खाटू श्याम जी का मेला कब भरता है
खाटू श्याम जी का मेला कब भरता है
खाटू श्याम जी का मेला फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की ग्यारस (एकादशी) को भरता है। श्री खाटू श्याम जी के मेले को "लक्खी मेला" भी कहा जाता है। खाटू श्याम जी के मेले में ना केवल राजस्थान अपितु सम्पूर्ण भारत से बाबा के भक्त एकत्रित होते हैं।
श्री खाटू श्याम मेला विशेष तिथि Khatu Shyam Ji Falgun Mela 2021 Dates
श्री खाटू श्याम मेला विशेष तिथि Khatu Shyam Ji Falgun Mela 2021 Dates
- 19 मार्च 2021 – शुक्रवार (षष्ठी )
- 20 मार्च 2021 – शनिवार (सप्तमी)
- 21 मार्च 2021 – रविवार (सप्तमी)
- 22 मार्च 2021 – सोमवार (अष्टमी)
- 23 मार्च 2021 – मंगलवार (नवमी)
- 24 मार्च 2021 – बुधवार (दशमी)
- 25 मार्च 2021 – गुरूवार (एकादशी)
- 26 मार्च 2021 – शुक्रवार (द्वादशी)
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार के द्वारी दिशा निर्देशों के मुताबिक़ इस वर्ष खाटू श्याम जी के मेले हेतु निम्न बिंदुओं का ध्यान रखें -
- मेले में सम्मिलित होने वाले सभी श्रद्धालुओं से कोरोना वायरस की जाँच उपरान्त जारी रिपोर्ट की एक प्रति स्वंय के पास होना अपेक्षित हैं जिससे कोरोना महामारी से बचाव किया जा सके। कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट होने पर ही मेले परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी।
- श्रद्धालुओं का इस बाबत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और कोरोना जाँच के आधार पर ही मेले में सम्मिलित होने की अनुमति जारी की जायेगी।
- फाल्गुन एकादशी 25 मार्च 2021 को है एंव इसी तिथि को मेले का प्रमुख दिवस होता है। मेला कितने दिन तक चलेगा अभी इसकी जिला प्रशाशन द्वारा कोई पुष्ट ख़बर जारी नहीं की गई है।
- इस वर्ष कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भंडारे लगाने पर प्रतिबन्ध रहेगा।
- डीजे पर पिछले वर्ष की भाँती से प्रतिबन्ध रहेगा।
- मेले में पेट के बल रेंग कर आने को इस वर्ष बंद रखा गया है।
- मंदिर मेला परिसर में सामान लेकर आने की अनुमति नहीं होगी।
- यदि आप मेले में सम्मिलित होना चाहते हैं तो सरकार के द्वारा जारी समस्त दिशा निर्देशों का पालन करे जो आपके और अन्य सभी लोगों के हित में होगा।
-बाबा श्याम, हारे का सहारा आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करे। जय बाबा की।
श्री खाटू श्याम जी की आरती का समय Shri Khatu Shyam Ji Aarti Time Table
आरती का समय: शीतकाल का समय:- मंगला आरती -प्रात: 5.30 बजे
- श्रृंगार आरती - प्रात: 8.00 बजे
- भोग आरती - दोहपर 12.30 बजे
- संध्या आरती - सांय 6.30 बजे
- शयन आरती - रात्रि 9.00 बजे
- ग्रीष्मकाल का समय:
- मंगला आरती - प्रात: 5:30 बजे
- श्रृंगार आरती - प्रात: 7.00 बजे
- भोग आरती - दोपहर 12.30 बजे
- संध्या आरती - सांय 7.30 बजे
- शयन आरती - रात्रि 10.00 बजे
