।
माथा बांधि पताक सों , नेजा घालै चोट ।। 
 
साधू सती और सूरमा तीनों ही वीर होते हैं और यह किसी ओट में छुप नहीं सकते हैं। यह माथे पर भाले की चोट के लिए भी तैयार रहते हैं। भाव है की जो व्यक्ति भक्ति करना चाहता है, भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ना चाहता है वह अन्य बाधाओं से डरता नहीं है, जो माया के जाल में फँस कर डरने लगता है वे भक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता है। भक्ति मार्ग पर किसी बढ़ने के लिए चुनना पड़ता है जिसे योध्या यदि मैदान में उतर जाए तो फिर वह पीछे नहीं मुड़ सकता है।

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